Wednesday, September 11, 2024

विस्तार जीवन है और संकुचन मृत्यु है

 एक छोटे से गांव में दो लड़के रहते थेविकास और विनोद। दोनों लड़के एक ही स्कूल मेंपढ़ते थेलेकिन उनके स्वभाव और आदतें बिल्कुल अलग थीं।

विकास एक शक्तिशाली लड़का थाजो हमेशा अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिएप्रयास करता था। वह अपने माता-पिता की बात मानता था और उनके द्वारा दिए गएमार्ग पर चलता था।

विनोद एक निर्बल लड़का थाजो हमेशा अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हार मानलेता था। वह अपने माता-पिता की बात नहीं मानता था और उनके द्वारा दिए गए मार्गको नहीं अपनाता था।

एक दिनदोनों लड़के एक नदी के किनारे बैठे थे। विकास ने देखा कि नदी का जलसाफ और स्वच्छ थाजबकि विनोद ने देखा कि नदी का जल गंदा और मैला था।

विकास ने कहा, "नदी का जल साफ और स्वच्छ हैक्योंकि यह अपने स्रोत से निकलताहै और समुद्र में जाकर मिल जाता है।"

विनोद ने कहा, "नदी का जल गंदा और मैला हैक्योंकि इसमें कई सारे गंदे नाले औरसीवर मिल जाते हैं।"

एक बूढ़े आदमी ने उनकी बात सुनी और कहा, "दोनों लड़कों की बातें सही हैं। नदी काजल साफ और स्वच्छ होता हैलेकिन जब इसमें गंदे नाले और सीवर मिल जाते हैंतोयह गंदा और मैला हो जाता है।"

"लेकिन," बूढ़े आदमी ने आगे कहा, "इसी तरह से शक्ति जीवन है तो निर्बलता मृत्यु है।विस्तार जीवन है और संकुचन मृत्यु है। प्रेम जीवन है तो द्वेष मृत्यु है।"

विकास और विनोद ने बूढ़े आदमी की बात समझी और अपने जीवन में बदलाव लाने काफैसला किया। विकास ने अपने शक्तिशाली स्वभाव को और भी मजबूत बनायाजबकिविनोद ने अपने निर्बल स्वभाव को छोड़ दिया और शक्तिशाली बनने का प्रयास किया।

कुछ सालों बाददोनों लड़के एक सफल व्यक्ति बन गए। विकास ने अपने लक्ष्यों कोप्राप्त किया और विनोद ने भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया।

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि शक्ति जीवन है तो निर्बलता मृत्यु है।विस्तार जीवन है और संकुचन मृत्यु है। प्रेम जीवन है तो द्वेष मृत्यु है।

 

Tuesday, September 3, 2024

दिमाग हमेशा अपने फायदे के बारे में सोचता है।

एक छोटे से गांव में एक लड़का रहता थाजिसका नाम रोहन था। रोहन एक अच्छा लड़का थालेकिन वह हमेशा अपने दिल और दिमाग के टकराव में रहता था।

 

एक दिनरोहन को एक नौकरी का अवसर मिला। नौकरी के लिए रोहन को शहर जाना पड़ेगालेकिन उसके माता-पिता नहीं चाहते थे कि वह शहर जाए।

 

रोहन का दिमाग कह रहा था कि नौकरी के लिए शहर जाना चाहिएलेकिन उसका दिल कह रहाथा कि माता-पिता की बात माननी चाहिए।

 

रोहन ने सोचा कि क्या करना चाहिए। वह अपने दिल और दिमाग के टकराव में परेशान था।

 

एक बूढ़े आदमी ने रोहन की परेशानी देखी और कहा, "जब भी दिल और दिमाग के टकराव हो तोदिल की सुनो।"

 

रोहन ने बूढ़े आदमी की बात मानी और अपने दिल की सुनी। उसने अपने माता-पिता की बात मानीऔर शहर नहीं गया।

 

कुछ सालों बादरोहन को एक और नौकरी का अवसर मिला। इस बाररोहन के माता-पिता नेकहा कि वह शहर जा सकता है।

 

रोहन का दिमाग कह रहा था कि नौकरी के लिए शहर जाना चाहिएलेकिन उसका दिल कह रहाथा कि पहले अपने गांव के लोगों की मदद करनी चाहिए।

 

रोहन ने फिर से अपने दिल की सुनी और अपने गांव के लोगों की मदद करने का फैसला किया।

 

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जब भी दिल और दिमाग के टकराव हो तो दिल कीसुनो। दिल हमेशा सही बात कहता हैलेकिन दिमाग हमेशा अपने फायदे के बारे में सोचता है।