यह कहानी है एक आम लड़के विक्रम की, जो अपनी आवश्यकताओं के बावजूद भी दूसरों की मदद करने का मन रखता था। उसके मन में एक खास मकसद था - उसे दुनिया के लिए कुछ ऐसा करना था कि उसकी यादें हमेशा बनी रहे।
विक्रम का पहला कदम उसके स्कूल के दिनों में आया। उसके स्कूल में एक विशेष छात्र था राजू, जिसे विक्रम की मदद की जरूरत थी। राजू विक्रम से बहुत कुछ सिखता था, लेकिन उसकी विकलताओं की वजह से वह सामाजिक रूप से बाहर रहता था। विक्रम ने राजू के साथ दोस्ती की और उसकी मदद करने का प्रयास किया। वह उसे पढ़ाई में मदद करता था और उसकी सामाजिक यात्रा में सहायता प्रदान करता था। राजू ने विक्रम के साथ एक अच्छे दोस्त की तरह वक्त बिताना शुरू किया और उसके संतोष और सफलता की कहानी बन गई।
जब विक्रम बड़े होने लगा, तो उसने एक सोच बनाई - उसे अपने काम से ही दुनिया को याद रखना था। उसने दिन-रात मेहनत की और अपने शिक्षा के क्षेत्र में मास्टर बन गया। वह अपने ज्ञान का प्रयोग करके लोगों की मदद करने लगा, चाहे वो शिक्षा से जुड़े हो या सामाजिक कार्यों में।
विक्रम की एक खास विशेषता थी - उसकी सकारात्मकता और आत्मविश्वास। उसके जादूगरी शब्द और प्रेरणादायक विचार लोगों को हमेशा उत्साहित करते रहते थे। उसके संघर्षों और सफलताओं की कहानी बहुत सी लोगों के दिलों में जगा देती थी।
एक दिन, विक्रम के साथी उससे पूछे - "तुमने इतनी मेहनत करके इतनी सारी सफलताएं हासिल की है, लेकिन क्या तुम नहीं चाहते कि इन सबके बावजूद तुम्हारे नाम का स्थान इस दुनिया में याद रहे?"
विक्रम मुस्कराया और बोले, "मरना तो सभी को है, मगर मरने से पहले कुछ ऐसा कर जाओ कि दुनिया तुम्हें याद रखे। एक छोटे से कदम से ही काफी है, जिससे हम अपने असर को छोड़ सकते हैं। मैंने इस जीवन में सिखा है कि हर कोई कुछ कर सकता है, बस उसे विश्वास होना चाहिए।"