इस कहानी का हीरो, विक्रम, एक आम आदम था जो अपने जीवन को सही राह पर लाने के लिए बड़े हिम्मती दिल से सजग था। उसकी कहानी दिखाएगी कि एक व्यक्ति अपनी गलतियों से सीख कर कैसे आगे बढ़ सकता है और सही करने की राह पर कैसे चल सकता है।
विक्रम का जीवन आम था, लेकिन उसमें एक बड़ी गलती थी जिसने उसके जीवन को पूरी तरह से पलट दिया। उसने कई सालों तक धूप-छाँव में जीता, परंतु उसकी गलत आदतें उसे हमेशा परेशान करती रहीं।
एक दिन, उसने एक बच्चे को छेड़ते हुए देखा। उसकी आँखों में उस बच्चे के दर्द को देखकर विक्रम को एक अच्छाई का अहसास हुआ। उसने तय किया कि वह अपनी गलतियों की माफी मांगेगा और एक नया जीवन शुरू करेगा।
विक्रम ने सही करने की हिम्मत की शुरुआत की। उसने अपनी आदतें बदलने का प्रतिश्वास बनाया और नई दिशा में कदम बढ़ाया। वह नौकरी छोड़कर एक सामाजिक संगठन में शामिल हो गए जो गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए काम कर रहा था।
विक्रम ने नए जीवन में आत्म-निर्भरता की एक नई परिभाषा पाई। उसने गलतियों को सीधा करने की हिम्मत दिखाई और उसने अपनी जिंदगी को एक सकारात्मक रुप में परिवर्तित किया।
विक्रम ने नई दिशा में बढ़ने के लिए मेहनत की, परंतु उसकी मेहनत ने उसे सिर्फ नई सफलता ही नहीं बल्कि आत्म-समर्पण और बदलाव का अहसास दिलाया।
विक्रम की कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हर किसी को दूसरे के दर्द को समझने और उसमें सहानुभूति करने की आवश्यकता है। वह नहीं सिर्फ अपने जीवन को सही करने के लिए हिम्मती थे, बल्कि उन्होंने अपनी गलतियों को ठीक करके दूसरों के जीवन में भी सकारात्मक परिवर्तन किया। उनकी ईमानदारी, मेहनत और सही दिशा में कदम बढ़ाने की राह हमें यह सिखाती है कि गलती करने से नहीं, सही करने से ही हम अच्छे और सफल इंसान बन सकते हैं।