Thursday, November 2, 2023

दोस्त बेशक एक हो लेकिन ऐसा हो जो अलफ़ाज़ से ज्यादा ख़ामोशी को समझे

सौरभ और आर्यन, ये दोस्त बचपन के दिनों से साथ थे। उनकी दोस्ती कुछ ऐसी थी कि वो एक दुसरे की भावनाओं को बिना शब्दों के समझ सकते थे। वे जानते थे कि एक-दूसरे की आवश्यकताओं और इच्छाओं को समझने के लिए अक्षरों की आवश्यकता नहीं होती।

उनका पहला मिलना एक सुनसान खेत में हुआ था, जब वे दोनों सिर्फ चार साल के थे। सौरभ वहाँ खेल रहा था, जबकि आर्यन एक पूँछते बछड़ा के साथ बैठा था। सौरभ ने धीरे से आर्यन के पास आकर बैठ गया, और उनकी आँखों के संकेत से वह जान गया कि आर्यन कुछ पूछना चाहता है।

वे बचपन से ही एक-दूसरे के साथ समय बिताते थे। जब वे स्कूल जाते थे, तो भी उनकी दोस्ती अनूठी थी। वे कभी भी एक-दूसरे के साथ ही स्कूल जाते थे, और एक-दूसरे के साथ ही लंच खाते थे। वे दोनों के बीच शब्दों की कमी कभी भी एक स्थिति की अस्पष्टता नहीं बनती थी, क्योंकि वे एक-दूसरे के मन की बातों को पढ़ सकते थे।

एक बार, जब वे दसवीं कक्षा में थे, तो उन्होंने अपने प्रिय शिक्षक से एक परियोजना पर काम करने का आलंब लिया। परियोजना के लिए वे दोनों को एक-दूसरे के साथ काम करना था और उन्हें एक नई तरह की आवश्यकता थी, जिसमें वे अपने अल्फ़ाज़ के बजाय समझ और सहयोग का साहस दिखा सकते थे।

परियोजना का नाम था "वायुमंडल का अद्वितीय दर्शन"। इसमें वे दोनों को एक विमान में सवार होकर वायुमंडल की ऊंचाइयों को मापना था और उनके बाद एक प्रेजेंटेशन देना था। वे अपने परियोजने के लिए तैयार हो गए और एक दिन प्रेजेंटेशन के लिए विमान पर बैठे।

सौरभ ने आर्यन से कहा, "हमें यह सिखना होगा कि वायुमंडल क्या होता है और हमें उसे कैसे माप सकते हैं।"

आर्यन ने सिर्फ एक झलक दी और समझ गए कि उन्हें क्या करना है। वे दोनों ने एक साथ काम करने का आलंब लिया और परियोजना को पूरा किया। उन्होंने अपनी प्रेजेंटेशन के दौरान बिना किसी शब्द के उपयोग किए, एक-दूसरे के साथ मिलकर बताया कि वायुमंडल क्या है और कैसे मापा जा सकता है।

उनकी प्रेजेंटेशन ने सबको हैरान कर दिया और उन्हें प्रशंसा मिली कि वे बिना किसी शब्द के एक-दूसरे के साथ कैसे काम कर सकते हैं। उनकी यह दोस्ती ने सबको यह सिखाया कि अल्फ़ाज़ से ज्यादा भी ख़ामोशी में एक दूसरे को समझने का अद्वितीय तरीका हो सकता है।

सौरभ और आर्यन की दोस्ती ने हमें यह दिखाया कि एक सच्चे दोस्त के बीच की बंधन कितनी गहरी हो सकती है। यह दोस्ती हमें यह भी सिखाती है कि शब्दों की कमी में भी हम अपने दोस्तों के साथ मिलकर कुछ अद्वितीय चीज़ें कर सकते हैं और उन्हें समझ सकते हैं। यह हमें यह भी दिखाती है कि सच्चे दोस्त हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, जो हमारे साथ हर पल रहते हैं, चाहे हम बोलते हों या नहीं।


No comments: