आकाश एक छोटे से गाँव में पैदा हुआ था। उसके पिता एक किसान थे और माँ गृहिणी। उनकेपास ज्यादा संपत्ति नहीं थी, लेकिन उनके पास सच्चाई, ईमानदारी और मेहनत जैसी कीमती चीजेंथीं। आकाश के माता-पिता ने उसे यही शिक्षा दी थी कि जिंदगी में सबसे अहम चीज़ उसकाज़मीर होना चाहिए। वे हमेशा कहते थे:
"अगर तेरे पास सच्चाई और ईमानदारी है, तो तुझे किसी चीज़ की कमी नहीं होगी।"
आकाश को शुरू से ही यह समझाया गया था कि अमीरी का मतलब सिर्फ पैसे नहीं होते, बल्किसच्चाई और सम्मान भी बहुत बड़ी संपत्ति है। वह जब भी घर से बाहर निकलता, अपने माता-पिताकी बातों को याद करता और हर काम में सच्चाई और ईमानदारी से काम करता।
आकाश ने अपनी पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन किया और उसे एक अच्छे कॉलेज में दाखिला मिला।कॉलेज में दाखिला लेने के बाद आकाश ने देखा कि बाकी सभी छात्र अच्छे कपड़े पहनते थे, उनकेपास महंगे गैजेट्स थे, और वे अक्सर पैसे की बात करते रहते थे। लेकिन आकाश के पास सिर्फअपनी मेहनत और सच्चाई थी।
कॉलेज के पहले साल में ही उसे कई ऐसे मौके मिले, जहां पैसे कमाने के आसान रास्ते थे। लेकिनआकाश ने हमेशा अपने ज़मीर को बनाए रखा। वह जानता था कि अगर उसने गलत तरीके से पैसेकमाए, तो उसकी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी।
एक दिन, उसके एक दोस्त ने उसे एक अवसर के बारे में बताया। यह एक ऐसा व्यापार था जिसमेंलोग दूसरों का शोषण करते हुए पैसा कमाते थे। आकाश के मन में बड़ा संघर्ष हुआ। एक ओर थाधन और सफलता का रास्ता, और दूसरी ओर था उसका ज़मीर। आकाश ने उस प्रस्ताव को नकारदिया और अपने दोस्त से कहा:
"धन तो आता-जाता रहता है, लेकिन ज़मीर खो दिया तो सब कुछ खो दिया।
इस निर्णय के बाद आकाश का दोस्त उससे दूर हो गया और उसे कई बार ताने भी दिए गए।लेकिन आकाश को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। उसने अपनी राह पर चलते हुए यह सिद्ध कर दियाकि उसके पास असली खजाना था— उसका ज़मीर।
आकाश ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और अच्छे अंक प्राप्त किए। कॉलेज के अंतिम वर्ष में उसे एकबड़ी कंपनी में इंटर्नशिप का प्रस्ताव मिला। यह कंपनी बहुत बड़ी थी और इसमें अच्छे पैकेज केसाथ नौकरी का मौका था। लेकिन एक शर्त थी— उसे कंपनी के लिए कुछ अनैतिक तरीकेअपनाने पड़ते थे। इस बार आकाश को फिर से वही दुविधा झेलनी पड़ी। उसके पास पैसा कमानेका बड़ा अवसर था, लेकिन यह उसके ज़मीर से टकरा रहा था।
आकाश ने इस मौके को भी ठुकरा दिया। उसने अपनी ईमानदारी और ज़मीर को प्राथमिकता दीऔर न केवल उस कंपनी से, बल्कि बहुत सी अन्य कंपनियों से भी अच्छे ऑफर मिले। आकाश कीईमानदारी और मेहनत का सम्मान हुआ। उसने एक ऐसी कंपनी चुनी, जो न केवल अच्छे पैसे देतीथी, बल्कि समाज में अपनी जिम्मेदारी को समझती थी।
कुछ साल बाद आकाश एक सफल कारोबारी बन गया। उसने अपनी मेहनत और ईमानदारी सेअपनी कंपनी बनाई, जो समाज की भलाई के लिए काम करती थी। वह जानता था कि पैसा औरसंपत्ति एक दिन खत्म हो सकते हैं, लेकिन अगर उसने लोगों का विश्वास खो दिया, तो वह कभीसफल नहीं हो पाएगा।
आकाश ने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कई परियोजनाएं शुरू कीं। उसने गरीबबच्चों के लिए स्कूल खोले, लोगों को रोजगार देने के लिए काम शुरू किया और प्राकृतिकसंसाधनों का सही तरीके से उपयोग करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए। उसका विश्वासथा कि यदि किसी के पास अमीरी है, तो उसका कर्तव्य है कि वह समाज के भले के लिए उसकाइस्तेमाल करे।
एक दिन, आकाश की मुलाकात एक पुराने दोस्त से हुई, जो उसे कॉलेज के दिनों में शॉर्टकटअपनाने का सुझाव देता था। वह अब बहुत बड़ा बिजनेसमैन बन चुका था, लेकिन वह पैसे कमानेके अनैतिक तरीके अपनाता था। उसने आकाश से पूछा:
"तुमने क्यों नहीं उन आसान रास्तों को अपनाया? तुम्हें बहुत ज्यादा पैसा मिल सकता था!"
"पैसा तो आसानी से कमाया जा सकता है, लेकिन अगर तुमने उसे गलत तरीके से कमाया, तोतुम्हारी आत्मा बेच दी होती है। और फिर वह पैसा कभी तुम्हारे काम का नहीं रहता। असली अमीरीवही है, जो सच्चाई और ईमानदारी से कमाई जाती है।"
आकाश की कहानी एक प्रेरणा बन गई। उसने यह साबित कर दिया कि असली अमीरी किसी बैंकबैलेंस में नहीं, बल्कि एक अच्छे ज़मीर में है। आकाश ने सच्चाई और ईमानदारी के रास्ते परचलकर सिर्फ अपने लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक मिसाल कायम की।
इस कहानी से यह सीख मिलती है कि इंसान को अमीर नहीं होना चाहिए, बल्कि उसका ज़मीरहोना चाहिए। ज़मीर से इंसान सही रास्ते पर चलता है, जबकि पैसा उसे रास्ते से भटका सकता है।आकाश की तरह, अगर हम अपने ज़मीर के साथ चलते हैं, तो जीवन में सच्ची सफलता औरसंतोष प्राप्त कर सकते हैं।
"आदमी को अमीर नहीं होना चाहिए, उसका ज़मीर होना चाहिए"—यह विचार हमें यह याददिलाता है कि पैसा ज़रूरी है, लेकिन सबसे ज़्यादा ज़रूरी है अपने अंदर की सच्चाई और ईमानदारीको बरकरार रखना।
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