यह कहानी है एक छोटे से गाँव के एक लड़के राजीव की, जिनकी जिंदगी ने उन्हें यह सिखाया कि मेहनत और संघर्ष से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।
राजीव का गाँव एक सुंदर जगह पर बसा था, लेकिन उसके पास समृद्धि की कमी थी। उसके पिता एक छोटे से किराने की दुकान चलाते थे और उनकी माता की सेवानिवृत्ति से ही उनका परिवार चलता था। राजीव की छोटी सी उम्र में ही उसने महसूस किया कि उनकी परिस्थितियाँ आम नहीं हैं, और उसकी आँखों में उस समय से ही कामयाबी की भरपूर इच्छा जग उठी।
राजीव की माता-पिता ने उसे शिक्षा का महत्व सिखाया और वह छोटी सी शिक्षा देने वाले स्कूल में पढ़ने लगा। लेकिन उसके पास पढ़ाई के लिए उपयुक्त सामग्री नहीं थी और उसके पास सिर्फ एक आत्मविश्वास था कि वह कुछ कर सकता है।
राजीव ने महनत और आत्म-समर्पण की दिशा में कदम बढ़ाया। उसने अपनी खुद की उपायोगिता को समझा और कई सालों तक रोज़ स्कूल जाकर पढ़ाई की। उसने दिन-रात मेहनत करते हुए बड़े सपनों की तरफ संघर्ष किया, जब लोग उसके आसपास कह रहे थे कि उसके लिए कोई भी अवसर नहीं है।
राजीव की मेहनत और समर्पण ने उसे एक अच्छे कॉलेज में प्रवेश दिलाया, जहाँ उसने अपनी पढ़ाई जारी रखी। वह अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए समय का सही उपयोग करने का प्रयास करता रहा, और उसका आत्म-विश्वास भी नहीं हारा।
राजीव की मेहनत और संघर्ष ने उसे उसके सपनों की मंजिल तक पहुँचाने में मदद की। उसने अपनी पढ़ाई पूरी की और अच्छे ग्रेड्स प्राप्त किए।
कॉलेज के अंतिम वर्ष में, राजीव को एक बड़ी कंपनी से नौकरी का ऑफर मिला। वह अपनी मेहनत और संघर्ष के फलस्वरूप जिस मुक़्क़द्दर की ओर बढ़ रहा था, उसका आनंद लेता था।
राजीव की सफलता का सफर उसके लिए कठिन नहीं था, लेकिन उसने कभी नहीं हारा। उसने मेहनत की और अपनी आदतों को अपनाकर उसे सफलता मिली। उसने सिखा कि कभी भी हार नहीं माननी चाहिए, चाहे मुश्किलें कितनी भी बड़ी क्यों ना हो।
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