Tuesday, May 13, 2025

वक्त की क़ीमत"

मुंबई के एक छोटे से उपनगर में एक लड़का रहता थाराजीव। उसका सपना था कि वह बड़ा आदमी बने, लेकिन उसके पास ज्यादा कुछ नहीं था। एक छोटा सा घर, एक साधारण परिवार, और ज़िन्दगी के कठिन रास्ते। राजीव का दिन सुबह जल्दी शुरू होता था। उसके पिता एक दिहाड़ी मजदूर थे, और माँ घरों में काम करती थीं। घर की माली हालत बहुत खराब थी, लेकिन राजीव का दिल कभी नहीं टूटा। वह हमेशा एक ही बात सोचा करता था"जो वक्त की क़ीमत समझता है, वही इसे अपने सपनों के लिए बदल सकता है!"


राजीव को कभी भी आराम की ज़िन्दगी नहीं मिली। सुबह होते ही वह अपने पिता के साथ काम पर चला जाता। वह जानता था कि अगर कुछ करना है तो खुद को सबसे अलग साबित करना होगा। अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए उसने हर सुबह का समय फुर्सत से पढ़ाई करने के लिए निकाला। जब सब सोते थे, तब राजीव अपनी किताबों के बीच बैठा रहता।

 

स्कूल के बाद राजीव छोटे-मोटे काम करता था। कभी किसी दुकान पर सामान बेचता, तो कभी कारखाने में काम करता। वह जानता था कि पैसे से ज्यादा ज़रूरी उसका सपना है। उसने समय की क़ीमत समझ ली थी। वह दिन-रात काम करता और अपनी पढ़ाई में भी लगा रहता।


एक दिन उसके स्कूल के शिक्षक ने पूछा, "राजीव, तुम क्या बनना चाहते हो?"

राजीव ने बिना किसी झिझक के कहा, "मैं एक सफल व्यवसायी बनना चाहता हूँ, ताकि मैं अपनी मेहनत से औरों का जीवन बदल सकूं।"

शिक्षक ने हँसते हुए कहा, "तुम्हारे पास तो कुछ नहीं है, तुम कैसे ऐसा कर सकते हो?"

राजीव ने दृढ़ता से कहा, "मेरे पास वक्त है, और वक्त का सही उपयोग करके मैं अपने सपने को हकीकत बना सकता हूँ।"


राजीव का ये जवाब उसके शिक्षक के दिल को छू गया। शिक्षक ने उसकी मेहनत को सराहा और उसकी मदद करने का वादा किया। शिक्षक ने उसे कुछ किताबें दीं और बताया कि कैसे वह अपना वक्त और संसाधन सही दिशा में लगा सकता है।


राजीव ने शिक्षक के शब्दों को गंभीरता से लिया। उसने अपनी दिनचर्या को और सख्त कर लिया। अब वह सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई करता और फिर शाम को काम पर चला जाता। कभी-कभी वह रात को भी देर तक पढ़ाई करता। उसने कभी भी वक्त को बर्बाद नहीं होने दिया।

समय के साथ राजीव ने अपनी छोटी-सी दुकान खोलने का फैसला किया। यह दुकान केवल कुछ छोटा-मोटा सामान बेचने की थी, लेकिन उसका सपना कहीं बड़ा था। वह दिन-रात मेहनत करता और अपने व्यापार को बढ़ाने की कोशिश करता। उसने अपने व्यापार को इंटरनेट के जरिए भी बढ़ाना शुरू किया। धीरे-धीरे उसकी दुकान चलने लगी।


कुछ सालों में उसने एक बड़ा व्यापार खड़ा किया और एक छोटे से व्यापारी से एक सफल उद्यमी बन गया। अब वह खुद नहीं सिर्फ अपने परिवार को, बल्कि औरों को भी रोजगार देने लगा। उसकी मेहनत, ईमानदारी और वक्त की क़ीमत ने उसे उसकी मंज़िल तक पहुँचाया।

 

एक दिन, जब वह अपने ऑफिस में बैठा था, उसने खुद से कहा, "अगर मैं वक्त की क़ीमत न समझता तो आज इस मुकाम तक नहीं पहुँच पाता।"

उसके दिमाग में वही शब्द गूंजे"जो वक्त की क़ीमत समझता है, वही इसे अपने सपनों के लिए बदल सकता है!"


राजीव का सपना अब सच हो चुका था, लेकिन उसने कभी भी अपने वक्त को बर्बाद नहीं किया। वह जानता था कि वक्त वही है जो एक बार निकल जाए तो फिर वापस नहीं आता। उसने समझा था कि सफलता का राज सिर्फ कठिन मेहनत में नहीं, बल्कि उस मेहनत को सही दिशा में लगाना भी है।


राजीव अब उन बच्चों के लिए प्रेरणा बन चुका था जो परिस्थितियों के कारण अपने सपनों को छोड़ देते हैं। वह उन बच्चों को समझाता कि हर किसी के पास समय है, और अगर सही दिशा में उस समय का उपयोग किया जाए तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।


उसने एक संगठन शुरू किया, जिसमें वह उन बच्चों को शिक्षा और मार्गदर्शन देता था, जो गरीब थे और जिनके पास संसाधन नहीं थे। उसकी कहानी अब एक प्रेरणा बन चुकी थी, और राजीव ने साबित कर दिया था कि अगर इंसान अपने वक्त को समझे और उसका सही उपयोग करे, तो वह अपनी दुनिया खुद बना सकता है।


सीख:

 

वक्त सबसे अनमोल चीज है, जो किसी के पास होता है। अगर उसे सही दिशा में लगाया जाए, तो वह सफलता का दरवाज़ा खोल सकता है। जो लोग वक्त की क़ीमत समझते हैं, वे अपने सपनों को साकार करने में सफल होते हैं। समय कभी रुकता नहीं है, इसलिए हमें उसका सही उपयोग करना चाहिए, ताकि हम अपने लक्ष्यों तक पहुँच सकें।

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