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Thursday, December 7, 2023

बीच रास्ते से लौटने का कोई फायदा नहीं क्योंकि लौटने पर आपको उतनी ही दूरी तय करनी पड़ेगी जितनी दूरी तय करने पर आप लक्ष्य तक पहुँच सकते है

यह कहानी है एक छोटे से गाँव के एक छोटे से लड़के कीजिसका ना अर्जुन था। अर्जुन गरीब थालेकिनउसमें बड़ा सपना था। उसका सपना था कि वह एक दिन बड़ा आदमी नेगा और अपने परिवार को सुखमयजीवन देगा।

अर्जुन का परिवार उसके सपने का समर्थन नहीं करता था। उन्होंने उसे कहा कि वह इतना बड़ा सपना क्योंदेखता हैऔर उनके पास इसे पूरा करने के लिए कोई संभावना नहीं है। लेकिन अर्जुन किसी भी कठिना कोनकारने का नाम नहीं लेता था

एक दिनअर्जुन को एक सुनहरा मौका मिला। वह सुना कि गाँव के पा एक प्रसिद्ध खेल का प्रतियोगिताहोने वाली हैजिसमें पहला पुरस्कार बहुत बड़ा है। अर्जुन ने तय किया कि वह इस प्रतियोगिता में भाग लेगाऔर पहला पुरस्कार जीतेगा।

अर्जुन ने खुद को प्रशिक्षित कियादिन-रात मेहनत कीऔर खुद को तैयार किया। वह खुद को यह सिखायाकि बीच रास्ते से लौटने का को फायदा नहीं हैक्योंकि लौटने पर आपको उतनी ही दूरी तय करनी पड़ेगीजितनी दूरी तय करने पर आप लक्ष्य तक पहुँच सकते हैं।

प्रतियोगिता का दिन आया और अर्जुन ने अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। उसने खुद को पूरी तरह सेसमर्पित कर दिया और अपने सपने को पूरा करने के लिए सब कुछ दे दिया।

प्रतियोगिता के अंत मेंअर्जुन ने पहला पुरस्कार जीता। उसकी ड़ी मेहनत और समर्पण ने उसे उसके सपनेकी पूर्ति तक पहुँचाया। उसके परिवार के लोग भी आश्चर्यचकि और गर्वित थे कि वहने ने अपने सपने कोपूरा किया।

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि कभी भी हालातों के बहाने अपने पनों को छोड़ने की जगहहमें उन्हें पूराकरने के लिए मेहनत और समर्पण का सामर्थ्य दिखाना चाहिए। में कभी भी उन हालातों का सामना करनाहोता है जो हमारे सपनों को पूरा करने के रास्ते में आते हैंऔर हमें उन्हें पार करना होता है।

अर्जुन की तरह हमें भी यह सिखना चाहिए कि बीच रास्ते से लौटने का कोई फायदा नहीं है। हमें अपने लक्ष्यकी ओर बढ़ना चाहिए और हालातों को अपने साथी बनाना चाहिए कि उनके बहाने में रुकना।  हमारीमेहनत और समर्पण का ही च्चा मापदंड होता हैऔर इसके माध्यम से हम अपने सपनों को पूरा कर सकतेहैं।

जहां प्रश्न नहीं वहां जिज्ञासा नहीं और जहां जिज्ञासा नहीं वहां ज्ञान का उद्गम हो ही नहीं सकता

यह कहानी है एक गाँव के एक छोटे से लड़के की, जिसका नाम अर्जुन था। अर्जुन गरीब परिवार से था, लेकिन उसमें अच्छे सपने और आत्मविश्वास की भावना थी। वह हमेशा से बड़ा आदमी बनने का सपना देखता था।

अर्जुन का परिवार उसके सपनों को समझ नहीं पा रहा था। वे चाहते थे कि अर्जुन सिर्फ अपने पढ़ाई में व्यस्थ रहे और एक अच्छा सरकारी नौकरी पाए, लेकिन अर्जुन के दिल में एक अलग सपना था।

एक दिन, अर्जुन ने अपने गाँव में एक विद्वान के बारे में सुना। यह विद्वान विशेष ज्ञानवान थे और वे गाँव में एक पुस्तकालय चलाते थे। अर्जुन ने उनकी ओर रुख कर देखा और वहां पर उन्होंने विशाल पुस्तकों का संग्रह देखा।

अर्जुन का दिल पुस्तकों की ओर जाता है और वह वहां पुस्तकों के बीच बैठ जाता है। वह पहले पुस्तक में खो जाता है और फिर दूसरी, तीसरी, और बाकी की पुस्तकों में भी।

विद्वान ने देखा कि अर्जुन बड़ी रुचि और उत्साह से पढ़ रहा है और वह उसके पास आया। विद्वान ने अर्जुन के साथ कुछ समय बिताया और उसे बड़े ज्ञानवान बनाने का प्रस्ताव दिया।

अर्जुन ने विद्वान की प्रेरणा से अपनी पढ़ाई में मेहनत करना शुरू किया और वह रोज़ पुस्तकालय जाता था। उसने विभिन्न विषयों में अपनी ज्ञान को विस्तारित किया और उसने अपने विद्यालय के अच्छे अंक प्राप्त किए।

धीरे-धीरे, अर्जुन ने अपनी पढ़ाई को और भी अच्छा बनाया और उसने अपनी ज्ञान की गहराई में बढ़ने का निर्णय लिया। वह अपने ज्ञान को और भी विकसित करने के लिए एक प्रमुख विश्वविद्यालय में प्रवेश पाया और वह वहां पढ़ाई करने गया।

अर्जुन ने वहां पर अपनी पढ़ाई में मेहनत करना शुरू किया और उसने अपने ज्ञान को और भी गहरा किया। वह प्रोफेसर्स के साथ विवाद करते थे, प्रश्न पूछते थे, और नये-नये दिशाओं में सोचते थे।

अंत में, अर्जुन ने अपने जीवन के एक महत्वपूर्ण मार्ग पर कदम रखा और वह एक प्रमुख ज्ञानी बन गए। उन्होंने अपने ज्ञान को समाज के लिए उपयोगी तरीके से इस्तेमाल किया और वह एक प्रमुख शिक्षाविद्या बन गए।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जहां प्रश्न नहीं, वहां जिज्ञासा नहीं - और जहां जिज्ञासा नहीं, वहां ज्ञान का उद्गम हो ही नहीं सकता। हमें हमेशा सवाल करने और जानने की जिज्ञासा रखनी चाहिए, क्योंकि यह ही हमारे जीवन को बढ़ावा देता है और हमें अधिक ज्ञानान्वित बनाता है।

अर्जुन ने अपनी जिज्ञासा को आगे बढ़ाया और उसने ज्ञान की गहराई में जाने का निर्णय लिया, जिससे उसके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ बन गया। इससे हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें हमेशा जिज्ञासा और अध्ययन की भावना बनाए रखनी चाहिए, क्योंकि यह ही हमें अधिक ज्ञान और समृद्धि का मार्ग दिखाता है-- 

Monday, December 4, 2023

जिम्मेदारियों का पहाड़ ही इंसान को मजबूत बनाता है - इससे बढ़कर मोटिवेशन दुनिया में कोई नहीं है

कहानी का प्रमुख पात्र एक युवक नामक अर्जुन था, जो एक छोटे से गांव में रहता था। उसका परिवार गरीब था, लेकिन उसके माता-पिता ने उसे शिक्षा की महत्वपूर्णता को समझाया और उसकी पढ़ाई में सहायक रूप से हमेशा साथ दिया।

अर्जुन का सपना था कि वह अपने गांव का नाम रोशन करेंगे। वह चाहता था कि उसका गांव सशक्त बने, और उसके परिवार के लोग खुशहाली में जीवन बिता सकें।

एक दिन, उसके गांव में एक समस्या आई। गांव के पास का सिलसिला बहने लगा था, और इससे बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। लोग बहुत ही परेशान हुए थे, और उन्हें इस समस्या का समाधान नहीं मिल रहा था।

अर्जुन को इस समस्या का समाधान दिखाई दिया। वह जानता था कि यह समस्या हल हो सकती है, लेकिन उसे इसमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। लेकिन उसका सपना और उसकी जिम्मेदारियाँ उसे इस समस्या का समाधान ढूंढने के लिए मजबूत बना दिया।

अर्जुन ने गांव के लोगों को जोड़कर काम किया। उन्होंने साथ में एक योजना तैयार की और मिलकर काम किया। वह लोग दिन-रात काम किए और नदी को साफ किया। इसके परिणामस्वरूप, गांव की समस्या का समाधान हो गया।

अर्जुन का यह कार्य गांव के लोगों के लिए एक मोटिवेशन बन गया। वह दिखा दिया कि जिम्मेदारियों का पहाड़ ही इंसान को मजबूत बनाता है, और यही कुंजी है सफलता की ओर बढ़ने की।

अर्जुन की कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें अपनी जिम्मेदारियों का पालन करना चाहिए और उन्हें सही तरीके से निभाना चाहिए। जिम्मेदारियाँ हमें न केवल मजबूत बनाती हैं, बल्कि हमारे चरित्र को भी सुधारती हैं और हमें मोटिवेट करती हैं कि हम अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं