Saturday, February 22, 2020

अपने माता पिता का सर्वदा सम्मान करें

एक पुत्र अपने वृद्ध पिता को रात्रिभोज के लिये एक अच्छे रेस्टोरेंट में लेकर गया । 

खाने के दौरान वृद्ध पिता ने कई बार भोजन अपने कपड़ों पर गिराया । 

रैस्टोरेंट में बैठे खाना खा रहे लोग वृद्ध को घृणा की नजरों से देख रहे थे लेकिन उसका पुत्र शांत था । 

खाने के बाद पुत्र बिना किसी शर्म के वृद्ध को वॉशरूम ले गया । उनके कपड़े साफ़ किये, चेहरा साफ़ किया, बालों में कंघी की, चश्मा पहनाया और फिर बाहर लाया । सभी लोग खामोशी से उन्हें ही देख रहे थे । 

फ़िर उसने बिल का भुगतान किया और वृद्ध के साथ बाहर जाने लगा । 

तभी डिनर कर रहे एक अन्य वृद्ध ने उसे आवाज दी, और पूछा - क्या तुम्हें नहीं लगता कि तुम यहाँ अपने पीछे कुछ छोड़ कर जा रहे हो ? 

उसने जवाब दिया - नहीं सर, मैं कुछ भी छोड़कर नहीं जा रहा ।  

वृद्ध ने कहा - बेटे, तुम यहाँ प्रत्येक पुत्र के लिए एक शिक्षा, सबक और प्रत्येक पिता के लिए उम्मीद छोड़कर जा रहे हो ।  

आमतौर पर हम लोग अपने बुजुर्ग माता-पिता को अपने साथ बाहर ले जाना पसंद नहीं करते,
और कहते हैं - क्या करोगे, आपसे चला तो जाता नहीं, ठीक से खाया भी नहीं जाता, आप तो घर पर ही रहो, वही अच्छा होगा ।

लेकिन क्या आप भूल गये कि जब आप जब छोटे थे, और आपके माता-पिता आपको अपनी गोद में उठाकर ले जाया करते थे । आप जब ठीक से खा नहीं पाते थे तो माँ आपको अपने हाथ से खाना खिलाती थी, और खाना गिर जाने पर डाँट नहीं प्यार जताती थी ।

फिर वही माँ बाप बुढ़ापे में बोझ क्यों लगने लगते हैं ? 

माँ-बाप भगवान का रूप होते हैं । उनकी सेवा कीजिये, और प्यार दीजिये क्योंकि एक दिन आप भी बूढ़े होंगे ।

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