Wednesday, May 22, 2024

मजाक का मजाक

यह कहानी है एक छोटे गाँव के एक लड़के रामू के बारे मेंजिसने अपनी हास्यप्रियता के माध्यम से एकमहत्वपूर्ण संदेश दिया।
रामू एक आधा विद्यालयी छात्र थाजो हमेशा हंसी के माहौल में हता था। उसकी हर कर्म के पीछे हंसी का प्रयास छुपा होता था।
एक दिनउसके गाँव में एक आयोजन हुआजिसमें सभी गाँववालों को अच्छे और बुरे आदतों को छोड़कर नोट करना था।
रामू ने भी उसी आयोजन में भाग लिया और अपनी नोट में यह लिखा, "मुझे हमेशा हंसाने की कोशिशकरनी चाहिए।लेकिन उसके नोट की सजा थोड़ा हजम नहीं हुआ।
जब आयोजन के संचालकों ने उसे सजा देने का निर्णय कियातो रामू ने कहा, "मैंने तो सिर्फ मजाक कियाथा।"
उसके इस जवाब ने सभी को हंसी  गई। उस घटना के बाद सेरामू को हंसी और मजाक का मज़ाकउठाने का अधिक अधिक शौक हो गया।
समय बीतता गया और रामू की यही दत उसके लिए उसके अद्भुत बुनिया बन गई। उसकी यही आदतउसे सभी के दिलों में बना दिया।
कुछ समय बादगाँव में एक बड़ा संगठन आयाजो लोगों को अच्छे दतों की प्रोत्साहन के लिए प्रेरितकर रहा था। इस संगठन ने भी रामू को अपने संगठन का हिस्सा बनाने के लिए आमंत्रित किया।
रामू ने उनके आमंत्रण को स्वीका किया और उनके संगठन के कार्यों में भाग लिया। वह अपनी हंसी औरमज़ाक के माध्यम से लोगों को सच्चे आदतों की ओर प्रेरित करता रहा।
धीरे-धीरेउसकी यही आदत लोगों के मनोबल को बढ़ाने में मददगार साबित हुई। लोगों को रामू की हंसीऔर मज़ाक में आत्मविश्वास और सकारात्मकता मिलती थी।
अंत मेंसंगठन के सदस्यों ने स्वीकार किया कि रामू का मज़ाक हंसी और खुशी का स्रोत था। वे उसे पनेसंगठन का महत्वपूर्ण हिस्सा मानने लगे।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि कभी-कभी हमें अपनी हंसी और मज़ाक के माध्यम सेसमस्याओं का सामना करना चाहिए। यह संदेश हमें यह भी दिखाता है कि हंसी और मज़ाक का महत्वहमारे जीवन में कितना है।

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