एक छोटे से गांव में दो लड़के रहते थे, विकास और विनोद। दोनों लड़के एक ही स्कूल मेंपढ़ते थे, लेकिन उनके स्वभाव और आदतें बिल्कुल अलग थीं।
विकास एक शक्तिशाली लड़का था, जो हमेशा अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिएप्रयास करता था। वह अपने माता-पिता की बात मानता था और उनके द्वारा दिए गएमार्ग पर चलता था।
विनोद एक निर्बल लड़का था, जो हमेशा अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हार मानलेता था। वह अपने माता-पिता की बात नहीं मानता था और उनके द्वारा दिए गए मार्गको नहीं अपनाता था।
एक दिन, दोनों लड़के एक नदी के किनारे बैठे थे। विकास ने देखा कि नदी का जलसाफ और स्वच्छ था, जबकि विनोद ने देखा कि नदी का जल गंदा और मैला था।
विकास ने कहा, "नदी का जल साफ और स्वच्छ है, क्योंकि यह अपने स्रोत से निकलताहै और समुद्र में जाकर मिल जाता है।"
विनोद ने कहा, "नदी का जल गंदा और मैला है, क्योंकि इसमें कई सारे गंदे नाले औरसीवर मिल जाते हैं।"
एक बूढ़े आदमी ने उनकी बात सुनी और कहा, "दोनों लड़कों की बातें सही हैं। नदी काजल साफ और स्वच्छ होता है, लेकिन जब इसमें गंदे नाले और सीवर मिल जाते हैं, तोयह गंदा और मैला हो जाता है।"
"लेकिन," बूढ़े आदमी ने आगे कहा, "इसी तरह से शक्ति जीवन है तो निर्बलता मृत्यु है।विस्तार जीवन है और संकुचन मृत्यु है। प्रेम जीवन है तो द्वेष मृत्यु है।"
विकास और विनोद ने बूढ़े आदमी की बात समझी और अपने जीवन में बदलाव लाने काफैसला किया। विकास ने अपने शक्तिशाली स्वभाव को और भी मजबूत बनाया, जबकिविनोद ने अपने निर्बल स्वभाव को छोड़ दिया और शक्तिशाली बनने का प्रयास किया।
कुछ सालों बाद, दोनों लड़के एक सफल व्यक्ति बन गए। विकास ने अपने लक्ष्यों कोप्राप्त किया और विनोद ने भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि शक्ति जीवन है तो निर्बलता मृत्यु है।विस्तार जीवन है और संकुचन मृत्यु है। प्रेम जीवन है तो द्वेष मृत्यु है।
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