Sunday, August 13, 2023

दिल की सुने और दिमाग से कार्य करें

यह कहानी है एक गांव में जहां  छोटा-सा परिवार रहता था। इस रिवार में एक पितामाता और उनका बेटा रहता था।इस परिवार की सबसे खास बात थी कि वे सभी एकजुट रहते थे और एक-दूसरे की सहायता करने का प्रयास करते थे।परिवार का छोटा सा घर गांव के बीच में स्थित था और उनका पूरा जीवन गांव की मधुर सुगंध और खुशियों से भरा रहा।

 

पिता का नाम रामचंद्र था और वह एक सफल किसान थे। उन्होंने बहुत मेहनत की और गांव में बड़ी संपत्ति बना ली। वहहमेशा सोचते थे कि सफलता सिर्फ मनुष्य के दिमा से नहीं बल्क उसके दिल से भी आती है। इसलिए उन्होंने अपने बेटे कोबड़ा करते हुए उसे दिल और दिमाग दोनों का उपयोग करने का सिखाया।

 

बेटे का नाम रवि था और वह बहुत ही चतुर और अविष्कारी बच्चा था। उसके पिता ने उसे बचपन से ही सीखाया था कि वहअपने दिल की सुने और दिमाग से कार्य करे। यह दोनों गुण उसके जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।

 

रवि ने अपने दिल की सुनकर अपने विद्यालय का चयन किया और उसमें अच्छे अंक प्राप्त किए। उसने सोचा कि अगले वर्षउसे इंजीनियरिंग में प्रवेश लेना चाहिए। परंतु जब उसने दिमाग से सोचा तो उसे गा कि वह अपने पिता के खेती व्यवसाय मेंअधिक सफल हो सकता है। उसने अपने पिता के साथ इस बारे में चर्चा की और उसे लगा कि वह दिमाग से सोचते हुएअपनी पढ़ाई  खेती दोनों कर सकता है।

 

रवि के दिल ने भी उसे यही संकेत दिया था कि वह अपने पिता के सा रहकर अपने पूरे परिवार की मदद करे। वह यह भीसमझा कि किसानी के माध्यम से वह अपने गांव की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकता है और अपने देश के विकास मेंभी योगदान दे सकता है।

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