एक समय की बात है, एक युवक अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए तैयार था। वह हर कोशिश कर रहा था लेकिन उसे लगता था कि उसकी कोशिशें सफल नहीं हो रही हैं। उसे लगता था कि उसे उस रास्ते की तलाश है, जो उसे उसके लक्ष्य तक ले जाएगा।
एक दिन, उसने अपने प्रोफेसर से राय मांगी ताकि उसे बताया जाए कि उसे क्या करना चाहिए। प्रोफेसर ने उसे कहा, "खोजेंगे अगर तभी तो रास्ते मिलेंगे। जो लोग चारों ओर से बाधाओं का सामना करते हैं, वे हमेशा रास्ते तलाशते रहते हैं। लेकिन जो लोग अपने लक्ष्यों के लिए अपना सब कुछ दे देते हैं, वे हमेशा अपने रास्ते पर जा सकते हैं।"
युवक ने इस सलाह का पालन किया और उसने अपनी खोज शुरू कर दी। वह हर रास्ते का परीक्षण करने लगा, बस उसके लक्ष्य की तलाश में। कुछ समय बाद, वह अपने लक्ष्य के पास एक रास्ता खोज लिया। उस रास्ते को देखकर वह खुश हो गया
विवेक ने बचपन से ही सोचा था कि उसे जीवन में कुछ अलग करना है। उसने अपनी शिक्षा पूरी की और उसके बाद एक सरकारी नौकरी ली। लेकिन उसके मन में आगे कुछ करने की तलाश हमेशा थी। उसे नौकरी से खुश नहीं था, उसे अपने सपनों को पूरा करने की खोज में जाना था।
एक दिन वह नौकरी से जल्दी में घर लौट रहा था जब उसे एक विज्ञापन पर नज़र पड़ा। वह अपनी गाड़ी को रोक दिया और उस विज्ञापन को पढ़ने लगा। उसमें लिखा था - "खोजेंगे अगर तभी तो रास्ते मिलेंगे।"
विवेक ने उस विज्ञापन को देखते हुए सोचा कि यही सही समय है उसके सपनों की खोज करने का। वह नौकरी छोड़कर अपने सपनों की तलाश में निकल पड़ा।
उसने कुछ समय के बाद एक नई चीज खोज ली जो उसे खुशी देती थी। उसने अपनी जीवन दृष्टि को बदल दिया। उसके सपनों की तलाश ने उसे एक सफल व्यवसायी बना दिया और उसने लोगों को अपनी खोज करने की महत्वता समझाई।
धीरे-धीरे रास्ता बेहतर होता गया। उन्होंने अब और ध्यान देने लगे थे कि किस दिशा में जाना है। वे अपनी जांच के लिए ज्यादा से ज्यादा संभव रास्तों का अनुसरण करते थे। कुछ दूर चलते ही, एक नई सड़क उन्हें आश्चर्यचकित कर दी। उन्होंने इस सड़क पर जाकर देखा तो वे अपने मंज़िल के बहुत करीब थे। वे उन नए रास्ते पर चलते हुए अपने लक्ष्य की तरफ अधिक जोश और उत्साह से बढ़ने लगे।
आखिरकार, वे अपने लक्ष्य तक पहुंच गए और वहां उन्हें उनके अभिमान का सम्मान मिला। उन्होंने एक बड़ी सफलता हासिल की थी और उन्होंने अपने आप को साबित कर दिया था कि खोज करने से हमेशा अधिक से अधिक रास्ते मिलते हैं।
इस कहानी से समझ मिलता है कि अगर हमें कोई लक्ष्य है, तो हमें धीरे-धीरे उसकी तलाश में आगे बढ़ना होगा। हमें धैर्य और उत्साह से अपने लक्ष्य की तलाश करनी चाहिए।