Tuesday, September 3, 2024

दिमाग हमेशा अपने फायदे के बारे में सोचता है।

एक छोटे से गांव में एक लड़का रहता थाजिसका नाम रोहन था। रोहन एक अच्छा लड़का थालेकिन वह हमेशा अपने दिल और दिमाग के टकराव में रहता था।

 

एक दिनरोहन को एक नौकरी का अवसर मिला। नौकरी के लिए रोहन को शहर जाना पड़ेगालेकिन उसके माता-पिता नहीं चाहते थे कि वह शहर जाए।

 

रोहन का दिमाग कह रहा था कि नौकरी के लिए शहर जाना चाहिएलेकिन उसका दिल कह रहाथा कि माता-पिता की बात माननी चाहिए।

 

रोहन ने सोचा कि क्या करना चाहिए। वह अपने दिल और दिमाग के टकराव में परेशान था।

 

एक बूढ़े आदमी ने रोहन की परेशानी देखी और कहा, "जब भी दिल और दिमाग के टकराव हो तोदिल की सुनो।"

 

रोहन ने बूढ़े आदमी की बात मानी और अपने दिल की सुनी। उसने अपने माता-पिता की बात मानीऔर शहर नहीं गया।

 

कुछ सालों बादरोहन को एक और नौकरी का अवसर मिला। इस बाररोहन के माता-पिता नेकहा कि वह शहर जा सकता है।

 

रोहन का दिमाग कह रहा था कि नौकरी के लिए शहर जाना चाहिएलेकिन उसका दिल कह रहाथा कि पहले अपने गांव के लोगों की मदद करनी चाहिए।

 

रोहन ने फिर से अपने दिल की सुनी और अपने गांव के लोगों की मदद करने का फैसला किया।

 

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जब भी दिल और दिमाग के टकराव हो तो दिल कीसुनो। दिल हमेशा सही बात कहता हैलेकिन दिमाग हमेशा अपने फायदे के बारे में सोचता है।

 

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