यह कहानी है एक छोटे से गाँव के एक लड़के की, जिसका नाम समीर था। समीर गरीब था, लेकिन उसमें अच्छे विचार और सपनों की भरमर थी। वह अपने माता-पिता के साथ एक छोटे से घर में रहता था और उनका सपना था कि वह अपने परिवार का नाम रोशन करेगा।
एक दिन, गाँव में एक बड़ी समस्या आई। पिछले कुछ सप्ताहों से बिना बारिश के सुखा हुआ गाँव के किसानों के लिए पानी की कमी हो गई थी। बचे हुए पानी की बुद्धि और देना मुश्किल हो रहा था। समीर ने इस समस्या के समाधान के लिए अपनी सोच और समर्पण का सामर्थ्य दिखाया।
समीर ने एक छोटे से खुदाई के काम को शुरू किया और बारिश के पानी के लिए तालाब खुदाई करने का निर्णय लिया। लेकिन यह काम बहुत ही मुश्किल था और समीर को अपनी सारी शक्तियों की आवश्यकता थी।
शुरू में, लोग उसके समाधान के प्रति संदेही थे, लेकिन समीर ने अपने सपने के लिए अपनी मेहनत और इच्छाशक्ति से काम किया। वह दिन-रात में तालाब के पास खुदाई करता और धीरे-धीरे एक गहरे तालाब का निर्माण करता गया।
समीर की मेहनत और समर्पण ने लोगों को प्रेरित किया और उन्होंने भी उसके साथ मिलकर काम किया। एक महीने के बाद, जब तालाब तैयार हो गया, तो बारिश आई और गाँव के किसान खुदाई के मेहनत से अपने खेतों को जला कर खेतों को उपजाऊ बना सके।
इस प्रकार, समीर ने गाँव की समस्या का समाधान ढूंढ निकाला और अपने सपने को पूरा किया। वह अपने परिवार का नाम रोशन किया और गाँव के हीरो के रूप में मान्यता प्राप्त की।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन में हमें बड़ी समस्याओं का समाधान निकालने के लिए चाहिए तो हमें खुद को शांत रखना पड़ता है। परेशानीओं के साथ लड़कर कुछ नहीं होगा, बल्कि हमें उन्हें समाधान ढूंढने के लिए शांत और समर्पित रहना चाहिए।
समीर ने अपने सपनों के लिए खुद को समर्पित किया और समस्याओं का समाधान निकाला। उसका संघर्ष हमें यह सिखाता है कि मेहनत और समर्पण ही सफलता की कुंजी हैं
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