एक बार एक युवक अपने दोस्त से शिकायत करता रहता था कि वह हमेशा असफल हो जाता है और उसेलगता है कि उसकी किस्मत उसके साथ खेल रही है।
उसका दोस्त उसे पूछता है, "तुम असफलता का ज़िम्मेदार कौन होता है?" युवक ने उत्तर नहीं दिया। उसकादोस्त फिर कहता है, "आपकी असफलताओं का ज़िम्मेदार आप होते हैं। आप अपने सपनों को पूरा करनेके लिए आगे बढ़ने से डरते हो और इसलिए आप असफल होते हैं।"
उसके दोस्त ने उसे बताया कि यदि आप अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं, तो आपको अपने विचारों कोबदलना होगा। आपको नयी सोच और नई दृष्टिकोण की जरूरत है।
युवक ने अपनी दृष्टि बदल ली और अपने सपनों की ओर अग्रसर होना शुरू किया। वह लगातार मेहनतकरता रहा और अपनी सफलता की ओर बढ़ता रहा।
आप भी अपनी असफलताओं के ज़िम्मेदार नहीं होते। आपकी सोच और दृष्टिकोण आपकी सफलता केरास्ते में बड़ी भूमिका निभाते हैं।
आम तौर पर हम अपनी असफलताओं का जिम्मेदार दूसरों को ठहराते हैं। हम उनको जिम्मेदार ठहराते हैंजो हमारी गलती नहीं हैं। हम उनको ठहराते हैं जो हमारे वश में नहीं होते। लेकिन एक सफल इंसान हमेशाअपनी असफलताओं का जिम्मेदार खुद होता है।
उसे यह समझना होता है कि जो कुछ भी हो रहा है, वह सब उसकी अपनी गलतियों के कारण हो रहा है।यदि वह अच्छी तरह से अपनी गलतियों को समझता है तो वह अपनी असफलताओं से सीख लेता है औरअगली बार उससे यह गलती नहीं होती है।
अपनी असफलताओं से सीख लेना और उनसे अपने आप को सुधारना बहुत ज़रूरी होता है। हमें यहसमझना होता है कि हमारी जिंदगी में हमेशा असफलताएं आती रहेंगी। लेकिन जो इंसान अपनीअसफलताओं से सीख लेता है वह हमेशा सफल होता है।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हम अपनी जिंदगी के साथ-साथ अपने सपनों को भी पूरा करनेके लिए ज़िम्मेदार होते हैं। हमें अपनी असफलताओं से हार नहीं मानना चाहिए, बल्कि उनसे सीख कर औरउन्हें अपनी ताकत बनाकर हमेशा आगे बढ़ना चाहिए। हमें अपनी जिंदगी को अपनी तरीके से जीने औरअपने सपनों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।