बहुत पहले की बात है, रामपुर नाम के गाँव में एक मुर्ख ब्राह्मण रहा करता था। ब्राह्मण का परिवार काफी गरीब था। इसलिए ब्राह्मण की पत्नी उसे बार-बार कुछ पढाई करने और कुछ सिखने के लिए कहा करती थी। लेकिन ब्राह्मण बड़ा ही कामचोर था। इसलिए वह कहीं जाना नहीं चाहता था।
एक दिन जब उसकी पत्नी ने बहुत अधिक जोर दिया और कहा की आज तुम्हे स्कूल जाकर कुछ पढाई करना ही होगा। वह अपनी पत्नी के गुस्से को देखकर तैयार हो गया। वह अपने घर से निकला और पीछे के रास्ते से जाकर घर के पीछे छुपकर बैठ गया। थोड़ी देर बाद उसके घर में कुछ लोग आए और उन लोगों के क्या बातें कहीं यह सब बस पीछे बैठे चुपचाप सुन रहा था।
जब शाम हो गई तब ब्राह्मण वापस अपने घर के पीछे से निकलकर आया और आकर अपनी पत्नी से कहा कि आज मैंने इतनी पढाई कर ली कि अब मैं भविष्य और अतीत देखने लगा हूँ। यह सुनकर उसके पत्नी को बड़ा आश्चर्य हुआ और यकीन भी नहीं हुआ तो उसने कहा कि अच्छा ऐसा है तो बताओ आज जब तुम स्कूल गए थे तो घर में क्या हुआ?
अपनी पत्नी का सवाल सुनकर ब्राह्मण ने उत्तर दिया कि आज हमारे घर म इ कौन आया था और उसने क्या बातें कहीं। यह सब तो वह पीछे बैठकर सुन ही रहा था। जवाब सुनकर ब्राह्मण की पत्नी को यकीन हो गया कि सच में उसका पति अतीत और भविष्य देखने लगा है। इसके बाद वह पुरे गाँव में घूम-घूम कर सबको यह बात बताने लगी की उसका पति भविष्य और अतीत देख सकता है वह भविष्य देख सकता है।
अगले दिन एक धोबी का गधा खो गया था और वह उसे मिल नहीं रहा था। इसलिए वह उस पंडित के पास आया और आकर उससे कहा कि मेरा गधा खो गया है, क्या आप मेरी मदद कर सकते हैं? पंडित को कुछ समझ में नहीं आया कि वह क्या करे इसलिए उसने कहा कि अभी मैं स्नान करने जा रहा हूँ जब मैं स्नान करके लौटूंगा तब मैं भविष्यवाणी करूँगा। इतना कहकर पंडित वहाँ से निकल भागा।