Monday, January 2, 2017

नुकसान की पहचान

एक बनिए से लक्ष्मी जी रूठ गई ।जाते वक्त बोली मैं जा रही हूँ और मेरी जगह टोटा (नुकसान) आ रहा है, तैयार हो जाओ, लेकिन मै तुम्हे अंतिम भेंट जरूर देना चाहती हूँ। मांगो जो भी इच्छा हो।
बनिया बहुत समझदार था। उसने 🙏 विनती की कि,टोटा आए तो आने दो। लेकिन उससे कहना कि मेरे परिवार  में आपसी प्रेम बना रहे। बस मेरी यही इच्छा है।
लक्ष्मी जी ने तथास्तु कहा और चली गयी।
कुछ दिन के बाद :-
बनिए की सबसे छोटी बहू खिचड़ी बना रही थी। उसने नमक आदि डाला और अन्य काम करने लगी। तब दूसरे  लड़के की बहू आई और उसने भी बिना चखे नमक डाला और चली गई।इसी प्रकार तीसरी, चौथी बहुएं आई और नमक डालकर चली गई। उनकी सास ने भी ऐसा किया ।
सबसे पहले बनिया आया। पहला निवाला मुहँ में लिया। तो देखा बहुत ज्यादा नमक है। लेकिन वह समझ गया टोटा (हानि) आ चुका है। चुपचाप खिचड़ी खाई और चला गया। इसके बाद बङे बेटे का नम्बर आया। पहला निवाला मुहँ में लिया और पूछा पिताजी ने खाना खा लिया। क्या कहा उन्होंने ?
सभी ने उत्तर दिया-" हाँ खा लिया, कुछ नही बोले।"
अब लड़के ने सोचा जब पिताजी ही कुछ नही बोले तो मै भी चुपचाप खा लेता हूँ।
इस प्रकार घर के अन्य सदस्य एक -एक आए और पहले वालो के बारे में पूछते और चुपचाप खाना खा कर चले गए ।
रात को टोटा (हानि) हाथ जोड़कर  बनिए से कहने लगा -"मै जा रहा हूँ।"
बनिए ने पूछा- क्यों ?
तब टोटा (हानि ) कहता है, "आप लोग इतना सारा नमक खा गए लेकिन बिलकुल भी झगड़ा नही हुआ। मेरा यहाँ कोई काम नहीं।"
⭐झगड़ा, कमजोरी ,टोटा ,नुकसान की पहचान है।
जहाँ प्रेम है ,वहाँ लक्ष्मी का वास है। सदा प्यार -प्रेम बांटते रहे। छोटे बङे की कदर करे।
जो बङे हैं,वो बङे ही रहेंगे। चाहे आपकी कमाई उसकी कमाई से बङी हो।

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