Thursday, August 29, 2024

बुराई को अच्छाई ही खत्म कर सकती है

किसी समय की बात हैएक छोटा सा गाँव थाजिसे "आशापुरकहा जाता था। गाँव के लोग साधारणमेहनतीऔर ईमानदार थे।सभी एक-दूसरे का सम्मान करते थे और मिलजुल कर रहते थे। यह गाँव चारों ओर सेहरियाली से घिरा हुआ था और वहाँ की धरती उपजाऊ थी। लेकिन इस गाँव की शांतिको नष्ट करने वाला एक व्यक्ति भी थाजिसका नाम "कालीथा।काली एक दुष्ट औरलालची व्यक्ति था। वह गाँव के भोले-भाले लोगों को डराकरधमकाकरऔरछल-कपट से उनका धन हड़प लेता था। काली का आतंक गाँव में इतना बढ़ चुका थाकि लोग उससे डरकर अपने घरों से बाहर निकलना भी बंद कर चुके थे। सभी लोगउसकी बुराईयों से परेशान थेलेकिन किसी के पास इतनी हिम्मत नहीं थी कि उसकासामना कर सके।एक दिनगाँव के बुजुर्ग मुखिया ने गाँववासियों को बुलाया और उनसेकहा, "काली की बुराई को हमें मिलकर खत्म करना होगा। अगर हम सब मिलकर उसकेखिलाफ खड़े हो जाएँतो वह कुछ नहीं कर पाएगा। लेकिन हमें ध्यान रखना होगा किउसकी बुराई का जवाब बुराई से नहींबल्कि अच्छाई से देना है।"गाँव के लोग सोचनेलगे कि अच्छाई से बुराई को कैसे खत्म किया जा सकता हैतभी गाँव की एक बुजुर्गमहिलाजिसका नाम राधा थाने कहा, "काली एक खोए हुए इंसान की तरह है। उसकेभीतर भी कभी अच्छाई रही होगीलेकिन उसने बुराई का रास्ता चुन लिया। हमें उसेउसकी अच्छाई याद दिलानी होगी और सही रास्ते पर लाना होगा।"राधा की बातों सेसब लोग प्रभावित हुए और उन्होंने मिलकर एक योजना बनाई। अगले दिनगाँव केलोग काली के घर के बाहर इकट्ठे हुए। काली ने जब गाँव के लोगों की भीड़ देखीतोवह डर गया। उसने सोचा कि अब ये लोग उसे मारने आए हैं। लेकिन आश्चर्य की बातयह थी कि लोग उसके खिलाफ हथियार नहींबल्कि फूल और मिठाई लेकर आए थे।गाँव के मुखिया ने काली से कहा, "हम जानते हैं कि तुमने हमारे साथ बहुत बुरा किया हैलेकिन हम तुम्हें माफ करते हैं। हम चाहते हैं कि तुम अपनी बुराईयों को छोड़कर हमारेसाथ मिलकर इस गाँव की भलाई के लिए काम करो।"काली ने हँसते हुए कहा, "तुमलोग मुझे माफ कर रहे होक्या तुम पागल हो गए होमैं तो तुम्हें नुकसान पहुँचानेआया थाऔर तुम मुझे माफ कर रहे हो?"मुखिया ने शांतिपूर्ण ढंग से जवाब दिया, "बुराई का अंत बुराई से नहींअच्छाई से होता है। अगर हम भी तुम्हारी तरह बुराई करतेतो हममें और तुममें क्या फर्क रह जातालेकिन हम जानते हैं कि अच्छाई में इतनीताकत है कि वह किसी भी बुराई को खत्म कर सकती है।"काली को लोगों की बातों सेकुछ समझ नहीं  रहा था। वह हैरान था कि कैसे लोग उसकी बुराईयों के बावजूद उसेमाफ कर रहे थे। तभी राधा ने आगे बढ़कर कहा, "कालीतुम्हारे भीतर भी कहीं  कहींअच्छाई है। तुमने उसे खो दिया हैलेकिन हम तुम्हें उसे फिर से पाने में मददकरेंगे।"काली के दिल में कुछ हलचल हुई। उसे अपने पुराने दिन याद  गएजब वहभी एक साधारण और नेक दिल इंसान था। लेकिन लालच और स्वार्थ ने उसे इस रास्तेपर ला दिया था। उसने सोचा, "क्या सच में मेरे भीतर अच्छाई हो सकती हैक्या मैंसचमुच बदल सकता हूँ?"गाँव के लोग लगातार उसकी मदद करने का प्रस्ताव दे रहे थेऔर उसकी बुराईयों को भूलकर उसे एक नया मौका देने के लिए तैयार थे। काली के मनमें धीरे-धीरे बदलाव आने लगा। उसने सोचा, "ये लोग इतने अच्छे हैंऔर मैं इनके साथइतनी बुराई कर रहा हूँ। क्या मुझे भी इनके जैसे अच्छा बनने की कोशिश नहीं करनीचाहिए?"अगले दिनकाली ने सभी गाँववासियों को बुलाया और उनके सामने अपने सारेपापों का स्वीकार किया। उसने कहा, "मैंने आप सबके साथ बहुत बुरा किया हैलेकिनआप सबने मुझे माफ कर दिया। आप सबकी अच्छाई ने मुझे बदलने का अवसर दियाहै। मैं वादा करता हूँ कि अब मैं हमेशा अच्छाई का रास्ता चुनूँगा और इस गाँव की भलाईके लिए काम करूँगा।"गाँव के लोग काली के इस फैसले से बहुत खुश हुए। उन्होंने उसेगले लगाया और उसे अपने परिवार का हिस्सा बना लिया। काली ने अपनी सारी बुराईयोंको छोड़कर गाँव के लोगों की सेवा में खुद को समर्पित कर दिया। वह अब गाँव कासबसे मेहनती और ईमानदार व्यक्ति बन गया था।कुछ महीनों बादआशापुर गाँव फिरसे अपने पुराने दिनों की तरह खुशहाल और शांतिपूर्ण हो गया। लोग अपने खेतों में कामकरते थेबच्चे खेलते थेऔर चारों ओर खुशहाली का माहौल था। काली अब गाँव केमुखिया का दाहिना हाथ बन चुका था और गाँव के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिकानिभा रहा था।इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि बुराई को खत्म करने का सबसेअच्छा तरीका अच्छाई है। अगर हम किसी बुराई का सामना अच्छाई से करेंतो वहबुराई कभी  कभी हार मानकर अच्छाई में बदल जाती है। अच्छाई में इतनी ताकत होतीहै कि वह किसी भी बुराई को खत्म कर सकती हैचाहे वह कितनी भी बड़ी क्यों  हो।इसलिए हमें हमेशा अच्छाई के रास्ते पर चलना चाहिए और दूसरों को भी उस पर चलनेके लिए प्रेरित करना चाहिए।