Monday, October 31, 2022

अपने अंदर ईमानदारी

काफी समय  पहले की बात है प्रतापगढ़ नाम का एक राज्य था वहाँ का राजा बहुत अच्छा था 
मगर राजा को एक सुख नही था 
वह यह कि उसके कोई भी संतान नही थी 
और वह चाहता था कि अब वह राज्य के अंदर किसी योग्य बच्चे को गोद ले
ताकि वह उसका उत्तराधिकारी बन सके और आगे की बागडोर को सुचारू रूप से चला सके
और इसी को देखते हुए राजा ने राज्य में घोषणा करवा दी 

की सभी बच्चे राजमहल में एकत्रित हो जाये 
ऐसा ही हुआ 
राजा ने सभी बच्चो को पौधे लगाने के लिए भिन्न भिन्न प्रकार के बीज दिए
और कहा कि अब हम 6 महीने बाद मिलेंगे और देखेंगे कि किसका पौधा सबसे अच्छा होगा 

महीना बीत जाने के बाद भी एक बच्चा ऐसा था जिसके गमले में वह बीज अभी तक नही फूटा था 
लेकिन वह रोज उसकी देखभाल करता था और रोज पौधे को पानी देता था 
देखते ही देखते 3 महीने बीत गए 
बच्चा परेशान हो गया 

तभी उसकी माँ ने कहा कि बेटा धैर्य रखो कुछ बीजो को फलने में ज्यादा वक्त लगता है 
और वह पौधे को सींचता रहा 
6 महीने हो गए राजा के पास जाने का समय आ चुका था 
लेकिन वह डर हुआ था कि सभी बच्चो के गमलो में तो पौधे होंगे और उसका गमला खाली होगा 
लेकिन वह बच्चा ईमानदार था 
और सारे बच्चे राजमहल में आ चुके थे

कुछ बच्चे जोश से भरे हुए थे 
क्योंकि उनके अंदर राज्य का उत्तराधिकारी बनने की प्रबल लालसा थी 
अब राजा ने आदेश दिया सभी बच्चे अपने अपने गमले दिखाने लगे 
मगर एक बच्चा सहमा हुआ था क्योंकि उसका गमला खाली था 
तभी राजा की नजर उस गमले पर गयी 
उसने पूछा तुम्हारा गमला तो खाली है 
तो उसने कहा लेकिन मैंने इस गमले की 6 महीने तक देखभाल की है 

राजा उसकी ईमानदारी से खुश था कि उसका गमला खाली है फिर भी वह हिम्मत करके यहाँ आ तो गया
सभी बच्चों के गमले देखने के बाद राजा ने उस बच्चे को सभी के सामने बुलाया बच्चा सहम गया 
और राजा ने वह गमला सभी को दिखाया 
सभी बच्चे जोर से हसने लगे 
राजा ने कहा शांत हो जाइये 

इतने खुश मत होइए 
आप सभी के पास जो पौधे है वो सब बंजर है आप चाहे कितनी भी मेहनत कर ले उनसे कुछ नही निकलेगा
लेकिन असली बीज यही था 
राजा उसकी ईमानदारी से बेहद खुश हुआ 
और उस बच्चे को राज्य का उत्तराधिकारी बना दिया गया 

लेकिन हमें इस कहानी से क्या सीखने को मिला 
मेरे हिसाब से 
अपने अंदर ईमानदारी का होना बहुत जरूरी है 

अगर हम खुद के साथ ईमानदार है तो जीवन के किसी न किसी पड़ाव में सफल हो ही जाएंगे 

क्योंकि हमारी औकात हमे ही पता होती है 

हम खुद को पागल बनाकर खुद का ही नुकसान करते है 

Tuesday, October 25, 2022

कामयाब इंसान

एक दिन गुप्तचरों ने सुचना दी की पडोसी राज्य हम पर हमला करने वाले है। गुप्तचरों ने बताया की खबर एकदम पक्की है।

सिर्फ तीन दिनों के भीतर पडोसी राज्य अपने विशाल सेना के साथ हम पर हमला कर देगा और उनकी सेना इतनी बड़ी है की उनका सामना करना बहुत मुश्किल है।

राजा बेहद चिंचित हो गया परेशान हो गया। राजा ने तुरंत सभा बुलाई और सभी लोगो से सलाह मांगी की अब हम लोगो का मारना तय है अगर किसी व्यक्ति के पास कोई सुझाव है तो बता सकता है कोई स्ट्रेटेजी है तो बता सकता है।

राजा के चतुर मंत्री ने कहा अब जब जान पर बात आ गयी है तो इसका एक मात्र उपाय है की हमें आज ही अभी ही इसी वक्त ही पडोसी राज्य पर हमला कर देना चाहिए।

राजा बोला, मंत्री जी हमारी सेना बहुत छोटी है हम उनका मुकाबला कैसे कर पाएंगे? मंत्री बोला, पडोसी राज्य अभी युद्ध के लिए तैयार नहीं है अभी उस राज्य पर हमला कर दे तो संभल नहीं पाएंगे और हमारे जितने की कुछ तो सम्भावना बनेगी वैसे भी हम पर हमला होने वाला है वो इतनी विशाल सेना है हम यू ही मरने वाले है।

वो वैसे भी हमें तीन दिन बाद मारने वाले है तो क्यों ना कुछ न करने से हम ये कर सकते है राजा को बात थोड़ी अच्छी लग गयी उसने तुरंत अपनी सेना को तैयार होने का आदेश दिया और उस राज्य के नागरिक भी सेना के साथ जुड़कर युद्ध में चले गए।

पड़ोसी राज्य जो था वहा तक पहुंचने से पहले एक पुल पार करना होता था। एक पुल था तो जैसे ही वो सेना पुल पार करके उस राज्य में घुस गए तो राजा ने कहा हम अपने पड़ोसी राज्य में घुस चुके है ये जो पुल है इस पुल को जला दो और जलाने के बाद सेना को बोल दिया हमारे पास में अब और कोई ऑप्शन नहीं सिवाय लड़ने के अब हम या तो लड़ के जित ले या फिर हम यहाँ पर मर जाये।

हमारे पास भागने का कोई ऑप्शन नहीं है सभी सैनिक अपनी पूरी छमता के साथ में लड़े और पड़ोसी राज्य की बड़ी सेना को उन्होंने हरा दिया। इस ऐटिटूड के साथ में की हमारे पास में कोई और ऑप्शन ही नहीं है।

इस कहानी का मैसेज है जब आपके पास में प्लान B नहीं होता है आपके पास में सिर्फ प्लान A होता है तब उसके पुरे होने की सम्भावना बहुत अधिक होती है जब आपके पास में रास्ता सिर्फ एक होता है की ये अगर नहीं किया तो मर जायेंगे, बर्बाद हो जायेंगे तो सम्भावना बढ़ जाती है उसमे कामयाब होने की।

हर कामयाब इंसान का एक वक्त आता है जब उसको लगता है की अब अगर मैंने कुछ नहीं किया तो बर्बाद हो जाऊंगा और वो कर लेता है

Sunday, October 16, 2022

हार कर भी जीत

हरीश नाम का एक लड़का था उसको दौड़ने का बहुत शौक था  वह कई मैराथन में हिस्सा ले चुका था 
परंतु वह किसी भी race को पूरा नही करता था  एक दिन उसने ठान लिया कि चाहे कुछ भी हो जाये वह race पूरी जरूर करेगा  अब रेस शुरू हुई हरीश ने भी दौड़ना शुरू किया धीरे 2 सारे धावक आगे निकल रहे थे 
मगर अब हरीश थक गया था  वह रुक गया  फिर उसने खुद से बोला अगर मैं दौड़ नही सकता तो  कम से कम चल तो सकता हु  उसने ऐसा ही किया वह धीरे 2 चलने लगा मगर वह आगे जरूर बढ़ रहा था  अब वह बहुत ज्यादा थक  गया था और नीचे गिर पड़ा  उसने खुद को बोला  की वह कैसे भी करके आज दौड़ को पूरी जरूर करेगा  वह जिद करके वापस उठा  लड़खड़ाते हुए आगे बढ़ने लगा और अंततः वह रेस पूरी कर गया 
माना कि वह रेस हार चुका था  लेकिन आज उसका विश्वास चरम पर था क्योंकि आज से पहले  race को कभी पूरा ही नही कर पाया था  वह जमीन पर पड़ा हुआ था  क्योंकि उसके पैरों की मांसपेशियों में बहुत खिंचाव हो चुका था  लेकिन आज वह बहुत खुश था  क्योंकि  आज वह हार कर भी जीता था 

Sunday, October 9, 2022

परेशानी का मुकाबला

एक मूर्तिकार जंगल में जा रहा था और उसके दिमाग में ख्याल
आया कि क्यों ना मैं एक मूर्ति बनाऊ
धीरे धीरे वह  आगे गया और उसको एक पत्थर दिखाई दिया छोटा पत्थर था
 लेकिन वह उसको तराशने की कोशिश कर रहा था
तभी उसको एक आवाज सुनाई देती है कि  रुक जाओ 

मुझे मत तराशिये वह आस पास देखता है और वह यह
डिसाइड करता है कि ठीक है मैं को नहीं तराश रहा

थोड़ी देर बाद आगे जाता है तो बड़ा पत्थर दिखाई देता है
वह सोचता है कि मैं पत्थर पर बहुत अच्छी मूर्ति बना सकता हूं
उसने ऐसा ही किया और उस पत्थर पर बहुत अच्छी मूर्ति बनाई
 लेकिन पत्थर ज्यादा  भारी था और उसको ले जाने में उसको दिक्कत आई
 तो उसने सोचा कि मैं तीन-चार दिन बाद आ सकता हूं और
इस मूर्ति  को लेकर जा सकता हूं किसी को साथ मुझे लाना होगा वह गाँव मे चला गया

जब  वह गांव में पहुंचा उसका स्वागत हुआ 
क्यों कि गाँववालो ने एक मंदिर बनाया है और उसमें
वह  मूर्ति की स्थापना करना चाहते हैं 
मूर्तिकार ने बताया कि यह तो योग संयोग की बात है मैं अभी थोड़ी देर
 पहले एक मूर्ति बनाकर 
आया हु तो गाँव वाले  उस पत्थर को उठाकर लेकर आए और पत्थर की पूजा हुई

 तभी पीछे से बुजुर्ग ने कहा कि हमें एक और पत्थर की आवश्यकता है
 क्योंकि नारियल फोड़ने के लिए भी तो पत्थर जरूरी है 
तो उसने कहा कि मैं एक पत्थर वहां छोड़ कर आया था आप उस उसको भी लेकर आइए 
अब आप देखिए योग संयोग कैसा है कि दोनों ही पत्थर एक ही मंदिर में विराजमान थे

 लेकिन एक  एक पत्थर पूजा जा रहा था और दूसरे पर नारियल फोड़े जा रहे थे

क्योंकि उसने परेशानी का मुकाबला करने से मना कर दिया 

क्योकि  उसको वह प्रतिरोध और वह प्रताड़ना झेलनी पड़ती
क्योंकि जब लोहे को तराशा जाता है तो उसको पीटा जाता है कुटा  जाता है सोना
तभी सोना  निकलता है