Monday, August 5, 2024

सपनों के प्रति समर्पित

 एक गाँव में एक युवा लड़का रहता थाजिसका नाम राहुल था। राहुल को खेलों में बहुत रुचि थीलेकिनउसका आत्मविश्वास बहुत कम था। वह हमेशा सोचता था कि उसे कभी भी सफलता नहीं मिलेगी। 

 

एक दिनगाँव में एक बड़ा खेल प्रतियोगिता आयोजित किया गया। राहुल ने सोचा कि वह भी इसमें भागलेगालेकिन उसके मन में डर और हिचकिचाहट थी। उसकी माँ ने उसे प्रोत्साहित किया और कहा, "बेटाअगर तुम मेहनत करोगे और खुद पर विश्वास रखोगेतो तुम जरूर सफल होगे।"


राहुल ने अपनी माँ की बातों को ध्यान में रखते हुए ट्रेनिंग शुरू की। वह सुबह जल्दी उठतादौड़ता और अपनीतकनीक को सुधारता। उसने हर दिन अपने लक्ष्य के प्रति समर्पण दिखाया। जैसे-जैसे प्रतियोगिता का दिननज़दीक आता गयाउसका आत्मविश्वास बढ़ता गया।


जब प्रतियोगिता का दिन आयाराहुल ने पूरी मेहनत से प्रतियोगिता में भाग लिया। वह पहले राउंड में जीतगया। धीरे-धीरे वह फाइनल तक पहुँच गया। फाइनल में उसकी टक्कर एक बहुत अच्छे खिलाड़ी से थी।मुकाबला कठोर थालेकिन राहुल ने अपने मन में ठान लिया था कि वह हार नहीं मानेगा।


अंत मेंराहुल ने जीत हासिल की। वह सिर्फ खेल में ही नहींबल्कि अपने आत्मविश्वास में भी जीत गया। जबउसने ट्रॉफी उठाई और अपने माता-पिता की तरफ देखातो उसकी आँखों में आंसू थे। उसे सच में यह एहसासहुआ कि मेहनत और विश्वास से कुछ भी संभव है।

 

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि आत्मविश्वास और मेहनत के साथ हम किसी भी चुनौती का सामनाकर सकते हैं। अगर हम अपने सपनों के प्रति समर्पित रहें तो सफलता अवश्य मिलेगी।


Thursday, August 1, 2024

कड़ी मेहनत का फल

 एक छोटे से गाँव में एक लड़काराजूरहता था। राजू बहुत गरीब थालेकिन उसमें अपने सपनोंको पूरा करने की जिजीविषा थी। उसका सपना था कि वह एक दिन बड़ा आदमी बनेगा और अपने परिवार का नाम रोशन करेगा। 

राजू स्कूल में पढ़ाई में बहुत अच्छा थालेकिन उसकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी किवह महंगी किताबें या ट्यूशन ले सके। लेकिन राजू ने हार नहीं मानी। वह रोज़ सुबह उठकर स्कूलजाता और क्लास में जो कुछ भी पढ़ाया जाताउसे ध्यान से सुनता। उसके बाद वह स्कूल कीलाइब्रेरी में जाकर किताबें पढ़ता और अपनी कमजोरियों पर काम करता।


एक दिनस्कूल में एक परीक्षा आयोजित की गई। राजू ने अपनी मेहनत और लगन से परीक्षा दी।जब नतीजे आएतो राजू ने पहले स्थान पर आने का खिताब जीत लिया। उसकी सफलता से पूरेगाँव में खुशी की लहर दौड़ गई।


लेकिन राजू की मेहनत यहीं खत्म नहीं हुई। उसने सोचा कि केवल एक परीक्षा में सफलता पाने सेकुछ नहीं होता। उसके आगे अभी और चुनौतियाँ थीं। उसने अपनी पढ़ाई जारी रखी और कॉलेज मेंदाखिला लिया। वहाँ भी उसने अपने लक्ष्य के प्रति संकल्पित रहकर मेहनत की।


कॉलेज की पढ़ाई के बाद राजू ने प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी शुरू की। यह एक कठिन यात्राथीलेकिन उसने लगातार मेहनत की। कई बार वह असफल हुआलेकिन उसने कभी हार नहींमानी। हर बार उसने अपनी गलतियों से सीखा और भी मजबूत होकर आगे बढ़ा।


आखिरकारराजू ने UPSC परीक्षा में सफलता हासिल की और एक आईएएस अधिकारी बना।आज वह अपने गाँव के लिए एक प्रेरणा बन गया है। उसने अपने परिवार का नाम रोशन कियाऔर गाँव में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ बनाई।


इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अगर आपके इरादे मजबूत हैं और आप मेहनत करने केलिए तैयार हैंतो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। सफलता मेहनत का फल हैऔर कभीभी हार नहीं माननी चाहिए।

 

Tuesday, July 30, 2024

ज़रा सोचिए

 एक छोटे से गाँव में एक किसान का बेटा राज रहता था। राज अपने माता-पिता के साथ छोटी सीझोपड़ी में रहता था और खेती करके अपना गुज़ारा करता था। राज की आँखों में बड़े-बड़े सपने थे।वह पढ़ लिखकर शहर में बड़ा आदमी बनना चाहता था।

लेकिन उसके घर की हालत ठीक नहीं थी। उसके पास पढ़ाई के लिए पैसे नहीं थे। फिर भीराजने हार नहीं मानी। वह दिन में खेतों में मेहनत करता और रात में बिजली के खंभे की रोशनी में पढ़ाईकरता।

राज के माता-पिता अक्सर कहते थे, "बेटाहमारे पास इतना पैसा नहीं है कि हम तुम्हें शहर भेजसकें। तुम यहीं हमारा साथ दो और खेती करो।लेकिन राज हमेशा जवाब देता, "मां-बापूमैंअपने सपनों के लायक हूँ और मैं इससे कम पर कभी समझौता नहीं करूंगा। यह अभिमान नहींस्वाभिमान है।"

राज ने अपने गाँव के स्कूल से टॉप किया और स्कूल की तरफ़ से स्कॉलरशिप पाई। वहस्कॉलरशिप उसकी लगन और मेहनत की पहचान थी।

शहर में जाकर राज ने कठिन परिश्रम किया। उसकी मेहनत रंग लाई और वह वहाँ की प्रतिष्ठितविश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। डिग्री मिलने के बाद राज को एक बड़ी कंपनी मेंनौकरी मिल गई।

 

आत्मा की शक्ति