Tuesday, September 17, 2024

आत्मा की शक्ति

एक समय की बात हैहिमालय की गोद में बसा एक छोटा सा गाँव थाजहाँ लोगकठिन जीवन जीते थे। पर्वतीय इलाकों की चुनौतियों के बावजूद गाँव के लोग साहसीऔर दृढ़निश्चयी थे। इसी गाँव में मोहन नाम का एक युवक रहता थाजो अपने जीवन मेंअसफलताओं से निराश था। उसने कई बार कोशिश की थी कि वह अपने परिवार औरसमाज के लिए कुछ बड़ा कर सकेलेकिन हर बार उसे विफलता का सामना करना पड़ा।उसकी असफलताओं ने उसे इतना कमजोर बना दिया था कि अब वह अपने आप को कमजोर और निर्बल मानने लगा था।

एक दिनमोहन गाँव के पास की पहाड़ियों पर अकेला टहलने निकला। वह अपनीअसफलताओं के बारे में सोचता जा रहा था। "मैं कुछ नहीं कर सकता," वह सोच रहाथा। "मैंने हर कोशिश कीलेकिन मैं हर बार असफल हो गया। शायद मैं ही कमजोरहूँ।धीरे-धीरे उसका आत्मविश्वास टूट चुका था।

उसी पहाड़ी पर एक साधु बाबा तपस्या में लीन थे। उन्होंने मोहन की बातें सुनीं औरउसकी चिंता को भांप लिया। साधु ने मोहन को अपने पास बुलाया और कहा, "वत्सतुम इतना निराश क्यों होऐसा क्यों सोचते हो कि तुम कुछ नहीं कर सकते?"

मोहन ने भारी मन से कहा, "बाबामैंने कई बार कोशिश कीलेकिन हर बार असफलहुआ। अब मुझे लगता है कि मुझमें ताकत ही नहीं है। मैं शायद जन्म से ही कमजोर हूँ।"

साधु मुस्कुराए और बोले, "यह सबसे बड़ा भ्रम है जो इंसान अपने मन में पाल सकता है।कभी मत सोचो कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा पाप है।अगर कोई पाप हैतो वो यही है कि तुम यह मानो कि तुम निर्बल हो या कोई औरनिर्बल है। आत्मा तो असीमित शक्ति का स्रोत है। तुम सिर्फ अपने बाहरी असफलताओं को देख रहे होलेकिन असली ताकत तुम्हारे भीतर है।"

मोहन ने हैरान होकर पूछा, "लेकिन बाबाअगर मेरे भीतर ताकत हैतो मैं असफल क्यों हो रहा हूँ?"

साधु ने गहरी सांस ली और बोले, "असफलता सिर्फ एक सीख हैयह तुम्हें यह समझानेआती है कि तुम्हें अपनी दिशा या तरीका बदलने की जरूरत है। असली शक्ति तो उसआत्मा में है जो कभी हार नहीं मानतीजो निरंतर प्रयास करती रहती है। जिस दिन तुमनेयह मान लिया कि तुम असफल हो गए होउसी दिन तुमने अपनी आत्मा की ताकत कोनकार दिया।"

साधु ने एक कहानी सुनाई, "एक समय की बात हैएक छोटे से चींटी के बच्चे ने एकविशाल पहाड़ को पार करने का निश्चय किया। उसने रास्ते में कई कठिनाइयों का सामनाकियालेकिन उसने कभी यह नहीं सोचा कि वह कमजोर है। हर बार जब वह गिरतावहफिर से उठता और चल पड़ता। अंततः उसकी मेहनत और धैर्य ने उसे पहाड़ पार करादिया।"

मोहन ने यह कहानी सुनकर साधु से पूछा, "तो क्या इसका मतलब है कि अगर मैं कोशिश करता रहूँतो मैं सफल हो सकता हूँ?"

साधु ने उत्तर दिया, "सफलता केवल वही पाता है जो यह मानता है कि वह कर सकताहै। आत्मा में असीमित शक्ति है। कभी यह मत कहो कि तुम या कोई अन्य निर्बल है।अगर तुमने ऐसा कहातो तुमने आत्मा की शक्ति को नकार दिया।"

साधु के ये शब्द मोहन के दिल में गहराई तक उतर गए। उसने अपने भीतर की ताकत को महसूस किया और यह निश्चय किया कि वह फिर से कोशिश करेगालेकिन इस बार आत्मविश्वास और धैर्य के साथ।

अगले दिन से मोहन ने अपने कामों को नए उत्साह के साथ शुरू किया। जब भी उसेकठिनाइयों का सामना करना पड़ाउसने साधु के शब्दों को याद किया – "आत्मा केलिए कुछ भी असंभव नहीं है।धीरे-धीरे उसकी मेहनत रंग लाने लगी। जिन कामों में वहपहले असफल हो रहा थाअब उनमें उसे सफलता मिलने लगी।

कुछ ही समय में मोहन अपने गाँव का सबसे सफल व्यक्ति बन गया। उसकी सफलताका रहस्य सिर्फ उसकी मेहनत नहीं थीबल्कि वह आत्मविश्वास था जो उसने साधु केमाध्यम से सीखा था। अब वह  सिर्फ अपने लिए बल्कि गाँव के अन्य युवाओं के लिएभी प्रेरणा का स्रोत बन गया। वह हर किसी से यही कहता, "कभी यह मत सोचो कि तुमकमजोर हो। तुम्हारे भीतर असीमित शक्ति हैबस उसे पहचानने और जागरूक होने कीआवश्यकता है।"

इस प्रकार मोहन ने यह सिखा कि आत्मा की शक्ति को कभी भी कम नहीं आंकनाचाहिए। जो लोग आत्मा की शक्ति पर विश्वास करते हैंवे किसी भी असंभव कार्य को संभव बना सकते हैं।

 

 

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