एक गांव में एक लड़का रहता था, जिसके पास एक बहुत खूबसूरत मोती हीरा था। वह हमेशा उस हीरे को अपने गांव के अमीर व्यक्ति को बेचना चाहता था लेकिन अमीर व्यक्ति उस हीरे को उचित मूल्य देने के बजाय उसे काबाद समझता था।
लड़का निराश होकर बैठा रहता था, लेकिन उसने कभी अपनी आस नहीं छोड़ी। वह हमेशा उस हीरे की महत्वता समझता रहता था और इसके लिए अमीर व्यक्ति की ओर से अस्वीकार करने के बावजूद उसे बेचना नहीं छोड़ा।
कुछ समय बाद, उस गांव में एक महत्वाकांक्षी राजा आया जो हीरों के बड़े प्रेमी थे। वह उस लड़के के पास आकर उस हीरे को देखा और उसकी जमीन से अच्छा दाम देने को तैयार थे। लड़का ने खुशी से वह हीरा बेच दिया और अब उसके पास बहुत सारे पैसे थे।
अमीर व्यक्ति अब उस लड़के की ओर उठकर उससे माफी मांगने लगा। उसने उस लड़के के सामने सर झुका दिया और कहा, "मुझे माफ कर दो मैंने तुम्हारी कीमत समझी नहीं थी
इस कहानी से हम सीखते हैं कि हमें किसी भी व्यक्ति या ताकत के सामने घुटने नहीं टेकने चाहिए। हमें अपने अंदर के मूल्यों को समझना चाहिए और खुद के लिए सम्मान की मांग करनी चाहिए। हमें यह भी याद रखना चाहिए कि हमारी कीमत कोई दूसरा नहीं तय कर सकता है, बल्कि यह हमारे अंदर होने वाले गुणों, विशेषताओं और समर्पण से निर्धारित होता है।
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