Monday, July 22, 2024

ज्ञान की अनुपस्थिति

 एक समय की बात हैएक छोटे से गाँव में एक मूर्ख व्यक्ति रहता था जिसका नाम रामू था। रामूको हमेशा लगता था कि वह सब कुछ जानता हैऔर उसे दूसरों की सलाह या ज्ञान की बहुतज़रूरत नहीं है। गाँव में लोग उसे हमेशा कहते थे, "रामूकिताबें पढ़ोज्ञान अर्जित करोयह तुम्हारेजीवन को बदल सकता है।लेकिन रामू फिर भी यह बातें अनसुनी कर देता था।

 

गाँव में एक ज्ञानी व्यक्तिपंडित जीभी रहते थे। पंडित जी ने देखा कि रामू अपनी मूर्खता केकारण अक्सर कठिनाई में पड़ता है। एक दिन उन्होंने रामू को एक नई किताब लाकर दी और कहा, "इस किताब को पढ़ोयह तुम्हारे जीवन में बहुत सुधार ला सकती है।

 

रामू ने किताब को उठाया और कहा, "मुझे इसकी जरूरत नहीं है। मैं क्या जानूं और क्या नहींसबमुझे पता है।पंडित जी मुस्कुराए और बोले, "याद रखोएक मूर्ख व्यक्ति के लिए किताबें उतनीही उपयोगी होती हैंजितना कि एक अंधे व्यक्ति के लिए आईना।"

 

रामू ने इन शब्दों को समझा नहीं और किताब को फेंक दिया। कुछ दिनों बादरामू को एक बड़ीसमस्या का सामना करना पड़ा। उसकी मेहनत की गई फसल बर्बाद हो गई और उसे यह पता नहींथा कि उसे क्या करना चाहिए। 

 

फिर एक दिनरामू ने पंडित जी के पास जाकर कहा, "मुझे मदद चाहिए। मैं समझ नहीं पा रहा हूँकि मुझे आगे क्या करना चाहिए।पंडित जी ने फिर से उसी किताब का जिक्र किया और कहा, "यदि तुमने किताब पढ़ी होतीतो तुम बहुत सी बातें समझते। ज्ञान प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।"

 

इस बार रामू ने सोचा कि शायद उसे किताब को पढ़ने का प्रयास करना चाहिए। उसने किताबखोली और पढ़ना शुरू किया। जैसे-जैसे उसने पढ़ाई कीउसे नए-नए ज्ञान और सुझाव मिले।उसने खेती के बारे में नई तकनीकें सीखी और अपनी समस्याओं का समाधान निकालना शुरूकिया।

 

कुछ महीनों बादरामू ने अपने खेतों को फिर से तैयार किया और सफल हुआ। उसने यह समझाकि ज्ञान प्राप्त करने का सबसे बड़ा महत्व होता है। 

 

इस कहानी से यह सीख मिलती है कि हमारी मूर्खता और अभिमान हमें ज्ञान प्राप्त करने से रोकतेहैं। अगर हम अपनी सोच को खुला रखें और सीखने के लिए हमेशा तैयार रहेंतो हम अपने जीवनको बेहतर बना सकते हैं। एक मूर्ख व्यक्ति के लिए ज्ञान उतना ही महत्वपूर्ण होता हैजितना किएक अंधे व्यक्ति के लिए आईना।

 

No comments: