Thursday, February 23, 2023

ईमानदारी का फल

एक समय की बात हैएक बड़ा उद्योगपति अपनी कंपनी के लिए नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी की तलाश में था। उन्होंने एक विस्तृत रिक्तिविज्ञापन पत्र जारी किया जिसमें उन्होंने योग्य उम्मीदवारों से आवेदन करने का आह्वान किया।

उनके पास अनेकों आवेदन आए लेकिन उनमें से कोई भी उनकी निर्देशिकाओं और आशाओं को पूरा नहीं कर पाया। फिर एक आवेदक ने उनसे मुलाकात के लिए अनुरोध किया। उन्होंने उसे मुलाकात दी और उन्हें पूरी तरह से पसंद किया।

उस आवेदक ने बताया कि उन्होंने एक छोटी सी कंपनी चलाई है और उसे बड़ा करने का सपना है। लेकिन उसे उसमें सफलता नहीं मिल रही थी क्योंकि उसके कुछ कर्मचारी ईमानदार नहीं थे। उसने फिर से कर्मचारी रखने की कोशिश की लेकिन फिर भी वे अच्छी तरह से काम नहीं कर रहे थे।

फिर एक दिन उसने एक स्क्रीनिंग टेस्ट शुरू किया जिसमें वे उन लोगों को चुन सकते थे जो ईमानदार थे। यह वास्त

 

यह वास्तव में एक बड़ी चुनौती थीलेकिन यह आवेदक ने इसे स्वीकार कर लिया। उसने ईमानदारी को अपनी कंपनी के सबसे महत्वपूर्ण गुणों में सेएक बनाया।

उसने ईमानदार कर्मचारियों को सम्मान दिया और उन्हें अपने साथ कंपनी का हिस्सा बनाने का मौका दिया। इससे उसकी कंपनी दिन प्रतिदिन बढ़ती गई और उसके कर्मचारी भी खुश और मोटिवेटेड रहने लगे।

उस आवेदक ने बताया कि ईमानदारी का फल सिर्फ उसे ही नहीं बल्कि उसके कर्मचारियों को भी मिलता है। वे अपने काम में जोश से लगे रहते हैं और उन्हें अपने अधिकारी की निर्देशिकाओं का पालन करने में कोई परेशानी नहीं होती है।

अंततः, उस आवेदक को उद्योगपति ने अपनी कंपनी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया। वह अब अपनी सफलता के बारे में सोचता है और जानता है कि उसकी ईमानदारी उसे उस ऊंचाई तक ले जाएगी जो वह कभी सोच भी नहीं सकता था।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि

 

Wednesday, February 8, 2023

अविदया क्या है

एक बार जहाँ पनाह ने बीरबल से कहा बीरबल बताओ अविदया क्या है बीरबल ने कहा महाराज इस सवाल का जवाब देने के लिए मुझे चार दिन की छुटियाँ चाहिए

तो अबार ने पूछा की छुटिया क्यों चाहिए तो बिरल  ने कहा महाराज मैं परेशान हो गया हु

आपके सवाल का जवाब देते देते दिमाग थक गया है दिमाग को थोड़ा आराम चाहिए चार दिन के बाद जब वापस आऊंगा तो पके से बताऊंगा की अविदया क्या है अकबर ने कहा जैसे तुम्हें मंजूर है। 

बीरबल को चार दिन की छुटिया मिल गई वो घर गया घर जाने के बाद सीधा मोची के पास गया और मोची के पास जा कर के बोला एक ऐसी शानदार जूतियां बनाओ जिसे जो देखे देखता रह जाए  तो मोची ने बोला  कैसी बनानी है

थोड़ी नाप वाप बताओ तो बीरबल ने बोला नाप वाप कुछ नहीं एक बीती चोरी बना दो,  दो बीती लम्बी बना दो आराम से शानदार वाली बना दो तुम्हे जितना वक्त लेना है ले लो लेकिन उनमे हिरे जैवरात जरने है और सोने चांदी से सिलाई करनी है

ऐसी जुतिया बनानी है जिसे देखने के बाद लोगो के मुँह से बस वाह निकले तो मोची कहा जनाब बनवा किसके लिए रहे हो तो बिलबाल ने कहा ज्यादा सवाल जवाब मत कर और बनाने  के बाद तुम भूल जाना की तुमने बनाई है यही शर्त है। 

मोची ने कहा मंजूर है तीन दिन के बाद में मोची ने जुतिया बनादि बीरबल गए  पैसे दे दिए और फिर से बोल दिया की किसी से बोलना नहीं की तुमने बनाई है। 

फिर बीरबल ने क्या किया की एक जूते को अपने घर में जा के रख दी और दूसरी जो जूती थी उस जोड़े की उसको ले जा कर के महजिद में फेंक दिया।

  सुबह सुबह मौलवी साहब वाला पहुंचे नवाज़ पढ़ने के लिए वहा उन्हें वो जूती दिखाई दी हिरे जैवरात जरे हुए थे सोने चांदी की तारो से सिलाई की हुई थी। 

मौलवी साहब को लगा ये किसे आम इंसान की जूती तो हो ही नहीं  सकती उन्हें लगा की जरूर ऊपर वाले आए होंगे निचे नवाज पढ़ने के लिए और उनकी जूती  यहाँ छूट गयी होगी। 

मौलवी साहब ने उसे उठाया अपने आँखों से लगाया माथे से चूमा सर पर लगाया उसके बाद वहा  पे जितने लोग नवाज़ पढ़ने के लिए आ रहे थे उन सबको बताया की देखो भाइये ये जो जूती  छूट गयी है

मुझे तो लगता है की किसी आम आदमी की नहीं है ऊपर वाले की है लोगो ने बोला बिलकुल सही बोल रहे है जनाब बिलकुल ऊपर वाले की है

हर किसी ने वही किया सबने चूमा माथे पर रख  लिया उसके बाद ये बात जंगल में आग की तरह पुरे राज्य में फ़ैल गयी अकबर तक बात पहुंची जहा पनाह अकबर ने बोला की उस जूती को हमें ला कर दिखाई जाए जूती ले

  जाई गयी तो अकबर ने देखा तो बोला बिलकुल सही बोल रहे हो ये किसे आप इंसान की तो हो ही नहीं सकती ये जरूर ऊपर वाले की है।  ऊपर वाला निचे आया होगा नवाज पढ़ी होगी और जूती छूट गयी होगी उन्होंने भी

वही किया माथे से लगा लिया आखो से चुम लिया सर पर रख लिए उसके बाद अकबर ने कहा ये बहुत ही नायाब जूती है इसको ले जा कर के अच्छे से अस्थान पे रखदो और पूजा करो।  इसकी पूजा होनी चाहिए अच्छे से ध्यान  रखना है यही

आपको करना है अकबर का आदेश माना गया।  इधर चार दिन की छुटिया बीरबल की ख़त्म हो गयी बीरबल वापस आया उसका चेहरा उतरा हुआ था मुँह उदाश था अकबर ने पूछा क्या हुआ तुम तो ऐसे लग रहे हो जैसे की घर किसी की मौत हो गई हो 

तो बीरबल ने कहा क्या बताऊं जहा पनाह हमारे पर दादा की जूतियां थी चोर आएं एक जूती ले गए एक जूती छोर   गए अब हम परेशान चल रहे है वो हमारे दिल की इतनी करीब थी की आज तक हमने उसे बेचा नहीं था

बस अपने घर में रखा हुआ था तो अकबर ने कहा तुम्हारे पास वो जूती है बीरबल ने कहा हा जी हा है

अभी आपको देखता हु तो बीरबल ने जूती दिखाई अकबर का माथा ठनक गया अकबर ने कहा वो जो जूती रखवाई है उसको मंगवाओ वो जूती जहा पे रखवाई गई थी उसे मंगवाई गयी   जोड़ा जूतियो का बन गया बीरबल को  दिया गया

बीरबल ने कहा  महाराज यही अविदया है न आपको कुछ पता था ना उनको कुछ पता था न जिसको मिली उसको कुछ पता था सब बस भेड़ चाल में चले जा रहे थे इसे ही अविदया कहा गया है

Sunday, February 5, 2023

बड़े काम

सुमन के गाँव वाले हमेशा उसे पगली कहते थे क्योंकि वह कभी स्कूल नहीं गयी फिर भी वह जिन्दगी में कुछ बड़ा करने का सपना देखती थी । 

गाँव वाले सुमन के पिता जी पर इस बात को लेकर दबाव बनाते थे कि सुमन पढ़ी-लिखी नहीं है, इसलिए जल्द से जल्द इसकी शादी कर दो वरना आगे चलकर बहुत मुश्किल होगी । 

सुमन के पिता जी गाँव वालों की बात से पूरी तरह सहमत थे पर सुमन सहमत नहीं थी; उसे तो शादी नहीं बल्कि पूरी दुनिया में नाम कमाना था; कुछ ऐसा करना था जिससे उस पर लोगों को बेटी होने पर गर्व होता । सुमन के लिए यह सब कुछ करना आसान नहीं था ।

गाँव वाले इस बात से बेखबर थे कि वाकई सुमन करना क्या चाहती थी । वह किसी को इस बारे में नहीं बताई थी कि वह एक अच्छी चित्रकार है;

उसे बचपन से चित्र बनाना अच्छा लगता था; शायद यही वह वजह थी कि उसका मन पढ़ने में नहीं लगता था और इस वजह से वह कभी स्कूल ही नहीं गयी ।

उसके पिता जी को उसका चित्र बनाना अच्छा नहीं लगता था । उन्होने कई बार सुमन के बनाए गए चित्र को आग के हवाले कर दिया था, फिर भी सुमन हार नहीं मानी; 

वह चित्रकारी करती गयी और करती गयी । जब सुमन नहीं मानी तो उसके पिता जी ने उसे उसके हाल पर छोड़ दिया था ।

एक दिन सुमन अपने कमरे में चित्र बनाने में इतना खोई हुई थी कि उसके पिता जी उसके पास जाकर खड़े हो गयें, उसे बिल्कुल ऐहसास नहीं हुआ 

 तो सुमन तुम नहीं मानोगी !” सुमन के पिता जी ने कहा, “ यह बेवकूफी वाला काम तुम्हारे किसी काम नहीं आने वाला है ।“

“ पापा, आप मुझे हमेशा नीचे क्यों गिराना चाहते हैं !” सुमन दुखी मन से बोली, “ मैं जिन्दगी में कुछ करना चाहती हूँ, आप मुझे बार-बार क्यों रोकते हैं ?”

“ अगर हमें इस गाँव में रहना है तो तुम्हें वही करना होगा जो गाँव वाले चाहते हैं ।“

“ कभी नहीं ! मैं जो चाहती हूँ, वही करुँगी चाहे जो हो जाए !” सुमन दृढ़ संकल्प से बोली, “ मुझे हराना किसी के लिए इतना आसान नहीं है ।”

“ तुम यह नहीं चाहती ना कि मैं तुम्हारे सारे सपनों को जलाकर राख कर दूँ !”

“ पापा, इंसान में इतनी ताकत कहाँ कि वह भगवान के दिए गए हुनर को जलाकर राख कर दे !” सुमन ने कहा, “ आपने मेरे बनाए गए चित्रों को जलाया है, मेरी हुनर को नहीं !”

“ गाँव वाले ठीक कहते हैं कि तुम्हारी लड़की पागल हो गयी है !” सुमन के पिता जी ने सख्त लहजे में कहा, “ उसे इलाज़ की जरुरत है !”

“ पापा, आपको पता होना चाहिए कि दुनिया में जो भी बड़े काम हुए हैं, पागलों ने ही किए है और करते रहेंगे ।“ सुमन बोली, “ मैं भी उन्हीं पागलों में से एक हूँ ।“

“ मुझे लगता है, तुम्हें समझाना बेकार है !” सुमन के पिता जी ने कहा और तुनकते हुए कमरे से बाहर चले गयें ।

Wednesday, February 1, 2023

जीवन में भी कई दिक्कत या परेशानी आती है

एक आदमी एक जंगल से जा रहा होता है उसके पास एक गधा होता है थोड़ी दूर चलने के बाद वह गधा एक गड्ढे में गिर जाता है वह गधा काफी कोशिश करता है उस गड्ढे से बहार निकलने की लेकिन काफी मेहनत के बाद भी वह गधा उस गड्ढे से बहार निकल ही नहीं पा रहा होता है।

उस आदमी ने भी काफी अलग-अलग उपाए सोचे गधे को गड्ढे से बहार निकालने के लिए लेकिन वह आदमी हार मानकर यह सोच लेता है की उसका गधा उस गड्ढे से बहार नहीं निकल सकता।

वह आदमी ज्यादा सोच नहीं पाता है और यह विचार बनाता है की इस गधे को अब इसी गड्ढे में दफ़न कर देना चाहिए ताकि इसे कोई जानवर मार कर खा ना ले।

आदमी को थोड़ी ही दूर मिटटी का एक ढेर दिखाई देता है वह आदमी मिटटी के ढेर से मिटटी लाकर उस गधे के ऊपर डालता है लेकिन कमाल की बात तो ये होती है गधा दफ़न होने की बजाये मिटटी के सहारे ऊपर आने लगता है।

यह देखकर वह आदमी खुश होता है और सोचता है की मैं तो इसे दफ़न करने वाला था अब अगर मैं इस गड्ढे को ही भर दू तो मेरा गधा ऊपर आ जायेगा। इसी प्रकार वह आदमी उस गड्ढे में मिटटी डालता है और गधा ऊपर आ जाता है।

दोस्तों इसी तरह जब हमारे जीवन में भी कई दिक्कत या परेशानी आती है तो उसे हम सिर्फ अपने दिमाग में ही सोचते रहते है की इस प्रॉब्लम को हम कैसे सॉल्व करे और दिमाग में ही सोच लेते है की अब ये प्रॉब्लम सॉल्व नहीं होगा और उसे छोड़ देते है।

हमे उस प्रॉब्लम के लिए एक्शन लेना होगा और जब हम उसे एक्चुअल में करने जायेंगे तो हमें और भी सारे आइडियाज आने लगेंगे की कैसे करे और वह एकदम आसानी से हो जायेगा।

 

Friday, January 27, 2023

जीवन में आने वाली चुनातियों और समस्याओं

एक प्रोफ़ेसर ने अपने हाथ में पानी से भरा एक glass पकड़ते  हुए class शुरू की . उन्होंने उसे ऊपर उठा कर सभी students को दिखाया और पूछा , ” आपके हिसाब से glass का वज़न कितना होगा?”50gm….100gm…125gm’…छात्रों ने उत्तर दिया.

” जब तक मैं इसका वज़न ना कर लूँ  मुझे इसका सही वज़न नहीं बता सकता”. प्रोफ़ेसर ने कहा. ” पर मेरा सवाल है:

यदि मैं इस ग्लास को थोड़ी देर तक  इसी तरह उठा कर पकडे रहूँ तो क्या होगा ?”

‘कुछ नहीं’ …छात्रों ने कहा.

‘अच्छा , अगर मैं इसे मैं इसी तरह एक घंटे तक उठाये रहूँ तो क्या होगा ?” , प्रोफ़ेसर ने पूछा.

‘आपका हाथ दर्द होने लगेगा’, एक छात्र ने कहा.

” तुम सही हो, अच्छा अगर मैं इसे इसी तरह पूरे दिन उठाये रहूँ तो का होगा?”

” आपका हाथ सुन्न हो सकता है, आपके muscle में भारी तनाव आ सकता है , लकवा मार सकता है और पक्का आपको hospital जाना पड़ सकता है”….किसी छात्र ने कहा, और बाकी सभी हंस पड़े…

“बहुत अच्छा , पर क्या इस दौरान glass का वज़न बदला?” प्रोफ़ेसर ने पूछा.

उत्तर आया ..”नहीं”

” तब भला हाथ में दर्द और मांशपेशियों में तनाव क्यों आया?”

Students अचरज में पड़ गए.

फिर प्रोफ़ेसर ने पूछा ” अब दर्द से निजात पाने के लिए मैं क्या करूँ?”

” ग्लास को नीचे रख दीजिये! एक छात्र ने कहा.

बिलकुल सही!” प्रोफ़ेसर ने कहा.

Life की problems भी कुछ इसी तरह होती हैं. इन्हें कुछ देर तक अपने दिमाग में रखिये और लगेगा की सब कुछ ठीक है.उनके बारे में ज्यदा देर सोचिये और आपको पीड़ा होने लगेगी.और इन्हें और भी देर तक अपने दिमाग में रखिये और ये आपको paralyze करने लगेंगी. और आप कुछ नहीं कर पायेंगे.

अपने जीवन में आने वाली चुनातियों और समस्याओं के बारे में सोचना ज़रूरी है, पर उससे भी ज्यादा ज़रूरी है दिन के अंत में सोने जाने से पहले उन्हें नीचे रखना.इस तरह से, आप stressed नहीं रहेंगे, आप हर रोज़ मजबूती और ताजगी के साथ उठेंगे और सामने आने वाली किसी भी चुनौती का सामना कर सकेंगे.


Sunday, January 22, 2023

कामयाब इंसान

एक राज्य था एक दिन गुप्तचरों ने सुचना दी की पडोसी राज्य हम पर हमला करने वाले है। गुप्तचरों ने बताया की खबर एकदम पक्की है।

सिर्फ तीन दिनों के भीतर पडोसी राज्य अपने विशाल सेना के साथ हम पर हमला कर देगा और उनकी सेना इतनी बड़ी है की उनका सामना करना बहुत मुश्किल है।

राजा बेहद चिंचित हो गया परेशान हो गया। राजा ने तुरंत सभा बुलाई और सभी लोगो से सलाह मांगी की अब हम लोगो का मारना तय है अगर किसी व्यक्ति के पास कोई सुझाव है तो बता सकता है कोई स्ट्रेटेजी है तो बता सकता है।

राजा के चतुर मंत्री ने कहा अब जब जान पर बात आ गयी है तो इसका एक मात्र उपाय है की हमें आज ही अभी ही इसी वक्त ही पडोसी राज्य पर हमला कर देना चाहिए।

राजा बोला, मंत्री जी हमारी सेना बहुत छोटी है हम उनका मुकाबला कैसे कर पाएंगे? मंत्री बोला, पडोसी राज्य अभी युद्ध के लिए तैयार नहीं है अभी उस राज्य पर हमला कर दे तो संभल नहीं पाएंगे और हमारे जितने की कुछ तो सम्भावना बनेगी वैसे भी हम पर हमला होने वाला है वो इतनी विशाल सेना है हम यू ही मरने वाले है।

वो वैसे भी हमें तीन दिन बाद मारने वाले है तो क्यों ना कुछ न करने से हम ये कर सकते है राजा को बात थोड़ी अच्छी लग गयी उसने तुरंत अपनी सेना को तैयार होने का आदेश दिया और उस राज्य के नागरिक भी सेना के साथ जुड़कर युद्ध में चले गए।

पड़ोसी राज्य जो था वहा तक पहुंचने से पहले एक पुल पार करना होता था। एक पुल था तो जैसे ही वो सेना पुल पार करके उस राज्य में घुस गए तो राजा ने कहा हम अपने पड़ोसी राज्य में घुस चुके है ये जो पुल है इस पुल को जला दो और जलाने के बाद सेना को बोल दिया हमारे पास में अब और कोई ऑप्शन नहीं सिवाय लड़ने के अब हम या तो लड़ के जित ले या फिर हम यहाँ पर मर जाये।

हमारे पास भागने का कोई ऑप्शन नहीं है सभी सैनिक अपनी पूरी छमता के साथ में लड़े और पड़ोसी राज्य की बड़ी सेना को उन्होंने हरा दिया। इस ऐटिटूड के साथ में की हमारे पास में कोई और ऑप्शन ही नहीं है।

इस कहानी का मैसेज है जब आपके पास में प्लान B नहीं होता है आपके पास में सिर्फ प्लान A होता है तब उसके पुरे होने की सम्भावना बहुत अधिक होती है जब आपके पास में रास्ता सिर्फ एक होता है की ये अगर नहीं किया तो मर जायेंगे, बर्बाद हो जायेंगे तो सम्भावना बढ़ जाती है उसमे कामयाब होने की।

हर कामयाब इंसान का एक वक्त आता है जब उसको लगता है की अब अगर मैंने कुछ नहीं किया तो बर्बाद हो जाऊंगा और वो कर लेता है


Tuesday, January 17, 2023

सूरत को देखकर उसकी सीरत का अंदाजा नहीं लगाना चाहिए

एक समय की बात है, एक व्यापारी अपनी तीन बेटियों के साथ रहता था. व्यापारी को अपनी तीनो बेटियों से प्यार था. एक दिन उसे किसी काम से दूसरे देश जाना था, जाने से पहले व्यापारी ने अपनी तीनो बेटियों को अपने पास बुलाया और पूछा, “मेरी प्यारी बच्चियों, कहो मैं परदेस से तुम तीनों के लिए क्या लाऊं?”

पहली बेटी ने सुन्दर कपडे और दूसरी बेटी ने गहने मंगवाए. तीसरी बेटी जिसका नाम ब्यूटी था, उसने अपने पिता से कहा कि वह उसके लिए एक गुलाब का फूल ले आये. व्यापारी ने अपनी तीनो बेटियों से उनके उपहार लाने का वादा किया और अपने सफर पर निकल पड़ा.

अपना काम खत्म कर के व्यापारी जब अपने घर की ओर चला, तो वह तूफ़ान में फंस गया और रास्ते से भटक गया. बहुत कोशिशों के बाद भी वह अपने घर का रास्ता ना ढूंढ सका, तब तक तो अँधेरा भी हो चुका था. तभी अचानक उसकी नज़र एक रौशनी पर पड़ी जो दूर एक महल से आ रही थी. व्यापारी ने सोचा शायद महल में उसे रात बिताने की जगह मिल जाये, इसलिए वह उस तरफ चल पड़ा.

जब व्यापारी महल में पंहुचा तो, महल में कोई भी नहीं था. उसने हर तरफ देखा लेकिन उसे महल में कोई नहीं मिला. आश्चर्य की बात थी कि खाने की मेज़ पर कई प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन रखे हुए थे, परन्तु उन्हें खाने वाला कोई नहीं दिख रहा था. भोजन को देख व्यापारी की भूख और बढ़ गयी थी, इसलिए उसने भर पेट खाना खाया और एक कमरे में मुलायम गद्दों पे सो गया. सुबह व्यापारी ने जब महल के बागीचे में सुन्दर गुलाब खिले देखे, तो उसे ब्यूटी से किया हुआ वादा याद आ गया. उसने एक फूल तोडा और घर की ओर जाने लगा तभी वहाँ एक भयानक जीव प्रकट हुआ और बोला,  “मैंने तुम्हे अपना भोजन खाने दिया, अपने मुलायम गद्दों पर सोने दिया और तुम मेरे ही बागीचे से गुलाब तोड़ रहे हो. तुम्हे इसकी सज़ा भुगतनी होगी.“ व्यापारी बहुत डर गया था, कांपते हुए बोला “मुझे माफ़ कर दो! माफ़ कर दो मुझे!! मुझे मत मारो. यह गुलाब मैंने अपने लिए नहीं तोड़ा, अपनी बेटी के लिए तोड़ा था. मैंने अपनी बेटी से वादा किया था कि मैं उसके लिए गुलाब का फूल लाऊंगा.” यह सुनते ही राक्षस ने व्यापारी से कहा कि वह एक शर्त पर उसे छोड़ेगा, उसे अपनी बेटी को महल में भेजना होगा. डरा और घबराया हुआ व्यापारी अपनी बेटी को भेजने का वादा कर वहां से चला गया.

घर पहुँच कर व्यापारी ने अपनी बेटियों को सारी बात बताई और ब्यूटी से माफ़ी मांगते हुए कहा, “अपनी जान बचाने के लिए मुझे उस समय कुछ समझ नहीं आया और मैं राक्षस से यह वादा कर आया. मुझे माफ़ कर दो ब्यूटी! अपने स्वार्थी पिता को माफ़ कर दो!!” ब्यूटी ने अपने पिता के गले लगते हुए तसल्ली दी, ” आप बिलकुल परेशान ना हों पिताजी, मैं आपका किया हुआ वादा ज़रूर निभाऊंगी.”

ब्यूटी जब महल पहुंची तो बहुत घबराई हुई थी, राक्षस का भयानक चेहरा देख कर वह बहुत डर गयी. लेकिन राक्षस ने उसका खुले दिल से स्वागत किया. राक्षस ने उसे रहने के लिए अपने महल का सबसे अच्छा कमरा दिया और जब ब्यूटी आग के सामने बैठ कर कढ़ाई करती तब राक्षस उसके पास घंटों तक बैठा रहता और उसे निहारता रहता. धीरे-धीरे दोनों को एक दुसरे का साथ अच्छा लगने लगा और वे अच्छे दोस्त बन गए. अब वह दोनों सारा सारा दिन एक दूसरे से बातें करते और खुश रहते. राक्षस को ब्यूटी बहुत अच्छी लगती थी और वह उससे शादी करना चाहता था, लेकिन डरता था कि ब्यूटी एक राक्षस से कभी शादी नहीं करना चाहेगी. बड़ी हिम्मत जुटा कर एक दिन उसने ब्यूटी से अपने दिल की बात कहने का फैसला किया. जब वह ब्यूटी के पास पहुंचा तो देखा कि ब्यूटी अपने पिता को याद करके बहुत उदास है. उससे ब्यूटी की उदासी देखी नहीं गयी और उसने ब्यूटी को एक जादुई शीशा दिया जिससे वह अपने पिता को देख सके. ब्यूटी बहुत खुश हुई, लेकिन जब उसने अपने पिता को देखा तो वह बहुत बीमार थे. यह देख ब्यूटी ने राक्षस से अपने पिता से मिलने की इच्छा जताई. राक्षस ने उसे पिता से मिलने की इजाज़त दे दी और सात दिन में वापिस आने को कहा . ब्यूटी ने तय समय में आने का वादा किया और अपने घर चली गयी. ब्यूटी को सामने देख व्यापारी खुश हो गया और जैसे जैसे उसे पता चला कि राक्षस देखने में भले ही क्रूर हो लेकिन वह दिल का बहुत ही नेक और दयालु है, व्यापारी की सेहत और सुधरती गयी. परिवार से मिलने की खुशी में सात दिन कब निकल गए, ब्यूटी को पता ही नहीं चला.

एक दिन ब्यूटी ने सपना देखा कि राक्षस की हालत बहुत खराब है और जल्दी ही मरने वाला है. अगले ही दिन वह महल वापस आ गयी और उसने पाया कि राक्षस बगीचे में बेसुध पड़ा हुआ था जैसे वह मर चुका हो. ब्यूटी उसे देखते ही रो पड़ी, “तुम मुझे छोड़ कर मत जाओ, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और तुमसे शादी करना चाहती हूँ. मैं अपनी सारी ज़िन्दगी तुम्हारे साथ बिताना चाहती हुँ.” जैसे ही ब्यूटी ने यह शब्द कहे, एक रौशनी ने राक्षस को ढक लिया, और जब रौशनी गायब हुई तो भयानक और क्रूर दिखने वाला राक्षस एक खूबसूरत राजकुमार में बदल चुका था. राजकुमार ने बताया कि एक दुष्ट जादूगरनी ने उसे एक राक्षस बना दिया था और सच्चे प्यार से ही उस जादू को तोडा जा सकता था. बहुत समय से राजकुमार उस लड़की को ढूंढ रहा था, जो उससे उस रूप में प्यार करे जिससे सब डरते थे, जो उसकी सूरत से नहीं बल्कि उसके गुणों को चाहे. आखिरकार राजकुमार को उसका सच्चा प्यार मिल गया और वह बहुत खुश था. जल्द ही ब्यूटी और राजकुमार की शादी हो गयी और वह अपनी गुलाबों सी खूबसूरत दुनिया में हसी खुशी रहने लगे.

शिक्षा – इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें किसी की सूरत को देखकर उसकी सीरत का अंदाजा नहीं लगाना चाहिए. इन्सान का बाहरी रूप सिर्फ दिखावा है, उसका साफ दिल, उसके गुण देखकर इन्सान से प्यार किया जाता है.