Sunday, July 21, 2024

दुराचारी लोगों की संगति

एक गांव में एक व्यक्ति था जिसका नाम महेश था। महेश अपने दुराचारी आचरण और कुटिलताके लिए जाना जाता था। उसकी दृष्टि हमेशा दूसरों को धोखा देने और उनका उपयोग करने परहोती थी। गांव के लोग उससे दूर रहते थेलेकिन एक दिन गांव का एक नया युवकरोहितमहेशकी चालाकी को पहचान नहीं पाया और उसके साथ मित्रता कर ली।

 

शुरुआत मेंमहेश ने रोहित को अपनी मित्रता का धोखा देकर अपने लाभ के लिए इस्तेमालकिया। उसने रोहित को अपने जाल में फंसाया और उसे अपने गलत कार्यों में शामिल करने कीकोशिश की। रोहित ने धीरे-धीरे महेश की असली प्रकृति को समझालेकिन तब तक बहुत देर होचुकी थी। महेश ने उसे कई बार धोखा दिया और उसकी मेहनत को चुराया।


एक दिन रोहित ने महेश के साथ एक महत्वपूर्ण काम शुरू कियाजिसमें उसकी मेहनत और समयलग गया। लेकिन महेश ने मौके का फायदा उठाते हुए सारा श्रेय अपने नाम कर लिया। रोहित कीमेहनत को नजरअंदाज करते हुएमहेश ने सब कुछ अपने नाम कर लिया। इससे रोहित का दिलटूट गया और उसने यह महसूस किया कि दुराचारी मित्रता हमेशा नुकसानदायक होती है।


आखिरकाररोहित ने महेश से दूरी बना ली और समझ गया कि  केवल उसके कार्योंबल्किउसके चरित्र का भी ध्यान रखना जरूरी है। उसने अपने अनुभव से सीखा कि जो व्यक्ति दुराचारी होऔर जिसकी दृष्टि अशुद्ध होउससे तौबा करना ही समझदारी है। इस तरहउसने अपने जीवन सेऐसे नकारात्मक लोगों को दूर रखा और अपने जीवन को सकारात्मकता की ओर अग्रसर किया।


इस कहानी से यह सीख मिलती है कि हमें अपने मित्रों को चुनते समय सतर्क रहना चाहिएक्योंकि दुराचारी लोगों की संगति हमारे जीवन को बर्बाद कर सकती है।

 

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