छोटे से गाँव का रहने वाला अजय एक गरीब किसान का बेटा था। उसके घर की हालत इतनी खराब थी कि कई बार दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो जाता था। लेकिन अजय के सपने बड़े थे। वह एक दिन एक बड़ा इंजीनियर बनना चाहता था और अपने परिवार की गरीबी दूर करना चाहता था।
लेकिन गाँव के लोग उसके सपने का मजाक उड़ाते। वे कहते, "किसान का बेटा किसान ही बन सकता है, इंजीनियर नहीं!" पर अजय ने कभी उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। उसके दिल में एक ही आवाज थी—"सपने तभी सच होते हैं, जब उन्हें पूरा करने की जिद हो!"
संघर्ष की शुरुआत
अजय का स्कूल बहुत साधारण था। न अच्छे शिक्षक थे, न कोचिंग की सुविधा। लेकिन उसने हार नहीं मानी। वह पुराने किताबों से पढ़ता, स्कूल के बाद खेतों में अपने पिता की मदद करता और फिर रात में दीये की रोशनी में पढ़ाई करता।
बारहवीं की परीक्षा में उसने जिले में टॉप किया। लेकिन असली परीक्षा अब शुरू हुई थी—इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा पास करना।
पहली चुनौती – संसाधनों की कमी
अजय के पास महंगी कोचिंग के लिए पैसे नहीं थे। बड़े शहरों में जाकर पढ़ाई करना भी उसके लिए संभव नहीं था। लेकिन उसकी जिद ने उसे हार मानने नहीं दी
उसने गाँव में ही रहकर, इंटरनेट से मुफ्त नोट्स डाउनलोड कर, और खुद से पढ़ाई शुरू कर दी। कभी-कभी उसे मुश्किलें आतीं, लेकिन वह हर दिन खुद को याद दिलाता, "अगर सपना देखा है, तो उसे पूरा करने की जिद भी होनी चाहिए!"
दूसरी चुनौती – पहली असफलता
अजय ने बहुत मेहनत की और परीक्षा दी, लेकिन पहली बार में वह सफल नहीं हो पाया। यह उसके लिए बहुत बड़ा झटका था। गाँव वालों ने ताने मारने शुरू कर दिए, "हमने कहा था ना, किसान का बेटा इंजीनियर नहीं बन सकता!"
पर अजय हार मानने वालों में से नहीं था। उसने खुद को संभाला और फिर से तैयारी में जुट गया। उसने अपनी गलतियों को पहचाना और उन्हें सुधारने की ठानी
तीसरी चुनौती – सफलता की ओर बढ़ते कदम
इस बार अजय ने दोगुनी मेहनत की। उसने दिन-रात एक कर दिया, कठिन सवालों को बार-बार हल किया, और अपनी जिद को कमजोर नहीं पड़ने दिया
जब परीक्षा का परिणाम आया, तो उसने पूरे राज्य में टॉप किया! उसे देश के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला मिल गया।
अजय बना इंजीनियर – सपना हुआ सच
कई सालों की कड़ी मेहनत के बाद अजय एक सफल इंजीनियर बन गया। अब वह बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा था और अपने माता-पिता को हर वह खुशी दे रहा था, जिसके वे हकदार थे।
उसने यह साबित कर दिया कि अगर सपनों को पूरा करने की जिद हो, तो कोई भी मुश्किल हमें रोक नहीं सकती!
सीख:
अजय की कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर हमारे सपने बड़े हैं, तो उन्हें पूरा करने की जिद भी उतनी ही मजबूत होनी चाहिए। असफलताएँ आएँगी, लोग हतोत्साहित करेंगे, लेकिन अगर हम हार न मानें, तो कोई भी सपना हकीकत में बदला जा सकता है!