गधे ने बाघ से कहा! घास नीले रंग की होती है !
बाघ ने कहा! नहीं घास का रंग हरा है !
दोनों के बीच चर्चा तेज हो गई। चर्चा विवाद का रूप ले ही रही थी , कि किसी ने सुझाया , क्योंना जंगल के राजा से निर्णय करवाते !
दोनों ही अपने-अपने तर्को पर दृढ़ता से अड़े थे ! इस विवाद को
समाप्त करने के लिए, दोनों जंगल के राजा शेर के पास गए !
पशु साम्राज्य के बीच में, सिंहासन पर एक शेर बैठा था !
बाघ के कुछ कहने से पहले ही गधा चिल्लाने लगा ! !
महाराज! !
घास नीला है ना?
शेर ने कहा,
'हाँ!
घास नीली है।
गधा बोला ! ये बाघ नहीं मान रहा! उसे , ठीक से इसकी सजा दी जाए।
राजा ने घोषणा की !
" बाघ को एक साल की जेल होगी " राजा का फैसला गधे ने सुना , और वह पूरे जंगल में खुशी से झूमता फिरे , कि
" बाघ को एक साल की जेल की सजा सुनाई गई " ! !
बाघ शेर के पास गया और पूछा ! !
क्यों महाराज ? घास हरी है ,
क्या यह सही नहीं है?? ?
शेर ने कहा ! हाँ! घास हरी है ! मगर . . तुम को सज़ा ! उस मूर्ख , गधे के साथ बहस करने केलिये दी गई हैं ! ! . . . आप जैसे बहादुर और बुद्धिमान जीव , ने , गधे से बहस की ! ! !
और निर्णय कराने ,
मेरे पास , चले आये ! ! !
कहानी का सार ! ? !
गधों से , बहस ना , करें ! गधों के जोर जोर से चोर चोर चिल्लाने से चौकीदार चोर नही हो जाता अपने दिमाग का उपयोग करे
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