Tuesday, March 22, 2022

आपका कण्ट्रोल

एक बार की बात है एक राजा साहब के पास में बड़ा सुन्दर  विशाल महल था और उस विशाल सी  महल में एक सुंदर सी बगीची थी  उस सुन्दर सी बगीची में एक माली था और अंगूरों की बेल थी माली जो था वो  इस बात से परेशान था

की अंगूरों की बेल पे रोजाना एक चिड़ियाँ आकर के आक्रमण करती थी  और कुछ इस तरीके से वो आक्रमण करती थी जिसे की जो मीठे मीठे अंगूर थे उसे तो खा लेती थी जो अधपके थे  और जो खटे अंगूर थे उसे ज़मीन पर  गिरा देती थी।

  माली इस बात से बड़ा परेशान चल रहा था की इस अंगूरों के बेल को ये चिड़ियाँ एक दिन तबाह कर देगी नस्ट कर देगी उसने बहुत कोसिस की लेकिन उसको कोई उपाय  मिला  नहीं तो वो राजा के पास पंहुचा और कहा

मालिक हुकुम आपही कुछ कीजिये मुझसे कुछ हो नहीं पारहा  है अंगूरों की बेल कभी भी ख़त्म हो सकती है राजाने  कहा माली साहब आप चिंता मत कीजिये आपका काम मैं करूँगा।

  अगले दिन राजा साहब पहुंचे खुद और अंगूरों की बेल के पीछे जाके छुप गए और जैसे ही चिड़ियाँ आई राजा ने फुर्ती दिखाते हु चिड़ियाँ को पाकर लिया। 

जैसे ही चिड़ियाँ को पकड़ा चिड़ियाँ ने राजा के कहा हे राजन मुझे माफ़ करना  मुझे मत मारो मैं  आपको चार ज्ञान की बातें बताउंगी राजा बहुत घुसे में थे राजा ने बोला पहेली बात बताओ चिड़ियाँ ने कहा अपनी हाथ में आए शत्रु को कभी भी जाने न दे

राजा ने कहा दूसरी बात बता चिड़ियाँ ने कहा कभी भी असम्भव बात पर यकीन न करें राजा ने कहा बहुत हो गया डरामा तीसरी बात बताओ  चिड़ियाँ ने कहा बीती बात कर पछतावा न करें

  राजा ने कहा अब चौथी बात बता अब खेल खत्म करता हु बहुत देर से परेशान कर रखा है

चिड़ियाँ ने कहा राजा साहब अपने जिस तरीके से मुझे पाकर रखा है मुझे साँस नहीं आरही आप  मुझे थोड़ी सी ढील देंगें तो शायद मैं  आपको चौथी बात बता पाऊं  राजा ने हलकी सी ढील दी

और  चिड़ियाँ उर कर के डाल पे बैठ गई चिड़ियाँ ने कहा मेरे पेट में दो हिरे हैं ये सुन कर के राजा पश्चाताप करने लगा उदाश हो गया

और राजा की ये शक्ल देख कर के चिड़ियाँ ने ने बोला राजा साहब मैंने जो आपको अभी  चार  ज्ञान की  बात  बताई थी पहली बात बताई थी अपने शत्रु को कभी हाथ में आने के बाद  छोड़ें न

आपने हाथ में आए शत्रु यानि मुझे छोर  दिया दूसरी  बात बताई थी  असबभाव बात पर यकीन  न करें , आपने यकीं कर लिया की मेरे छोटे से पेट में दो हिरे हैं ,

तीसरी बात बताई थी की बीती हुई बात पर पश्चताप न करें आप उदास है आप पश्चाताप कर रहें है जबकि मेरे पेट में हिरे है ही नहीं उसको सोच कर के आप पश्चाताप कर रहें है।

  उस चिड़ियाँ ने राजा को नहीं हम सबको भी बताई हम सब  भी जो बीती चूका होता है उस  पर कई बार पश्चाताप कर रहें होतें हैं हमेशा भूतकाल में  रहतें है और भविस का सोचतें नहीं हैं प्रेजेंट में रहना सुरु की जिए

फ्यूचर की प्लानिंग करना सुरु कीजिये अपने सपनो को फॉलो करना सुरु कीजिये।  जिंदगी में जो हो गया  आपका उसपर कण्ट्रोल नहीं है लेकिन जो होगा उसको आप बदल सकते है। 

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