एक छोटे से शहर मे एक बहुत ही मश्हूर बनवारी लाल सामोसे बेचने वाला था। वो ठेला लगाकर रोज दिन में 500 समोसे खट्टी मीठी चटनी के साथ बेचता था रोज नया तेल इस्तमाल करता था और कभी अगर समोसे बच जाते तो उनको कुत्तो को खिला देता। बासी समोसे या चटनी का प्रयोग बिलकुल नहीं करता था, उसकी चटनी भी ग्राहकों को बहुत पसंद थी जिससे समोसों का स्वाद और बढ़ जाता था। कुल मिलाकर उसकी क्वालिटी और सर्विस बहुत ही बढ़िया थी।
उसका लड़का अभी अभी शहर से अपनी MBA की पढाई पूरी करके आया था।
एक दिन लड़का बोला पापा मैंने न्यूज़ में सुना है मंदी आने वाली है, हमे अपने लिए कुछ cost cutting करके कुछ पैसे बचाने चाहिए, उस पैसे को हम मंदी के समय इस्तेमाल करेंगे।
समोसे वाला: बेटा में अनपढ़ आदमी हु मुझे ये cost cutting wost cutting नहीं आता ना मुझसे ये सब होगा, बेटा तुझे पढ़ाया लिखाया है अब ये सब तू ही सम्भाल।
बेटा: ठीक है पिताजी आप रोज रोज ये जो फ्रेश तेल इस्तमाल करते हो इसको हम 80% फ्रेश और 20% पिछले दिन का जला हुआ तेल इस्तेमाल करेंगे।
अगले दिन समोसों का टेस्ट हल्का सा चेंज था पर फिर भी उसके 500 समोसे बिक गए और शाम को बेटा बोलता है देखा पापा हमने आज 20% तेल के पैसे बचा लिए और बोला पापा इसे कहते है COST CUTTING।
समोसे वाला: बेटा मुझ अनपढ़ से ये सब नहीं होता ये तो सब तेरे पढाई लिखाई का कमाल है।
लड़का:पापा वो सब तो ठीक है पर अभी और पैसे बचाने चाहिए। कल से हम खट्टी चटनी नहीं देंगे और जले तेल की मात्रा 30% प्रयोग में लेंगे।
अगले दिन उसके 400 समोसे बिक गए और स्वाद बदल जाने के कारन 100 समोसे नहीं बिके जो उसने जानवरो और कुत्तो को खिला दिए।
लड़का: देखा पापा मैंने बोला था ना मंदी आने वाली है आज सिर्फ 400 समोसे ही बिके हैं।
समोसे वाला: बेटा अब तुझे पढ़ाने लिखाने का कुछ फायदा मुझे होना ही चाहिए। अब आगे भी मंदी के दौर से तू ही बचा।
लड़का: पापा कल से हम मीठी चटनी भी नहीं देंगे और जले तेल की मात्रा हम 40% इस्तेमाल करेंगे और समोसे भी कल से 400 हीे बनाएंगे।
अगले दिन उसके 400 समोसे बिक गए पर सभी ग्राहकों को समोसे का स्वाद कुछ अजीब सा लगा और चटनी ना मिलने की वजह से स्वाद और बिगड़ा हुआ लगा।
शाम को लड़का अपने पिता से: देखा पापा, आज हमे 40% तेल , चटनी और 100 समोसे के पैसे बचा लिए। पापा इसे कहते है cost कटाई और कल से जले तेल की मात्रा 50% करदो और साथ में टिशू पेपर देना भी बंद करदो।
अगले दिन समोसों का स्वाद कुछ और बदल गया और उसके 300 समोसे ही बीके।
शाम को लड़का अपने पिता से: पापा बोला था ना आपको की मंदी आने वाली है।
समोसे वाला: हा बेटा तू सही कहता है मंदी आगई है अब तू आगे देख क्या करना है कैसे इस मंदी से लड़ें।
लड़का : पापा एक काम करते हैं, कल 200 समोसे ही बनाएंगे और जो आज 100 समोसे बचे है कल उन्ही को दोबारा तल कर मिलाकर बेचेंगे।
अगले दिन समोसों का स्वाद और बिगड़ गया, कुछ ग्राहकों ने समोसे खाते वक़्त बनवारी लाल को बोला भी और कुछ चुप चाप खाकर चले गए। आज उसके 100 समोसे ही बिके और 100 बच गए।
शाम को लड़का बनवारी लाल से: पापा देखा मैंने बोला था आपको और ज्यादा मंदी आएगी। अब देखो कितनी मंदी आगई है।
समोसे वाला: हाँ, बेटा तू सही बोलता है तू पढ़ा लिखा है समझदार है। अब् आगे कैसे करेगा?
लड़का: पापा कल हम आज के बचे हुए 100 समोसे दोबारा तल कर बेचेंगे और नए समोसे नहीं बनाएंगे।
अगले दिन उसके 50 समोसे ही बीके और 50 बच गए। ग्राहकों को समोसा का स्वाद बेहद ही ख़राब लगा और मन ही मन सोचने लगे बनवारी लाल आजकल कितने बेकार समोसे बनाने लगा है और चटनी भी नहीं देता कल से किसी और दुकान पर जाएंगे।
शाम को लड़का बोला, पापा देखा मंदी आज हमनें 50 समोसों के पैसे बचा लिए। अब कल फिर से 50 बचे हुए समोसे दोबारा तल कर गरम करके बचेंगे।
अगले दिन उसकी दुकान पर शाम तक एक भी ग्राहक नहीं आया और बेटा बोला देखा पापा मैंने बोला था आपको और मंदी आएगी और देखो आज एक भी ग्राहक नहीं आया और हमने आज भी 50 समोसे के पैसा बचा लिए। इसे कहते है Cost Cutting।
बनवारी लाल समोसे वाला : बेटा खुदा का शुक्र है तू पढ़ लिख लिया वरना इस मंदी का मुझ अनपढ़ को क्या पता की cost cutting क्या होता है।
और अब एक बात और सुन.....
बेटा : क्या.....????
बनवारी लाल समोसे वाला : कल से चुपचाप बर्तन धोने बैठ जाना यहाँ पर...... मंदी को मैं खुद देख लुंगा.....