Thursday, May 25, 2017

सकारात्मक विचार

एक दिन एक व्यक्ति ऑटो से  रेलवे स्टेशन जा रहा था। ऑटो वाला बड़े आराम से ऑटो चला रहा था। एक कार अचानक ही पार्किंग से निकलकर रोड पर आ गई। ऑटो चालक ने तेजी से ब्रेक लगाया और कार ऑटो से टकराते टकराते बची। कार चालक गुस्से में ऑटो वाले को ही भला-बुरा कहने लगा, जबकि गलती कार- चालक की थी। ऑटो चालक ने कार वाले की बातों पर गुस्सा नहीं किया और क्षमा माँगते हुए आगे बढ़ गया। ऑटो में बैठे व्यक्ति को कार वाले की हरकत पर गुस्सा आ रहा था। उसने ऑटो वाले से पूछा: तुमने उस कार वाले को बिना कुछ कहे ऐसे ही क्यों जाने दिया? उसने तुम्हें भला-बुरा कहा, जबकि गलती तो उसकी थी। ऑटो वाले ने कहा: हमारी किस्मत अच्छी है, वरना उसकी वजह से हम अभी अस्पताल में होते। साहब, बहुत से लोग गार्बेज ट्रक (कूड़े के ट्रक) की तरह होते हैं। वे बहुत सारा कूड़ा अपने दिमाग में भरे हुए चलते हैं। जिन चीजों की जीवन में कोई ज़रूरत नहीं होती उनको मेहनत करके जोड़ते रहते हैं - जैसे क्रोध, घृणा, चिंता, निराशा आदि। जब उनके दिमाग में इनका कूड़ा बहुत अधिक हो जाता है, तो वे अपना बोझ हल्का करने के लिए इसे दूसरों पर फेंकने का मौका ढूँढते हैं। इसलिए मैं ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखता हूँ और उन्हें दूर से ही मुस्कराकर अलविदा कह देता हूँ। क्योंकि अगर उन जैसे लोगों द्वारा गिराया हुआ कूड़ा मैंने स्वीकार कर लिया तो मैं भी एक कूड़े का ट्रक बन जाऊँगा और अपने साथ-साथ आसपास के लोगों पर भी कूड़ा गिराता रहूँगा। मैं सोचता हूँ जिंदगी बहुत ख़ूबसूरत है। इसलिए जो हमसे अच्छा व्यवहार करते हैं उन्हें धन्यवाद कहो और जो हमसे अच्छा व्यवहार नहीं करते उन्हें मुस्कुराकर माफ़ कर दो। हमें यह याद रखना चाहिए कि सभी मानसिक रोगी केवल अस्पताल में ही नहीं रहते हैं। कुछ हमारे आस-पास खुले में भी घूमते रहते हैं। यदि दिमाग में सकारात्मक विचार न भरें जाएँ, तो नकारात्मक विचार अपनी जगह बना ही लेते हैं। जिसके पास जो होता है वह वही बांटता है। एक सफल इंसान वही कहलाता है, जो सफलता बाँटता है।

No comments: