रमेश एक गाँव में रहता था। उसके पास उच्च शिक्षा लेने के लिए पैसे नहीं थे, लेकिन उसने हमेशा से अपने क्षेत्र में श्रेष्ठता हासिल करने की इच्छा रखी थी।
उसने दिन-रात मेहनत की और अपनी क्षमता को बढ़ाने के लिए कोई भी अवसर हाथ नहीं छोड़ा। उसने गाँव में एक अंग्रेजी ट्यूटर से मदद ली और उसने अंग्रेजी के बारे में सब कुछ सीखा।
अब रमेश एक मुख्यमंत्री के बच्चे के लिए अंग्रेजी टीचर का काम कर रहा है। यह सब कुछ उसकी काबिलियत के कारण हुआ है।
आपकी असली पहचान आपकी काबिलियत से होती है। कोई भी अपने सपनों को पूरा कर सकता है, अगर वह अपनी काबिलियत पर विश्वास रखता है।
रमेश ने कभी अपनी अधिकतम शिक्षा का प्रमाण पत्र हासिल नहीं किया था, लेकिन उसकी काबिलियत उसे उसकी पहचान बनाने में मदद की। लोग उसे उसकी जगह से पहचानते थे, न कि उसकी शिक्षा के प्रमाण पत्र के आधार पर।
अक्सर लोग शिक्षा, उच्चता, समाज में स्थान के आधार पर दूसरों को बिना सोचे समझे निचला समझते हैं। लेकिन असली तथ्य यह है कि आपकी पहचान आपके अभिरुचि, क्षमता, संवेदनशीलता, व्यक्तिगत गुण और सबसे महत्वपूर्ण आपकी काबिलियत से होती है। आप जो भी काम करते हैं, उसमें निस्वार्थता से लगते हैं और उसमें महानता हासिल करते हैं, वही आपकी असली पहचान होती है।
एक और मामला है जब एक व्यक्ति काबिलियत से अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। कुछ समय पहले, एक व्यवसायी दो युवाओं को अपनी कंपनी में रखना चाहता था। दोनों में से एक व्यक्ति एक अमेरिकी महाविद्यालय से पास हुआ था, जबकि दूसरा व्यक्ति नहीं।
लेकिन वह व्यक्ति जो पास हुआ था, निकला कि उसे कंप्यूटर फ़ाइलों का प्रबंधन करने का ज्ञान नहीं था, जो उस व्यवसायी के लिए महत्वपूर्ण था। वह दूसरा व्यक्ति जो पास नहीं हुआ था, एक स्वतंत्र कंप्यूटर प्रशिक्षक था और उसे कंप्यूटर फ़ाइलों का प्रबंधन करने का ज्ञान था। उस दूसरे व्यक्ति की काबिलियत ने उसे उस कंपनी में काम करने का मौका दिया।
इससे स्पष्ट होता है कि काबिलियत आपकी पहचान बनती है और जब आप अपनी काबिलियत से ऊपर उठते हैं, तो दुनिया आपके पीछे आती है।
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