इतना तो समझा देना तेरी बहु को की कोई घर आये तो अदब से रहे ...
कितने दिन के लिए आते है मेंहमान इससे तेरी ही इज़्ज़त की फजीती होगी,,
तेरी बहु का तो क्या जाएगा....
ओर सच कहे तो आजकल की बहुओ में संस्कार नाम की चीज़ ही नही होती...
ये सुनके पहले तो कविता थोड़ी सकपकाई समझ नही पा रहती थी कि जीजी किस बात की चर्चा कर रही है..
तो उसने पूछा ऐसा क्या हुआ जीजी मेरी बहु से कोई गलती हो गई क्या...
कुछ कह दिया क्या उसने ओर ये कब हुआ क्या मैं उस वक्त नही थी घर पे....
तू नही थी तभी तो,
तू तेरे दूसरे बेटे के गई हुई थी..
कहा कुछ नही उसने,
हम गए तो
हमारे पैर छुए
चाय नास्ता भी कराया...
आदर सत्कार भी किया
बहुत प्यार से बोली भी ...
खाना भी बहुत स्वादिष्ट बनाया था,,...
हम अच्छे से सोये भी...
तो क्या कमी रह गई जीजी
फिर आप ऐसा क्यों बोली...
अरे कविता हम गए
जब वो पैजामे टीशर्ट में थी
हमे तो देखकर बहुत बुरा लगा,
तेरे जीजाजी को ये पसंद नही है....
कमसे कम साड़ी ही पहन लेती हमे दिखाने को मन खुश हो जाता ..
बस यही बात खटक गई....
हमारी बहुओ को देखो कोई भी घर आता है
तो अदब से रहती है साडी में...
तूने कुछ सिखाया नही तेरी बहु को ।
सही कहा जीजी आपने
आपकी बहु बहुत अदब में रहती है
पिछली बार मेरा जाना हुआ था आपके बेटे के यहाँ।
बहुत ही सुशील लग रही थी साड़ी में ..
आई मेरे पास
मेरे कंधे पे हाथ रख कर बोली आओ मौसीजी बताओ ओर कैसे आना हुआ...
मैंने कहा बहुत दिन हो गये थे, तो मिलने आ गई...
तो कहने लगी क्या करे मौसीजी वक़्त ही नही मिलता मिलने का
व्यस्त रहते है...
ओर बात तो फोन पे भी हो जाती है....
बहुत देर बात करने के बाद मुझे याद आया गला सुख रहा है...
तो मैंने पानी मांग लिया पीने को...
बहु ने कहा मौसीजी चाय बनालू क्या...
मैने कहा रहने दे क्यों परेशान होती है ,
मैं घर से चाय पीकर आई हूं..
अच्छा ठीक है
फिर मौसीजी आप रुको
में मार्केट जा रही हु
आपके साथ ही निकल लूंगी...
समझ आ गया था की बहू के पास समय नही है
मैने बेग उठाया और घर की ओर रवानगी कर ली।
अगर संस्कार
ऐसे साड़ी पहन कर निभाये जाते है तो
अच्छा है मैने अपनी बहू को नही दिए...
क्या करूँ
वो बस दुसरो की इज़्ज़त करे
प्यार करे और उनकी भावनाओं की कद्र करे,
मैं उसमे ही खुश हूं...
ये कहकर दोनो बहनो में कभी न मिटने वाली एक खटक हो गई....
पता नही क्यों लोग संस्कार प्यार इज़्ज़त को वेषभूषा से आंकते है...
इज़्ज़त देने से मिलती है
और प्यार को पाने के लिए प्यार देना पड़ता है..