एक बार एक युवक अपने दोस्तों के साथ शहर के बाजार में घूम रहा था। उसने अपनी नई मोबाइल फोन की जिक्र किया और अपनी खुशी का इजहार किया।
उसका एक दोस्त बोला, "तुम्हारे पास नई मोबाइल फोन होने के कारण तुम बहुत खुश हो रहे हो, लेकिन ध्यान रखो, जब तक तुम खुद पर निर्भर रहोगे, तब तक तुम दूसरों की प्रतिक्रियाएं नियंत्रित नहीं कर सकोगे।"
इस बात से उस युवक को बहुत सोचने का मौका मिला। उसे यह बात समझ में आ गई कि अगर वह अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहता है तो वह दूसरों पर निर्भर नहीं रह सकता।
अगले दिन से उसने अपनी जिंदगी में सफलता हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत शुरू कर दी। वह स्वयं को एक सफल व्यक्ति के रूप में देखना चाहता था।
उसने दिन रात काम किया, उसने सीखा और अपनी क्षमताओं को बढ़ाया। वह खुश था कि अब वह दूसरों पर निर्भर नहीं रहता, बल्कि वह खुद पर निर्भर हो गया है।
जब उसने अपने मार्ग में कुछ बड़े संकटों से भी गुजरना पड़ा तो उसने भी इनकार कर दिया। उसने अपनी शक्तियों पर विश्वास किया और अग्रसर होकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पुरस्कार के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हो गया।
अपनी सफलता के बाद, वह सफल लोगों से सीखता रहा और खुद को और भी बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास करता रहा। उसने जीवन के सभी क्षेत्रों में अपनी क्षमताओं को स्थायी बनाने के लिए प्रयास किए और उसने दूसरों को भी यह सिखाया कि अगर आप अगले स्तर तक जाना चाहते हैं तो आपको दूसरों पर निर्भरता छोड़नी होगी।
इस कहानी से हम सीखते हैं कि अगर हम जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमें दूसरों पर निर्भरता छोड़नी होगी। हमें अपनी शक्तियों पर विश्वास करना होगा और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने संकल्प को दृढ़ करना होगा। एक सफल जीवन के लिए हमेशा खुद पर निर्भर रहना होगा।
इस कहानी से हमें यह समझ मिलता है कि जीवन में सफलता हासिल करने के लिए हमें अपनी क्षमताओं पर विश्वास करना चाहिए और कभी दूसरों पर निर्भर नहीं होना चाहिए। हमें अपनी मेहनत के मार्ग पर आगे बढ़ते रहना चाहिए और कभी भी हार नहीं मानना चाहिए। जीवन में सफलता हासिल करने के लिए हमें पुरस्कार के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध होना चाहिए और दूसरों से सीखते रहना चाहिए। हमें निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए और खुद को स्थायी बनाने के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ाना चाहिए।