एक छोटे से गांव में दो लड़के रहते थे, राम और श्याम। दोनों लड़के एक ही स्कूल में पढ़ते थे, लेकिन उनके स्वभाव और आदतें बिल्कुल अलग थीं।
राम एक अच्छा लड़का था, जो हमेशा सच बोलता था और दूसरों की मदद करता था।वह अपने माता-पिता की बात मानता था और उनके द्वारा दिए गए मार्ग पर चलता था।
दूसरी ओर, श्याम एक बुरा लड़का था, जो हमेशा झूठ बोलता था और दूसरों को परेशानकरता था। वह अपने माता-पिता की बात नहीं मानता था और उनके द्वारा दिए गए मार्गको नहीं अपनाता था।
एक दिन, दोनों लड़के एक नदी के किनारे बैठे थे। राम ने देखा कि नदी का जल साफऔर स्वच्छ था, जबकि श्याम ने देखा कि नदी का जल गंदा और मैला था।
राम ने कहा, "नदी का जल साफ और स्वच्छ है, क्योंकि यह अपने स्रोत से निकलता हैऔर समुद्र में जाकर मिल जाता है।"
श्याम ने कहा, "नदी का जल गंदा और मैला है, क्योंकि इसमें कई सारे गंदे नाले औरसीवर मिल जाते हैं।"
एक बूढ़े आदमी ने उनकी बात सुनी और कहा, "दोनों लड़कों की बातें सही हैं। नदी काजल साफ और स्वच्छ होता है, लेकिन जब इसमें गंदे नाले और सीवर मिल जाते हैं, तोयह गंदा और मैला हो जाता है।"
"लेकिन," बूढ़े आदमी ने आगे कहा, "इसी तरह से मनुष्य द्वारा चुना हर मार्ग, चाहे वहअच्छा हो या बुरा, भगवान तक जाता है। अगर हम अच्छे मार्ग पर चलते हैं, तो हमभगवान के पास पहुंचेंगे, और अगर हम बुरे मार्ग पर चलते हैं, तो भी हम भगवान के पासपहुंचेंगे।"
राम और श्याम ने बूढ़े आदमी की बात समझी और अपने जीवन में बदलाव लाने काफैसला किया। राम ने अपने अच्छे मार्ग पर चलना जारी रखा, जबकि श्याम ने अपने बुरेमार्ग को छोड़ दिया और अच्छे मार्ग पर चलना शुरू कर दिया।
कुछ सालों बाद, दोनों लड़के भगवान के पास पहुंच गए। भगवान ने राम से कहा, "तुमनेहमेशा अच्छे मार्ग पर चला है, इसलिए तुम्हारा स्थान मेरे पास है।"
भगवान ने श्याम से कहा, "तुमने पहले बुरे मार्ग पर चला था, लेकिन बाद में तुमने अपनेमार्ग को बदल लिया और अच्छे मार्ग पर चलना शुरू कर दिया। इसलिए, तुम्हारा भी स्थान मेरे पास है।"
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि चाहे हम किसी भी मार्ग पर चलें, भगवान तक पहुंचने का एक ही रास्ता है।
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