एक गांव में रहने वाला एक व्यक्ति था, जो बहुत ही शांतिप्रिय व्यक्ति था। वह हमेशा शांत रहता था और किसी से कभी लड़ाई नहीं करता था। उसे जैसे जीना था, वैसे ही जीता करता था।
एक दिन उसके साथ एक घटना हुई, जिससे वह बहुत नाराज हो गया था। वह उसी व्यक्ति से लड़ाई कर गया, जिसके साथ उसके पूरे गांव में कभी नहीं लड़ाई हुई थी। उसने क्रोध में सब कुछ गंवा दिया जो उसने शांत रहकर कमाया था।
उसने लड़ाई में बहुत कुछ गंवाया, जैसे उसका सब कुछ। लड़ाई के बाद वह गहरे विचारों में डूब गया। वह समझ गया कि क्रोध में आकर उसने अपने आप को बहुत हानि पहुंचाई है। उसने जाना कि क्रोध से कुछ नहीं मिलता, बल्कि सब कुछ गंवाया जाता है।
उसने इस सीख को अपने जीवन में अपनाया और उसके बाद से वह हमेशा शांतिपूर्ण रहता था। वह हमेशा समझदारी से काम करता था और किसी से लड़ाई नहीं करता था
धीरे-धीरे शांत होने के बाद, वह समझ गया कि क्रोध से कुछ भी हासिल नहीं होता है। उसने अपनी गलतियों का अनुमोदन करते हुए उनसे सीखा और उन्हें ठीक करने के लिए कोशिश की। उसने जिंदगी को एक नए दृष्टिकोण से देखना शुरू किया और अपनी सीमाओं को पार करते हुए एक नई पहचान बनायी।
उसने आखिरकार सफलता हासिल की। उसका शांत मन उसे उसके लक्ष्य की ओर धकेलता रहा और उसने उसे पूरा कर लिया। वह अब अपने अद्भुत जीवन और अपने सफलता के लिए उस समय की यादों से आशीर्वाद देता है।
यह कहानी हमें यह बताती है कि क्रोध हमें केवल नुकसान पहुंचाता है। अपनी गलतियों से सीखना, उन्हें ठीक करने की कोशिश करना और शांति से जीवन जीना आपको सफलता की ओर ले जाएगा।