यह कहानी एक आम लड़के, अर्जुन, की है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए अनछुई दूरीयों को तय करने का संकल्प करता है। अर्जुन गाँव का एक गरीब लड़का था, लेकिन उसके दिल में बड़े सपने थे।
अर्जुन का सपना था कि वह एक दिन अंतरराष्ट्रीय खेलों में अपने देश का प्रतिष्ठान बढ़ाएंगे। लेकिन उसके गाँव में खुद के लिए सुरक्षित रूप से तैयारी करने के लिए कोई सुविधा नहीं थी। उसे दूसरे गाँव जाना पड़ता था जो उसके लिए एक साधन और तैयारी का केंद्र था।
अर्जुन ने यह देखा कि उसे इस संकल्प को पूरा करने के लिए बहुत सारी मेहनत करनी पड़ेगी। उसने गाँव के लोगों से सहायता मांगी और उन्हें अपने सपने की ऊँचाइयों को साझा करने का आशीर्वाद दिया।
अर्जुन का दौरा कठिन था, लेकिन उसने ना कभी हार मानी और ना ही कभी दूरी को बहाना किया। वह खुद को रोज़ाना संघर्ष करता था और दूसरे खिलाड़ियों से सीखता था।
अपने संघर्षों में, अर्जुन ने दूसरों को भी प्रेरित किया। उसने अपने गाँव के बच्चों को भी साथ लेकर अपनी तैयारी में शामिल किया और उन्हें भी अपने सपनों की पुर्ति के लिए उत्साहित किया।
एक दिन, अर्जुन ने अंतरराष्ट्रीय खेलों में अपने देश का नाम रोशन करने का मौका पाया। उसने बहुत सारी मेडल्स जीती और उसका नाम विश्वभर में मशहूर हो गया।
अर्जुन की कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि अगर हमारी मेहनत और संघर्ष की दृष्टि सही है, तो हम किसी भी दूरी को पार कर सकते हैं। अर्जुन ने दिखाया कि सपनों की पूर्ति के लिए हमें किसी भी मुश्किल को हाथ से छोड़ने की जरूरत नहीं है, बल्कि हमें उस मुश्किल का सामना करना और उसे पार करना चाहिए।
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