एक समय की बात है, एक छोटे से शहर में रहने वाले एक लड़के का नाम विवेक था। उसके परिवार में उबलती हुई समस्याओं के बीच में विवेक ने किसी भी हालत में अपने सपनों से हाथ नहीं मिलाया था। उसे हमेशा से खुद में कुछ ना कुछ करने की चाह रही थी।
एक दिन विवेक को एक बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ा। उसकी परीक्षाएं शुरू हो गईं थीं और उसे उनसे बचना था। लेकिन शुरुआत से ही विवेक के पास सबकुछ गलत जा रहा था। उसने अपनी परीक्षाएं काफी खराब दीं थीं। उसे इस बात से बड़ी निराशा हुई थी कि उसकी मेहनत ने उसे उस स्थान तक नहीं पहुँचाया जहाँ वह जाना चाहता था।
उस समय विवेक ने सोचा कि जब तक उसने जीतने की कोशिश नहीं की है, तब तक उसे हार मानने का हक नहीं है। उसने फिर से अपनी मेहनत शुरू की और अगली परीक्षाओं की तैयारी के लिए काम करना शुरू कर दिया।
देर रात तक पढ़ाई करते हुए, विवेक ने उस परीक्षा को काफी अच्छी तरह से दिया था।
धिक बिना सोचे समझे काम करने से निराश होते हुए उत्साह खो देना भी संभव होता है। परंतु जो व्यक्ति अपने मकसदों को पूरा करने के लिए निरंतर उत्साह रखता है वह सफलता की ओर बढ़ता ही जाता है।
इसी तरह जब तुम निरंतर कोशिश करते रहते हो तो भले ही आपको ठोकरें आएं पर तुम उठते रहना। तुम्हारा उत्साह और मेहनत से किस्मत भी पलट जाएगी और तुम अपने लक्ष्य तक पहुंच जाओगे।
जिंदगी में जितने भी मुश्किल दौर आते हैं, हमें उत्साह और लगन से दूसरी ओर से उठकर चलना चाहिए। ठोकरें तो हमेशा आती रहेंगी, लेकिन हमें हमेशा उठते रहना चाहिए।