एक बार एक गांव में एक बहुत ही बुद्धिमान और समझदार किसान रहता था। वह अपनी जमीन पर बढ़ावा देने के लिए किसी भी तरह से समझौता नहीं करता था। उसने हमेशा ईमानदारी से अपने काम में लगाव दिखाया था। वह समझता था कि ईमान से समझौता करना एक आदर्श तत्व है जो उसकी ज़िन्दगी को सफल बनाने में मदद करेगा।
एक बार, किसान को एक शानदार मौका मिला जब उसके सामने एक आयरन फैक्टरी के मालिक ने उससे समझौता करने का प्रस्ताव किया। मालिक ने किसान को कम दाम पर अपनी फैक्टरी से खाद की आपूर्ति करने का प्रस्ताव किया। लेकिन किसान ने समझौता करने से इनकार कर दिया।
मालिक ने किसान से पूछा, "तुम्हारे पास इतना ज्यादा खाद है क्या?"
किसान ने कहा, "नहीं, मेरे पास इतना ज्यादा खाद नहीं है, लेकिन मैं यह सोचता हूं कि अगर मैं यह समझौता करता हूं तो आगे जाकर मैं खाद की आपूर्ति के लिए इस मालिक से अधिक दाम देने के लिए मजबूर हो जाऊंगा।
मालिक ने बहुत चिंता करते हुए कहा, "लेकिन अगर मैं तुम्हें ज्यादा दाम देने के लिए मजबूर करता हूं तो क्याहोगा?"
किसान ने बड़ी उम्दा आँखों से देखते हुए कहा, "फिर मुझे अपने विश्वास और ईमान पर विश्वास होगा कि मैंअगली बार खाद की आपूर्ति के लिए इस मालिक को ज्यादा दाम नहीं दूंगा। और उसके साथ समझौता नहींकरूंगा।"
इस बात को सुनकर मालिक बहुत ही प्रभावित हो गए और उन्होंने किसान को आगे की खाद की आपूर्ति केलिए उसकी मांग के मुताबिक बहुत अच्छी कीमत पर खरीद ली।
यह समझौता यह दिखाता है कि अपने ईमान और विश्वास के साथ हमेशा सही चीजों को करने से हमारीज़िन्दगी सफल बन सकती है। समझौते या कुछ अन्य उपाय से तुरंत फायदा होता हो लेकिन इसका दुरुपयोगबहुत बड़ी परेशानी के रूप में हमें वापस आ सकता है।
इसलिए, एक सफल और सुखी ज़िन्दगी के लिए हमेशा ईमानदारी से काम करें