Sunday, March 27, 2022

हमेशा सीखते रहिए

एक बार गाँव के दो व्यक्तियों ने शहर जाकर पैसा कमाने का निर्णय लिया। शहर जाकर कुछ दिनों तक इधर-उधर छोटा-मोटा काम कर दोनों ने कुछ पैसे जमा किए और फिर उन पैसो से अपना-अपना व्यवसाय प्रारंभ किया। दोनों का व्यवसाय चल पड़ा। दो साल में ही दोनों ने अच्छी खासी तरक्की कर ली।व्यवसाय को फलता-फूलता देख पहले व्यक्ति ने सोचा कि अब तो मेरा काम चल पड़ा है। अब तो मैं तरक्की की सीढियाँ चलता चला जाऊँगा। लेकिन उसके सोच के विपरीत व्यापारी उतार चढाव के कारण उसे उस साल अत्यधिक घाटा हुआ।अब तक आसमान में उड़ रहा वह व्यक्ति यथार्त के धरातल पर आ गिरा। वह उन कारणों को तलाशने लगा जिसकी बजह से उसका व्यापार घट गया। सबसे पहले उसने उस दूसरे व्यक्ति की व्यापार की स्तिथि के बारे में पता लगाया जिसने उसके साथ ही व्यापार आरंभ किया था। वह यह जानकर हैरान रह गया कि इस उतार चढाव के दौर में भी उसका व्यवसाय मुनाफे में हैं। उसने तुरंत उसके पास जाकर उसका कारण जानने का निर्णय लिया।

अगले ही दिन, वह दूसरे व्यक्ति के पास पहुँचा। दूसरे व्यक्ति ने उसका खूब आदर- सत्कार किया और उसके आने का कारण पूछा। पहला व्यक्ति बोला, “दोस्त, इस वक्त बाजार में मेरे व्यवसाय को बहुत नुकसान हुआ। बहुत घाटा झेलना पड़ा। तुम भी तो इसी व्यवसाय में हो, तुमने ऐसा क्या किया कि इस उतर चढाव के दौर में भी तुमने मुनाफा कमाया?”

यह बात सुनकर दूसरा व्यक्ति बोला, “भाई मैं तो सिर्फ सीखता जा रहा हूँ, अपनी गलती से भी और साथ ही दुसरो के गलती से भी। जो समस्या सामने आती है उसमें से भी सिख लेता हूँ। इसलिए जब दोबारा वैसी समस्या सामने आती है तो उसका सामना अच्छे से कर पाता हूँ और उसके कारन मुझे नुकसान नहीं उठाना पड़ता। बस यह सिखने की प्रगति ही है जो मुझे जीवन में आगे बढाती ही जा रही हैं।”

दूसरे व्यक्ति की बात सुनकर पहले व्यक्ति को अपनी भूल का अहसास हुआ। सफलता की मद में वह अति आत्मविश्वास से भर उठा था और सीखना छोड़ दिया था। वह वहाँ से प्रण करके वापस आया कि वह कभी सीखना बंद नहीं करेगा। उसके बाद उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और तरक्की की सीढ़ियां चढ़ता चला गया।

तो दोस्तों इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि जीवन में कमियाभ होना है तो इसे पाठशाला मान हर पल सीखते रहिए क्यूंकि यहाँ नित्य नया परिवर्तन और नए विकाश होते रहते हैं। यदि हम खुद को सर्वज्ञाता समझने की भूल करेंगे तो जीवन की दौर में पिछड़ जाएंगे क्यूंकि इस दौर में जीतता वही है जो लगातार दौड़ता रहता है और जिसने दौड़ना छोड़ दिया उसकी हार निश्चित है। इसलिए हमेशा सीखते रहिए फिर देखिए कोई बदलाव या उतार चढाव आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकता।

Tuesday, March 22, 2022

आपका कण्ट्रोल

एक बार की बात है एक राजा साहब के पास में बड़ा सुन्दर  विशाल महल था और उस विशाल सी  महल में एक सुंदर सी बगीची थी  उस सुन्दर सी बगीची में एक माली था और अंगूरों की बेल थी माली जो था वो  इस बात से परेशान था

की अंगूरों की बेल पे रोजाना एक चिड़ियाँ आकर के आक्रमण करती थी  और कुछ इस तरीके से वो आक्रमण करती थी जिसे की जो मीठे मीठे अंगूर थे उसे तो खा लेती थी जो अधपके थे  और जो खटे अंगूर थे उसे ज़मीन पर  गिरा देती थी।

  माली इस बात से बड़ा परेशान चल रहा था की इस अंगूरों के बेल को ये चिड़ियाँ एक दिन तबाह कर देगी नस्ट कर देगी उसने बहुत कोसिस की लेकिन उसको कोई उपाय  मिला  नहीं तो वो राजा के पास पंहुचा और कहा

मालिक हुकुम आपही कुछ कीजिये मुझसे कुछ हो नहीं पारहा  है अंगूरों की बेल कभी भी ख़त्म हो सकती है राजाने  कहा माली साहब आप चिंता मत कीजिये आपका काम मैं करूँगा।

  अगले दिन राजा साहब पहुंचे खुद और अंगूरों की बेल के पीछे जाके छुप गए और जैसे ही चिड़ियाँ आई राजा ने फुर्ती दिखाते हु चिड़ियाँ को पाकर लिया। 

जैसे ही चिड़ियाँ को पकड़ा चिड़ियाँ ने राजा के कहा हे राजन मुझे माफ़ करना  मुझे मत मारो मैं  आपको चार ज्ञान की बातें बताउंगी राजा बहुत घुसे में थे राजा ने बोला पहेली बात बताओ चिड़ियाँ ने कहा अपनी हाथ में आए शत्रु को कभी भी जाने न दे

राजा ने कहा दूसरी बात बता चिड़ियाँ ने कहा कभी भी असम्भव बात पर यकीन न करें राजा ने कहा बहुत हो गया डरामा तीसरी बात बताओ  चिड़ियाँ ने कहा बीती बात कर पछतावा न करें

  राजा ने कहा अब चौथी बात बता अब खेल खत्म करता हु बहुत देर से परेशान कर रखा है

चिड़ियाँ ने कहा राजा साहब अपने जिस तरीके से मुझे पाकर रखा है मुझे साँस नहीं आरही आप  मुझे थोड़ी सी ढील देंगें तो शायद मैं  आपको चौथी बात बता पाऊं  राजा ने हलकी सी ढील दी

और  चिड़ियाँ उर कर के डाल पे बैठ गई चिड़ियाँ ने कहा मेरे पेट में दो हिरे हैं ये सुन कर के राजा पश्चाताप करने लगा उदाश हो गया

और राजा की ये शक्ल देख कर के चिड़ियाँ ने ने बोला राजा साहब मैंने जो आपको अभी  चार  ज्ञान की  बात  बताई थी पहली बात बताई थी अपने शत्रु को कभी हाथ में आने के बाद  छोड़ें न

आपने हाथ में आए शत्रु यानि मुझे छोर  दिया दूसरी  बात बताई थी  असबभाव बात पर यकीन  न करें , आपने यकीं कर लिया की मेरे छोटे से पेट में दो हिरे हैं ,

तीसरी बात बताई थी की बीती हुई बात पर पश्चताप न करें आप उदास है आप पश्चाताप कर रहें है जबकि मेरे पेट में हिरे है ही नहीं उसको सोच कर के आप पश्चाताप कर रहें है।

  उस चिड़ियाँ ने राजा को नहीं हम सबको भी बताई हम सब  भी जो बीती चूका होता है उस  पर कई बार पश्चाताप कर रहें होतें हैं हमेशा भूतकाल में  रहतें है और भविस का सोचतें नहीं हैं प्रेजेंट में रहना सुरु की जिए

फ्यूचर की प्लानिंग करना सुरु कीजिये अपने सपनो को फॉलो करना सुरु कीजिये।  जिंदगी में जो हो गया  आपका उसपर कण्ट्रोल नहीं है लेकिन जो होगा उसको आप बदल सकते है। 

Saturday, March 19, 2022

मम्मी पापा की हमेशा कदर करना

एक कहानी है आशीष नाम के आदमी की जिसके शादी हो गयी  थी दो बच्चे भी थे जिसके फैमली में सब कुछ अच्छा चल रहा था उसके घर में कही कोई कमी नहीं थी एक बड़ा सा घर था गाड़ी थी एक लौता संतान था। 

उसके मम्मी पापा बरे शांत  शोभाव के थे नेक दिल इंसान लेकिन  एक दिन  सब कुछ बदल गया आशीष की माँ का देहांत हो गया और एक महीने के बाद ही आशीष ने अपने पिता से लड़ाई करली उसने अपने पापा से बोला  की पापा जी

आपकी वजह से बहुत दिकत हो रही है बहु को जो मेरी बीवी है उसे बड़ी परेशानी होती है दिन भर इसे कल्चरल वैल्यूज फॉलो करनी परती है शारी पेहेन कर के काम करना परता है ये मॉडर्न बना चाहती है

लेकिन बन नहीं पा रही है तो पापा आप से एक रिक्वेस्ट है  आप अपने घर  में जो  निचे गराज है उसमे शिफ्ट हो जाओ।  इस लड़के ने अपने पिता को अपने ही घर में निचे गराज में शिफ्ट कर दिया। 

इसके पापा कुछ नहीं बोले , बिना कुछ बोले चुप चाप अपने सामान  ले कर के गराज में शिफ्ट हो गए 15  दिन के बाद में ये ऑनक्ल जी ऊपर आते है सीडी चढ़ कर के डोर बेल्ल बजाते हैं आशीष बहार निकलता  है

अपने पापा को  देख कर के चउक जाता है इसे लगता है की अब  लड़ाई होने वाली है लेकिन  ऑनक्ल जी लड़ाई नहीं करते बल्कि उनके हाथ में कुछ वाउचर्स होते हैं आशीष को देते है और बोलते है की बीटा ये 10  दिन की फॉरेन ट्रिप के वाउचर्स हैं

मैंने आपके लिए आपकी पत्नी ले लिए आपके फॅमिली के लिए बच्चो के लिए आप के  लिए ले कर के आया हु आपके लिए सरप्राइज है जाओ घूम कर के आओ वैसे भी तुम्हारी मम्मी के जाने के बाद तुम उदाश रहते हो मुझे लगता है

की तुम बारे परेशान रहते हो तुम्हारा मन हल्का हो जाएगा बच्चो को अच्छा लगेगा जाओ घूम कर के आओ   तो 10  दिन के लिए ऑनक्ल जी अपने बच्चों को फॉरेन ट्रिप पे भेज देते हैं और उसके बाद ऑनक्ल जी असली खेल करते हैं 

जिस माकन में आशीष रेह रहा था उस 6  करोड़ क्र माकन को 3  करोड़ में बेच कर के अपने लिए एक छोटा सा घर ले लेते है और आशीष का सारा सामान एक किराए पे माकन लेते  है और शिफ्ट करवा देतें हैं।

आशीष जब 10 दिन के घूम कर के वापस अपने घर आता है तो उसके घर के दरवाजे पे एक बड़ा  सा  ताला लगा होता  है और बाहर एक गार्ड बैठा हुआ होता है तो आशीष बोलता है

ये ताला किसने लगाया मेरे पापा कहा गए तो गार्ड ने बोला क्यों परेशान हो रहे हो मुझे  बोल कर के गए है बात करवा देना तो आशीष बोलता है तुम क्या बात करवाओगे मैं बात करता हु तो कॉल लगता है कॉल नहीं लगता है

तो गार्ड बोलता है साहब ये नंबर नहीं लगेगा साहब मुझे दूसरा नंबर लिखवा कर के गए हैं गार्ड जाता है अंदर अपने केबिन में एक छोटी सी पर्ची पे नंबर होता है कॉल करता है और  आशीष को उसके पिता से बात करवाता है

तो जब आशीष बात करता है तो बोलता है पापा ये क्या तरीका है  यहाँ पे ताला लगा हुआ है ये च्चे कहा खरे होंगे हम बरे परेशान हो रहे हैं तो उसके बाद उसके पिता बोलते है

अच्छा बेटे तुम बस 15 मिनट रुकना मैं आरहा हु 15 मिनट के बाद एक गाड़ी आती है गाड़ी में  से  ऑनक्ल जी उतरते है ऑनक्ल जी जा कर के बोलते है बेटा  ये पकरो चाभी इस माकन में तुम्हारा सरा सामान शिफ्ट करवा दिया है

एक साल का किराया  दे दिया है  अब तुम्हारी पत्नी को जैसे तुम्हे रखना है रखो मुझे परेशान मत करो तो आशीष पूछता है की पापा आप कहा रहेंगे तो ऑनक्ल  जी बोलते है बेटा  मैंने तो अपने लिए एक छोटा घर खरीद लिया है

मैं  उसमे खुश हु आप तुम्हे जैसे रहना रहो।  छोटी सी कहानी बहुत बरी बात सिखाती है लाइफ में पेरेंट्स की हमेसा कदर करना इसे पहल की पेरेंट्स आपकी कदर करना बंद करदे और वैसे भी पेरेंट्स आपका कदर करना कभी भी बंद नहीं करेंगे इस लिए उन्हें कभी  भी  उन्हें दुखी मत करना। 

Friday, March 11, 2022

विजय

 आदमी ने एक गुलाब लगाया और उसे ईमानदारी से पानी पिलाया, और इसके खिलने से पहले, उसने इसकी जांच की। उसने कली को देखा जो जल्द ही खिल जाएगी और कांटे भी। 

और उसने सोचा, “इतने तेज कांटों से भरे पौधे से कोई सुंदर फूल कैसे आ सकता है?” इस विचार से दुखी होकर, उसने गुलाब को पानी देने की उपेक्षा की और खिलने के लिए तैयार होने से पहले ही उसकी मृत्यु हो गई।

तो यह कई लोगों के साथ है। हर आत्मा के भीतर, एक गुलाब है। जन्म के समय हमारे अंदर लगाए गए ईश्वर जैसे गुण हमारे दोषों के कांटों के बीच बढ़ते हैं। 

हम में से कई लोग खुद को देखते हैं और केवल कांटों, दोषों को देखते हैं। हमें निराशा होती है, यह सोचकर कि कुछ भी अच्छा नहीं हो सकता है। हम अपने भीतर के अच्छे पानी की उपेक्षा करते हैं, और आखिरकार, यह मर जाता है। हमें कभी भी अपनी क्षमता का एहसास नहीं होता है।

कुछ लोग अपने भीतर गुलाब नहीं देखते; किसी और को उन्हें दिखाना होगा। सबसे महान उपहारों में से एक जो व्यक्ति के पास है वह कांटों तक पहुंचने और दूसरों के भीतर गुलाब खोजने में सक्षम होना है। 

यह प्यार की विशेषता है, किसी व्यक्ति को देखना, और उसके दोषों को जानना, उसकी आत्मा में बड़प्पन को पहचानना, और उसे यह एहसास दिलाने में मदद करना कि वह अपने दोषों को दूर कर सकता है। यदि हम उसे गुलाब दिखाते हैं, तो वह कांटों पर विजय प्राप्त करेगा।

इस दुनिया में हमारा कर्तव्य है कि हम दूसरों को उनके गुलाब दिखा कर मदद करें न कि उनके कांटे। तभी हम उस प्यार को प्राप्त कर सकते हैं जिसे हमें एक दूसरे के लिए महसूस करना चाहिए; तभी हम अपने बगीचे में खिल सकते हैं।

Monday, March 7, 2022

खुशियां ढूंढिए

ये कहानी है एक ऐसे व्यक्ति की जो ऑफिस में काम किया करता था।  ऑफिस के काम के प्रेस्सेर की वजह से बहुत परेशान रहा करता था की इतना सारा काम है बॉस  की डांट  सुने को मिलती है

वही जो गुस्सा था ऑफिस का घर आकर के  बच्चों पे निकालता  था  बीवी पे निकलता था घर में झगड़ा करता था। उसे लग रहा था की उसकी लाइफ का होना न होना बराबर है।

जब कोई दोस्तों के कॉल आते थे तो कॉल कट कर देता था रिश्तेदारों के आते थे गुस्सा करने लगता था।  एकदिन  ये अपने घर में ऐसे ही बैठा हुआ था

उसका बच्चा इसके पास में आया और आकर के बोला  की पापा मेरी मदद कर दीजिये मुझे होम वर्क करवा दीजिये तो फिर इसने अपने बच्चे को डाट  दिया डाट  कर के भगा दिया की जाओ यहाँ  से मैं होम वर्क करने के लिए बैठा हु यहाँ पे। 

थोड़ी देर के बाद में जब इसका गुस्सा ठंडा हुआ तो इसको लगा की जाकर के एक बार बच्चे की मदद करनी चाहिए उसका होम वर्क करवाना चाहिए तो ये उस बच्चे के कमरे में गया तो देखा बैठा की वो सो चूका था

बच्चे ने होम वर्क की कॉपी उसने अपने  सर पे रखी हुई थी होम वर्क करते  करते ही सो गया था इसने कॉपी उठाया  और इसको लगा की इस कॉपी को निचे रखा देतें है ताकि बच्चा आराम से सो सके लेकिन जैसे ही ये कॉपी निचे रखने वाला था

इसने पढ़ा की इसमें लिखा क्या हुआ है इसको लगा की एक बार पढ़ लेते हैं बच्चा काम क्या कर रहा था ऐसा जिसमे इसको मदद चाहिए थी तो जो होम वर्क था उसका शिरस्क था “

वो काम जो  हमें शुरू में अच्छे नहीं लगते लेकिन   बाद में धीरे धीरे धीरे अच्छे लगने लगतें हैं” इस शिरस्क पे बच्चे को एक निबंध  लिखना  था बच्चे ने एक पेराग्राफ लिख दिता था तो  इसने पढ़ना शुरू किया बच्चे ने सबसे पहले लिखा था

थैंक यू  सो मच   फाइनल एग्जाम  का जो शुरू में हमें बुरे  लगते लेकिन उनकी वजह से बाद में गर्मियों की छुटियाँ  आ जाती हैं, थैंक यू  सो मच  उन बेस्वाद कर्वी लगने  वाली दवाइयों का जो शुरू में तो बिलकुल अच्छी नहीं लगती लेकिन बाद में उनकी वजह से हम सब कोई ठीक हो जातें हैं

फिर उस  बच्चे ने आगे लिखा  थैंक यू  सो मच  उस अलार्म क्लॉक का जो सुबह सुबह हमें जगा  देती है हमें अच्छा नहीं लगता लेकिन उसकी वजह से जब हम जाग जाते तो हमें मालूम चलता है की हम जिन्दा है,

थैंक यू  सो मच  ऊपर वाले का भगवन को उस बच्चे ने धन्यावद कहा की आपकी वजह से मेरे पापा मेरी जिंदगी में आएं , मेरे पापा शुरू में तो मुझे डाटते  है मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगता लेकिन बाद में  मुझे घूमने के लिए ले जातें हैं

अच्छा अच्छा खाना खिलतें हैं खिलोने दिलाते हैं तो ऊपर वाले आपका धन्यवाद की आपने  मेरे पापा को मेरी लाइफ में भेजा क्यों की मेरे एक दोस्त  तो पापा ही नहीं हैं। 

ये जो आखरी की लाइन थी इस लाइन ने इस आदमी को झंझोर दिया  अंदर तक हिला कर के रख दिया ये  नींद से जग गया और इसको लगा की इसकी लाइफ में क्या कुछ है जो ये होते हुए भी  मिस कर रहा है

उस बच्चे के निबंद को कॉपी करते हुए ये बरबराने लगा बोलने लगा हे ऊपर वाले थैंक यू  सो मच आपकी वजह से मेरे पास में घर है कइयों  के पास तो घर भी नहीं क्या हुआ अगर मैं EMI  चूका रहा  हु

तो इसके बाद उसने बोला  थैंक यू  सो मच  ऊपर वाले आपकी वजह से मेरे पास में परिवार है  कइयों  के पास तो परिवार भी नहीं होता वो दुनिया में अकेले होतें हैं

इस आदमी ने बोलाथैंक यू  सो मच ऊपर वाले आपकी वजह से मेरे पास ऑफिस है वर्क है वर्क प्रेशर है  थोड़ा  प्रेशर है मेरे पास में  जॉब तो है कइयों के पास तो जॉब होती ही नहीं हैं, हे ऊपर थैंक यू  सो मच इस लाइफ के  लिए  जो आपने   मुझे दी।  छोटी सी कहानी बहुत बड़ा  पॉजिटिव  का मांत्र देती है जिंदगी में जो मिला है उसमे खुशियां ढूंढिए। 

Saturday, March 5, 2022

एक सबक

 एक युवा, एक छात्र, एक दिन एक प्रोफेसर के साथ सैर कर रहा था, जिसे आमतौर पर छात्रों के दोस्त कहा जाता था, जो उनकी हिदायत पर इंतजार करता था। 

जब वे साथ गए, तो उन्हें रास्ते में पुराने जूतों की एक जोड़ी पड़ी दिखाई दी, जो कि वे एक गरीब व्यक्ति की थीं, जो एक खेत में काम कर रहा था, और जो लगभग अपने दिन का काम पूरा कर चुका था।

छात्र ने प्रोफेसर की ओर मुड़ते हुए कहा: “आइए हम उस आदमी को एक चाल खेलते हैं: हम उसके जूते छिपाएंगे, और खुद को उन झाड़ियों के पीछे छिपाएंगे, और जब वह उन्हें नहीं पा सकता है, तो उसकी ख़ुशी को देखने का इंतज़ार करेगा।”

“मेरे युवा मित्र,” ने प्रोफेसर को जवाब दिया, “हमें अपने आप को गरीबों की कीमत पर कभी भी खुश नहीं करना चाहिए। लेकिन आप अमीर हैं और गरीब आदमी के माध्यम से अपने आप को बहुत अधिक आनंद दे सकते हैं। प्रत्येक जूते में एक सिक्का डालें, और तब हम छिपाएंगे और देखेंगे कि खोज किस तरह उसे प्रभावित करती है। ”

छात्र ने ऐसा किया, और वे दोनों खुद को झाड़ियों के पास रख दिया। गरीब आदमी ने जल्द ही अपना काम खत्म कर दिया और मैदान के उस रास्ते पर आ गया जहाँ उसने अपना कोट और जूते छोड़ दिए थे। 

अपने कोट पर डालते समय उन्होंने अपना एक पैर अपने जूते में खिसकाया; लेकिन कुछ कठिन महसूस करते हुए, वह महसूस करने के लिए रुक गया कि यह क्या है, और सिक्का पाया।

उनके पराक्रम पर विस्मय और आश्चर्य देखा गया। उसने सिक्के पर टकटकी लगाई, उसे घुमाया, और बार-बार देखा। फिर उसने चारों तरफ उसे देखा, लेकिन किसी व्यक्ति को नहीं देखा गया। 

उसने अब पैसे अपनी जेब में डाल लिए और दूसरे जूते पर रखने के लिए आगे बढ़ा, लेकिन दूसरे सिक्के को खोजने पर उसका आश्चर्य दोगुना हो गया। 

उसकी भावनाओं ने उस पर काबू पा लिया; वह अपने घुटनों पर गिर गया, स्वर्ग में देखा और जोर से धन्यवाद दिया, जिसमें उसने अपनी पत्नी, बीमार और असहाय, और बिना रोटी के अपने बच्चों की बात की, जिन्हें समय पर इनाम, किसी अज्ञात हाथ से, नष्ट होने से बचाएगा।

छात्र वहाँ गहराई से प्रभावित हुआ, और उसकी आँखों में आँसू भर आए। “अब,” प्रोफेसर ने कहा, “यदि आप अपनी इच्छित चाल खेले तो क्या आप इससे ज्यादा खुश नहीं हैं?”

युवाओं ने जवाब दिया, “आपने मुझे एक सबक सिखाया है, जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगा। मुझे अब उन शब्दों की सच्चाई महसूस हो रही है, जिन्हें मैंने पहले कभी नहीं समझा था: ‘यह प्राप्त करने की तुलना में अधिक धन्य है।”

Wednesday, March 2, 2022

गलत संगति

ये कहानी है मनीष नाम के लड़के की जो माध्यम वार्गिये परिवार में पैदा हुआ जो 12 क्लास  तक टॉप करता जा रहा था।  कमाल का बच्चा पढ़ने लिखें में सबसे आगे  फॅमिली को उस पर गरब था। 

फॅमिली को लगता था की ये बचा जब बड़ा हो जाएगा तो कुछ कमाल करेगा हम लोगों की जिंदगी बदल  देगा हमारी  फॅमिली में खुशियां आ जाएगी सब कुछ बदल देगा सिर्फ और सिर्फ ये लड़का। 

लेकिन वे लड़का जब 12  क्लास पास कर के कॉलेज में गया तो उसकी लाइफ बदल गयी उसके आस पास  ऐसे दोस्त आ गये जिन्होंने उसे बिगड़ के रखा दिया देर रात तक पार्टी चलने लगी  घर   वालों से झूट बोल कर के पैसा मंगाने लगा। 

घर वालों को समझ   में आ रहा था उन्होंने  एक दिन उसे समझाने  की कोसिस की लेकिन मनीष ने घर वालों को डाट दिया की आप  मुझे ज्ञान मत दीजिये मुझे सब कुछ मालूम है और आपकी ज्ञान से बात नहीं बनेगी आप सांत  रहिये मैं अपनी जिंदगी सही से जी लूंगा। 

घर वालो ने कुछ नहीं बोला।  एक साल के बाद में जब रिजल्ट आया तो मनीष एक सब्जेट में फ़ैल हो गया और जहा ये फ़ैल होने  वाली बात आई वही ये बात इसके ईगो को हर्ट कर गयी की जो लड़का 12  तक टॉप करता आ रहा था

वो कॉलेज में जाते ही फ़ैल कैसे हो सकता है और ये जो फ़ैल होने वाली बात थी इसके मन में इसके दिमाग में इतना घर कर गयी की ये घर में बंद हो गया एक कमरें में रहने लग गया घर वालो से बात करना बंद कर दिया दोस्तों के फ़ोन उठाना बंद कर दिया यहाँ तक की बहार आना जाना बंद कर दिया। 

मनीष धीरे धीरे डिप्रेशन  का सीकर हो रहा था।  उसे लग रहा था की उसकी लाइफ  में यही पे ब्रेक लग जाएगा सब कुछ  ख़त्म हो जाएगा।

मनीष जिस स्कूल में पढ़ता था जहा से 12 पास की थी वहा के  प्रिंसिपल को ये बात जब मालूम चली तो उन्होंने मनीष को अपने से मिलने के लिए बुलाया डिनर पे बुलाया  वो इनविटेशन ये मना  नहीं कर सकता था उसे मानना ही था की नेउता आया था। 

प्रिंसिपल  के पास जाना था तो मनीष पंहुचा साम में और इसने देखा की प्रिंसिपल साहब बगीचे में बैठे हुए थे अंगेठी पे हाथ ताप  रहे थे शर्दी का माहौल था ये भी जा कर के वह बैठ गया सर ने पूछा क्या हल चल है बेटा तो मनीष ने कुछ नहीं बोला 10-15 मिनट  तक उन्दोनो के बिच में बात चित नहीं हुई तो प्रिंसिपल साहब ने सोचा की क्या अलग किया जाए।

उन्होंने अंगेठी में एक एक कोइले का टुकड़ा जल रहा था और धधक के हुए टुकड़े को मिटी में फैक दिया जैसे ही उसे मिटी में फेका थोड़ी देर तो धधका और उसके बाद बुझ गया। 

तब मनीष ने बोला ये आपने  क्या किया जो कोइले का टुकड़ा अग्नि में धधक रहा था हमें गर्मी दे रहा था उसे बहार मिटी में फेक दिया बर्बाद कर दिया,

तो प्रिंसिपल ने कहा की बर्बाद कहा कर दिया कोनसी बरी बात हुई वापस इसको ठीक कर देते हैं। उन्होंने उस कोइले के टुकड़े को उठाया उस मिटी से और वापस से उसे अंगेठी में डाल  दिया वापस से वो  थोड़ी देर बाद  धधकने लगा गर्मी देने लगा तो प्रिंसिपल ने कहा बेटा  कुछ समझ में आया मनीष ने कहा नहीं तो फिर प्रिंसिपल ने कहा बेटे  मैंने   तुम्हे यही समझने के  लिए यहाँ बुला रहा था। 

ये जो कोइले का टुकड़ा  है ये  तुम हो , तुम जब अंगेठी से हबर आए गलत संगति में गए मिटी में गए तो बुझ गए लेकिन वापस से आ कर के जल सकते हो लेकिन शर्त ये है की अब अंगेठी में वापस आना होगा अपनी लाइफस्टाइल बदलनी होगी अपने दोस्त बदलने होंगे बस इतनी सी बात तुम्हे समझाने के लिए यह बुलाना चाहता था मनीष को सारी  बात समझ में आगयी उसकी लाइफ बदल गयी।

Friday, February 25, 2022

अच्छाई बुराई

ये कहानी है एक गरीब लड़के की एक ऐसा लड़का जिसके फैमिली  में ज्यादा पैसा नहीं था वो  स्कूल के बाद में  घर घर जा कर के सामान बेचता था और उस सामान से जो पैसा इसे मिलता था उस पैसे से वो स्कूल की फीस भरता था। 

ये लड़का एक दिन ऐसे ही दोपहर में निकला हुआ था सामान बेचने के लिए घर घर जा रहा था दरबाजा खाट खाटा रहा था।  उसे जोर की भूख भी लग रही थी तो उसने निर्णय लिया  की अब वो जिस भी घर का दरबाजा खाट  खटाएगा उसे पैसे के बदले खाना मांग लेगा। 

ये गया जा कर के दरवाजा  खाट  खटाया।  जब दरवाजा खुला तो अंगदर से एक लड़की निकली लड़की को  देख करके हका बका हो गया तो उसने अचानक से घबरा कर के  एक गिलास पानी मांग लिया,

एक गिलास पानी मिलेगा।  वो लड़की अंदर गयी किचन में जा करके सोचने लगी ये लड़का बड़ा परेशान सा हो रखा है

पसीना आ रहा है सामान लेके ढो रहा है इधर से उधर सामान बेच रहा है मुझे लगत है भूखा होगा तो उस लड़की ने एक गिलास दूध लेके आई और दूध  ला कर के इस लड़के को दे दिया और उस लड़के ने दूध पीलिया धीरे धीरे और सोच रहा था ऊपर वाला अभी है अभी भी  इंसानियत जिन्दा है

उपरवाले का धन्यवाद करनी चाहिए सारी  अच्छी बातें इसके दिमाग में आरही थी की दूसरे की मदद करनी चाहिए।  दूध  पिने के  बाद इस लड़के ने गिलास वापस दिया और बोलै की इसके बदलें में  कितने पैसे दू  तो लड़की ने कहा की पैसे  क्यों दोगे,

मेरी मां हमेसा मुझे कहती है की अगर किसी  की मदद करे तो पैसे नहीं लेनी चाहिए  तो आप कुछ मत दीजिये तो फिर इस लड़ने ने कहा की तो आप कुछ सामान खरीद  लीजिये कुछ लेना है  खरीदना है 

तो लड़की ने कहा की हमें कोई सामान नहीं चाहिए तो फिर इस लड़के ने कहा की तो फिर मैं आपको सिर्फ इतना कहूंगा की दिल से धन्यवाद आपने मेरी मदद की मुझे भूख  लगी थी

अपने भूखे को दूध पीला दिया बहुत बहुत शुक्रिया ऐसा बोल कर के वो वहां  से चल दिया और  गली में जब जा रहा था तो सोच रहा था की इंसानियत अभी जिन्दा है वो लड़की मेरे लिए एक गिलास दूध लेके आ गयी मेरी मदद कर दी ऊपर वाल  मदद करता है।

बहुत सारी अच्छी  अच्छी बाते इसके दिमाग में चल रही थी।  ये बात आयी गयी हो गयी  इस लड़के ने पढ़ाई पूरी की स्कूल की पढ़ाई  पूरी की कॉलेज की पढ़ाई  पूरी की उसके बाद बड़े शहर में बड़ा  डॉक्टर बन गया इधर ये जो लड़की थी जब वो बड़ी हो रही थी तो इसकी फैमिली  की इस्तिथि बदल गयी। 

इस लड़की की तबियत बिगड़ गयी वहा  के लोकल डॉक्टर ने कहा इसे बड़े  शहर में ले जाइये बड़े  डॉक्टर को दिखाइए तो इसे ले जा कर के एक बड़े से हॉस्पिटल में भर्ती कर दिया गया। 

वही हॉस्पिटल जहा  ये लड़का डॉक्टर बन चूका था इस लड़के के  पास में वो केस आया की इस तरीके से एक लड़की सीरियस इस्तिथि में  है 

बीमार है ICU में रखी गयी है इन्होने  उसके बारे में पढ़ा गांव का नाम पढ़ा तो इसे याद आया की ये तो वही लड़की है।  जा कर के देखा तो उसे समझ आया की ये तो वही लड़की है

इसकी तो मदद करनी चाइये इसने और एक्सपर्ट डॉक्टर को बुलाया सारी  जी जान लगादी उसको ठीक करने में.  अंततः उसकी तबियत धीरे धीरे ठीक होने लगी। 

जब वो ठीक  हो  गयी तो डॉक्टर साहब ने इलाज के बाद में जो  बिल जाता है उसे लिफाफे में  एक छोटा सा नोट पेन से लिख कर के उसमे जोर दिया। 

तो ये लिफाफा जब इस लड़की के पास में पहुँचता है जब वो ठीक हो चुकी थी तो इसने देखा की इसके पास में बिल आ चूका है तो ये घबरा गयी क्यों की ये ठीक तो हो चुकी थी

लेकिन इसके फैमिली  की इस्तिथि ऐसी नहीं थी की ये अब बिल भर सके तो ये सोचने लगी की पता नहीं कितने का बिल आया होगा इसने वो लिफाफा खोला उसमे उस इलाज के बारे में सब कुछ लिखा हुआ था और साथ में एक छोटी सी पर्ची चिपका हुआ था

जिसपे पेन से कुछ लिखा हुआ था तो जब उसने ध्यान से उसे पढ़ा तो उस पर लिखा हुआ था की आपने  इलाज का बिल बहुत सालों  पहले एक गिलास दूध से pay कर दिया गया है

डॉक्टर साहब वहा  पहुंचे उसको देख कर के इस लड़की ने भी पहचान लिया और उसने कहा आपका दिल से धन्यवाद।  अपने उस दिन मुझे दिल से धन्यवाद कहा था आज मैंने आपको दिल धन्यवाद। 

ये   छोटी सी कहानी जिंदगी में  बरी बात  सिखाती है अगर आप अच्छा करतें हैं तो जिंदगी में अच्छाई  घूम  कर के अच्छाई  अपने पास जरूर आएगी और अगर आप बुरा करते है तो वो बुराई घूम फिर के आपके पास जरूर आएगी।

Tuesday, February 22, 2022

जीवन की सड़क

एक बार, एक राजा ने अपने राज्य में रहने वाले लोगों के लिए एक महान राजमार्ग का निर्माण किया। इसके पूरा होने के बाद, लेकिन इसे जनता के लिए खोलने से पहले, राजा ने एक प्रतियोगिता का फैसला किया। 

उन्होंने भाग लेने के लिए अपने कई विषयों को आमंत्रित किया। यह चुनौती यह देखने के लिए थी कि राजमार्ग का सबसे अच्छा सफर कौन कर सकता है, और विजेता को सोने का एक बॉक्स प्राप्त करना था।

प्रतियोगिता के दिन, सभी लोग आए। उनमें से कुछ के पास बढ़िया रथ थे, कुछ के पास यात्रा को शानदार यात्रा बनाने के लिए बढ़िया कपड़े और फैंसी भोजन था।

कुछ ने अपने स्टर्डेस्ट जूते पहने और अपने कौशल को दिखाने के लिए अपने पैरों पर राजमार्ग पर भागे। पूरे दिन उन्होंने राजमार्ग पर यात्रा की, और अंत में पहुंचने पर हर एक ने राजा को चट्टानों और मलबे के एक बड़े ढेर के बारे में शिकायत की, जो एक बिंदु पर सड़क को लगभग अवरुद्ध कर दिया गया था, और जो उनके रास्ते में आ गया उनकी यात्रा में बाधा उत्पन्न की।

दिन के अंत में, एक अकेला यात्री युद्ध के दौरान फिनिश लाइन को पार कर राजा के पास चला गया। वह थका हुआ और गंदा था, लेकिन उसने राजा को बहुत सम्मान के साथ संबोधित किया और उसे सोने की एक छोटी सी छाती सौंपी। 

उन्होंने कहा, “मैं चट्टानों और मलबे के ढेर को साफ करने के रास्ते पर रुक गया था जो सड़क को अवरुद्ध कर रहा था। सोने का यह संदूक इसके नीचे था। कृपया इसे इसके सही मालिक को लौटा दें।”

राजा ने जवाब दिया, “आप सही मालिक हैं।”

“अरे नहीं,” यात्री ने कहा, “यह मेरा नहीं है। मैंने कभी भी इस तरह के पैसे को नहीं जाना है।”

“ओह हाँ,” राजा ने कहा, “आपने यह स्वर्ण अर्जित किया है, क्योंकि आपने मेरी प्रतियोगिता जीती है। वह जो सड़क पर सबसे अच्छा यात्रा करता है,

वह वह है जो उन लोगों के लिए सड़क को बेहतर बनाता है जो अनुसरण करेंगे।” जीवन की सड़क यात्रा के रूप में ज्ञान के उन शब्दों को याद रखें!

Sunday, February 20, 2022

खुशियां ढूंढिए

एक ऐसे व्यक्ति की जो ऑफिस में काम किया करता था।  ऑफिस के काम के प्रेस्सेर की वजह से बहुत परेशान रहा करता था की इतना सारा काम है बॉस  की डांट  सुने को मिलती है

वही जो गुस्सा था ऑफिस का घर आकर के  बच्चों पे निकालता  था  बीवी पे निकलता था घर में झगड़ा करता था। उसे लग रहा था की उसकी लाइफ का होना न होना बराबर है।

जब कोई दोस्तों के कॉल आते थे तो कॉल कट कर देता था रिश्तेदारों के आते थे गुस्सा करने लगता था।  एकदिन  ये अपने घर में ऐसे ही बैठा हुआ था

उसका बच्चा इसके पास में आया और आकर के बोला  की पापा मेरी मदद कर दीजिये मुझे होम वर्क करवा दीजिये तो फिर इसने अपने बच्चे को डाट  दिया डाट  कर के भगा दिया की जाओ यहाँ  से मैं होम वर्क करने के लिए बैठा हु यहाँ पे। 

थोड़ी देर के बाद में जब इसका गुस्सा ठंडा हुआ तो इसको लगा की जाकर के एक बार बच्चे की मदद करनी चाहिए उसका होम वर्क करवाना चाहिए तो ये उस बच्चे के कमरे में गया तो देखा बैठा की वो सो चूका था

बच्चे ने होम वर्क की कॉपी उसने अपने  सर पे रखी हुई थी होम वर्क करते  करते ही सो गया था इसने कॉपी उठाया  और इसको लगा की इस कॉपी को निचे रखा देतें है ताकि बच्चा आराम से सो सके लेकिन जैसे ही ये कॉपी निचे रखने वाला था

इसने पढ़ा की इसमें लिखा क्या हुआ है इसको लगा की एक बार पढ़ लेते हैं बच्चा काम क्या कर रहा था ऐसा जिसमे इसको मदद चाहिए थी तो जो होम वर्क था उसका शिरस्क था “

वो काम जो  हमें शुरू में अच्छे नहीं लगते लेकिन   बाद में धीरे धीरे धीरे अच्छे लगने लगतें हैं” इस शिरस्क पे बच्चे को एक निबंध  लिखना  था बच्चे ने एक पेराग्राफ लिख दिता था तो  इसने पढ़ना शुरू किया बच्चे ने सबसे पहले लिखा था

थैंक यू  सो मच   फाइनल एग्जाम  का जो शुरू में हमें बुरे  लगते लेकिन उनकी वजह से बाद में गर्मियों की छुटियाँ  आ जाती हैं, थैंक यू  सो मच  उन बेस्वाद कर्वी लगने  वाली दवाइयों का जो शुरू में तो बिलकुल अच्छी नहीं लगती लेकिन बाद में उनकी वजह से हम सब कोई ठीक हो जातें हैं

फिर उस  बच्चे ने आगे लिखा  थैंक यू  सो मच  उस अलार्म क्लॉक का जो सुबह सुबह हमें जगा  देती है हमें अच्छा नहीं लगता लेकिन उसकी वजह से जब हम जाग जाते तो हमें मालूम चलता है की हम जिन्दा है,

थैंक यू  सो मच  ऊपर वाले का भगवन को उस बच्चे ने धन्यावद कहा की आपकी वजह से मेरे पापा मेरी जिंदगी में आएं , मेरे पापा शुरू में तो मुझे डाटते  है मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगता लेकिन बाद में  मुझे घूमने के लिए ले जातें हैं

अच्छा अच्छा खाना खिलतें हैं खिलोने दिलाते हैं तो ऊपर वाले आपका धन्यवाद की आपने  मेरे पापा को मेरी लाइफ में भेजा क्यों की मेरे एक दोस्त  तो पापा ही नहीं हैं। 

ये जो आखरी की लाइन थी इस लाइन ने इस आदमी को झंझोर दिया  अंदर तक हिला कर के रख दिया ये  नींद से जग गया और इसको लगा की इसकी लाइफ में क्या कुछ है जो ये होते हुए भी  मिस कर रहा है

उस बच्चे के निबंद को कॉपी करते हुए ये बरबराने लगा बोलने लगा हे ऊपर वाले थैंक यू  सो मच आपकी वजह से मेरे पास में घर है कइयों  के पास तो घर भी नहीं क्या हुआ अगर मैं EMI  चूका रहा  हु

तो इसके बाद उसने बोला  थैंक यू  सो मच  ऊपर वाले आपकी वजह से मेरे पास में परिवार है  कइयों  के पास तो परिवार भी नहीं होता वो दुनिया में अकेले होतें हैं

इस आदमी ने बोलाथैंक यू  सो मच ऊपर वाले आपकी वजह से मेरे पास ऑफिस है वर्क है वर्क प्रेशर है  थोड़ा  प्रेशर है मेरे पास में  जॉब तो है कइयों के पास तो जॉब होती ही नहीं हैं, हे ऊपर थैंक यू  सो मच इस लाइफ के  लिए  जो आपने   मुझे दी।  छोटी सी कहानी बहुत बड़ा  पॉजिटिव  का मांत्र देती है जिंदगी में जो मिला है उसमे खुशियां ढूंढिए। 

Sunday, February 13, 2022

वही सिकंदर है

एक बार की बात है एक राज्य में राजा का दरबार लगा था और शर्दियों के दिन थे इसलिए दरबार खुले में धुप में लगा हुआ था सब लोग बैठे हुए थे  दीवान थे मंत्री थे राजा के पंडित थे राजा के परिवार के लोग थे हर कोई बैठा हुआ था।

  राजा साहब के सामने एक मेज रखवा दी गयी थी तभी अचानक से भीड़ में से एक आदमी बहार आता है और कहता है की मुझे राजा साहब से मिलना  है मेरे पास में दो चीजें हैं  जिनकी  मैं परीक्षा लेना चाहता हु राजा साहब तक बात पहुचायी गयी

राजा साहब ने बोला आने दीजिये उस आदमी को दरबार में आने की इजाज़त दी गयी जो की खुले में  लगा हुआ था राजा के सामने में वो व्यक्ति पंहुचा इजाज़त ले कर के राजा साहब ने कहा

बताओ बात क्या है उस इंसान ने कहा मेरे पास में दो चीजें है एक जैसी दिखने वाली  एक जैसे आकर की बिलकुल एक जैसी लेकिन इन मेसे एक हिरा है

और एक कांच है लेकिन मैं कई राज्यों में गया  हु कई राजाओ से मिला हु लेकिन कोई भी ये नहीं बता पाया की कौन सा असली है और कौन सा नकली है आपकी भी परीक्षा लेना चाहता हु और  में जानना चाहतो  हूँ  की आपके दरबार कोई

बुद्धिमान है जो ये बता सके की और अगर आपके राज्य में किसी ने बता दिया तो हिरा आपके राज्य के खजानेमे जमा करवा दूँगा और अगर नहीं बताया तो इस हिरे का जो कीमत है

वो आपको मुझे देनी होगी बस ऐसे ही मैं जीतता चला आ रहा हु राजा साहब  ने कहा ठीक है लाया   जाए  राजा साहब के सामने जो मेज राखी हुई थी उस पर उन दोनों चीजों  

को रखा गया एक एक हिरा था और एक नकली हिरा था।  राजा साहब ने कहा अपने दिवानो से  मंत्रिओं से  सब लोगों से कहा एक एक कर के आइ ये और बताइये कुछ लोगों ने हिमत की और कुछ लोगो ने सोचा की  अगर राजा साहब हर गए तो उल्टा दोष हम पर आ जाएगा तो लोग आगे नहीं आएं। 

राजा साहब को भी समझ में नहीं आ रहा था की यहाँ तो हार उनकी होती जा रही है  तभी भीड़ में से एक अंधे बाबा बहार  निकल कर के आए और उन्हों ने कहा की

मुझे राजा साहब से मिलने दिया जाए मैं एक बार कोशिश करना चाहता हु राजा साहब तक बात पहुँचाई गयी।  की एक अंधे बाबा है वो आना चाहते है

वो भी एक बार कोसिस करना चाहते हैं राजा साहब  ने कहा ठीक है जब कोई  मान नहीं रहा कुछ  हो नहीं रहा है तो इनको भी एक बार मौका दिया जाए वो अंधे बाबा  आगे आए और एक मिनट में उन्हों ने बता दिया की असली हिरा कोन सा है

और नकली हिरा कोन सा है हर कोई चौंक गया हर कोई खुश  हो गया सब बोलने लगें क्या बात है राजा का सम्मान बच गया राजा राज्य में नया  हिरा आ गया

हिरे को तिजोरी में जमा करने की तैयारियाँ होने लगी लेकिन इस सब के बिच में राजा साहब ने पूछा बाबा एक बात तो बताओ अपने पहचना कैसे  बूढ़े बाबा ने कहा बहुत आसान था

हम खुले में बैठें है, धुप में बैठे हैं जो धुप में  गरम हो गया वो कांच  और जो ठंडा रह गया वो हिरा।  इस कहानी से हमें सिखने को मिलता है की जिंदगी में हम छोटी छोटी बातो पर गुसा करते हैं नाराज होतें है.

अपनों से नाराज होते हैं और हमरी से  जिंदगी दोस्त काम होते चले जाते है  अपने काम होते चले जाते है रूठते चले जाते हैं।  जिसने जिंदगी में आपा नहीं खोया , विपरीत परिस्तिथियों में भी  खरा रहा ठंडा रहा वही जीता है वही सिकंदर कैहै लाता है।

Saturday, February 12, 2022

स्वर्ग और नर्क

एक पवित्र व्यक्ति एक दिन प्रभु के साथ वार्तालाप कर रहा था और कहा, ‘भगवान, मैं जानना चाहूंगा कि स्वर्ग और नर्क क्या हैं।

यहोवा ने पवित्र व्यक्ति को दो दरवाजों तक पहुँचाया। उसने दरवाजे में से एक खोला और पवित्र आदमी अंदर देखा। कमरे के बीच में एक बड़ी गोल मेज थी। मेज के बीच में स्टू का एक बड़ा बर्तन था, जिसमें स्वादिष्ट गंध थी और पवित्र आदमी के मुंह का पानी बना था।

मेज के चारों ओर बैठे लोग पतले और बीमार थे। वे अकालग्रस्त दिखाई दिए। वे बहुत लंबे हैंडल वाले चम्मच पकड़ रहे थे जो उनकी बाहों में जकड़े हुए थे और प्रत्येक को स्टू के बर्तन में पहुंचने और एक चम्मच लेने के लिए संभव था। 

लेकिन क्योंकि हैंडल उनकी भुजाओं से अधिक लंबा था, इसलिए वे चम्मचों को अपने मुंह में वापस नहीं ला सके। उनके दुख और पीड़ा को देखकर पवित्र व्यक्ति कांप गया।

प्रभु ने कहा, ‘तुमने नर्क देखा है।’

उन्होंने बगल के कमरे में जाकर दरवाजा खोला। यह पहले वाले के समान ही था।

स्टू के बड़े बर्तन के साथ बड़ी गोल मेज थी जो पवित्र आदमी के मुंह का पानी बनाती थी। लोग एक ही लंबे समय तक चलने वाले चम्मच से लैस थे, लेकिन यहां लोग अच्छी तरह से पोषित थे और हँस रहे थे, बातें कर रहे थे।

पवित्र व्यक्ति ने कहा, ‘मुझे समझ नहीं आया।’

‘यह सरल है,’ प्रभु ने कहा। ‘इसके लिए एक कौशल की आवश्यकता होती है। आप देखें कि उन्होंने एक-दूसरे को खाना खिलाना सीखा है, जबकि लालची केवल अपने बारे में सोचते हैं।

सही तरीका

एक युवा जोड़ा एक नए पड़ोस में चला गया। अगली सुबह जब वे नाश्ता कर रहे थे, तो युवती ने अपने पड़ोसी को वॉश बाहर लटकाते हुए देखा। “वह कपड़े धोने बहुत साफ नहीं है,” उसने कहा। “वह नहीं जानती कि कैसे सही तरीके से धोना है। शायद उसे बेहतर कपड़े धोने वाले साबुन की जरूरत है।”

उसके पति ने देखा लेकिन चुप रहा।

हर बार जब उसका पड़ोसी सूखने के लिए अपने कपड़े धोता था, तो युवती भी यही टिप्पणी करती थी।

लगभग एक महीने बाद, महिला को लाइन पर एक अच्छा साफ धोना देखकर आश्चर्य हुआ और उसने अपने पति से कहा, “देखो, उसने सही तरीके से धोना सीख लिया है। मुझे आश्चर्य है कि उसे यह किसने सिखाया।”

पति ने कहा, “मैं आज सुबह जल्दी उठा और हमारी खिड़कियां साफ कीं।”

 

Wednesday, February 9, 2022

आपका तूफान खत्म हो जाएगा

एक दिन एक युवा महिला अपने पिता के साथ गाड़ी चला रही थी।

वे एक तूफान में आए, और युवती ने अपने पिता से पूछा, मुझे क्या करना चाहिए? “

उसने कहा, “गाड़ी चलाते रहो”। कारों को साइड में खींचना शुरू हो गया, तूफान खराब हो रहा था।

“मुझे क्या करना चाहिए?” युवती ने पूछा? “गाड़ी चलाते रहो,” उसके पिता ने उत्तर दिया।

कुछ फुट ऊपर, उसने देखा कि अठारह पहिए भी खींच रहे थे। उसने अपने पिता से कहा, “मुझे ऊपर खींचना चाहिए, मैं मुश्किल से आगे देख सकती हूं। यह भयानक है, और हर कोई खींच रहा है!”

उसके पिता ने उससे कहा, “हार मत मानो, बस गाड़ी चलाते रहो!”

अब तूफान बहुत भयानक था, लेकिन उसने कभी भी गाड़ी चलाना बंद नहीं किया, और जल्द ही वह थोड़ा और स्पष्ट रूप से देख सकती थी। एक-दो मील के बाद, वह फिर से सूखी जमीन पर थी, और सूरज निकल आया था।

उसके पिता ने कहा, “अब आप ऊपर खींच सकते हैं और बाहर निकल सकते हैं।”

उसने कहा, “लेकिन अब क्यों?”

उन्होंने कहा “जब आप बाहर निकलते हैं, तो उन सभी लोगों को पीछे देखें जो अभी भी तूफान में हैं और अभी भी तूफान में हैं, क्योंकि आपने कभी भी अपना तूफान नहीं छोड़ा है।

यह किसी के लिए भी एक गवाही है जो “कठिन समय” से गुजर रहा है।

सिर्फ इसलिए कि हर कोई, यहां तक ​​कि सबसे मजबूत, भी हार मान लेता है। आपके पास नहीं है … यदि आप चलते रहेंगे, तो जल्द ही आपका तूफान खत्म हो जाएगा और सूरज आपके चेहरे पर फिर से चमक उठेगा

दृढ़ संकल्प

गुरु तेगबहादुरजी भक्ति और शक्ति के उपासक थे। उन्होंने 1675 में धर्म की रक्षा के लिए दिल्ली में बलिदान देकर यह सिद्ध किया कि एक धर्मगुरु और कवि – साहित्यकार समय आने पर धर्म की रक्षा के लिए सिर भी कटा सकता है।

बलिदान देने से पूर्व अनेक वर्षों तक गुरु तेगबहादुरजी ने देश का भ्रमण कर असंख्य लोगों को सदाचार का उपदेश दिया। पंजाब के अनेक कसबों व गाँवों में पीने के पानी का अभाव दूर करने के लिए उन्होंने श्रमदान कर तालाब बनवाए, कुएँ खुदवाए।

एक बार गुरु महाराज तलवंडी से भठिंडा होते हुए सुलसट पहुँचे। उनके पास एक सुंदर घोड़ा था । चार चोर उस घोड़े को चुराने के लिए युक्ति करने लगे। 

गुरुजी उनका मंतव्य जान गए। उन्होंने कहा, ‘यदि घोड़े पर नीयत है, तो चोरी क्यों करते हो ! मुझसे माँगकर ले जाओ। उनकी प्रेममय वाणी सुनकर चोरों को इतनी आत्मग्लानि हुई कि दो ने पश्चात्ताप के रूप में तत्काल आत्महत्या कर ली।

गुरुजी ने अगले पड़ाव में भक्तजनों के बीच प्रवचन देते हुए कहा कि पाप के प्रायश्चित्त का साधन आत्महत्या नहीं है। व्यक्ति ईश्वर का नाम सुमिरन करके हर तरह के पाप से मुक्त हो सकता है। 

उन्होंने कहा, ‘शर्त यही है कि भविष्य में पाप न करने का दृढ़ संकल्प ले लिया जाए। लोभ, लालच व हिंसा की भावना त्याग देने वाले का हृदय स्वतः निर्मल बन जाता है।’ उनके सदुपदेशों से लाखों व्यक्तियों ने दुर्गुण त्यागकर अपना कल्याण किया ।

Tuesday, February 8, 2022

खुदा के गुलाम

  इब्राहिम बल्ख के बादशाह थे। सांसारिक विषय- भोगों से ऊबकर वे फकीरों का सत्संग करने लगे। बियाबान जंगल में बैठकर उन्होंने साधना की । एक दिन उन्हें किसी फरिश्ते की आवाज सुनाई दी, ‘मौत आकर तुझे झकझोरे, इससे पहले ही जाग जा । 

अपने को जान ले कि तू कौन है और इस संसार में क्यों आया है। ‘ यह आवाज सुनते ही संत इब्राहिम की आँखों से अश्रुधारा बहने लगी। उन्हें लगा कि बादशाहत के दौरान अपने को बड़ा मानकर उन्होंने बहुत गुनाह किया है। वे ईश्वर से उन गुनाहों की माफी माँगने लगे।

एक दिन वे राजपाट त्यागकर चल दिए । निशापुर की गुफा में एकांत साधना कर उन्होंने काम, क्रोध, लोभ आदि आंतरिक दुश्मनों पर विजय पाई। वे हज यात्रा पर भी गए और मक्का में भी पहुँचे हुए फकीरों का सत्संग करते रहे।

एक दिन वे किसी नगर में जा रहे थे कि चौकीदार ने पूछा, ‘तू कौन है?’ उन्होंने जवाब दिया, ‘गुलाम । ‘ उस चौकीदार ने फिर पूछा, ‘तू कहाँ रहता है, तो इस बार जवाब मिला, ‘कब्रिस्तान में ।’ 

सिपाही ने उन्हें मसखरा समझकर कोड़े लगा दिए, पर जैसे ही उसे पता चला कि वे पहुँचे हुए संत इब्राहिम हैं, तो वह उनके पैरों में गिरकर क्षमा माँगने लगा। संत ने कहा, ‘इसमें आखिर क्षमा माँगने की क्या बात है? तूने ऐसे शरीर को कोड़े लगाए हैं, जिसने बहुत वर्षों तक गुनाह किए हैं। ‘

कुछ क्षण रुककर उन्होंने कहा, ‘सारे मनुष्य खुदा के गुलाम हैं और गुलामों का अंतिम घर तो कब्रिस्तान ही होता है।’

Saturday, February 5, 2022

हमारे जीवन के विकल्प

लगातार आठ दिनों तक एंजेल के साथ जागने का लगभग हर मिनट बिताने के बाद, मुझे पता था कि मुझे उसे सिर्फ एक बात बतानी है। तो देर रात, उसके सोने से ठीक पहले, मैंने उसके कान में फुसफुसाया। वह मुस्कुराई - उस तरह की मुस्कान जो मुझे वापस मुस्कुरा देती है - और उसने कहा, 'जब मैं पचहत्तर साल की हो जाती हूं और मैं अपने जीवन के बारे में सोचती हूं और युवा होना कैसा होता है, तो मुझे उम्मीद है कि मैं इस पल को याद कर सकती हूं। '
कुछ सेकंड बाद उसने अपनी आँखें बंद कर लीं और सो गई। कमरा शांत था - लगभग खामोश। मैं केवल सुन सकता था उसकी सांसों की नरम गड़गड़ाहट। मैं उस समय के बारे में सोचकर जागता रहा जब हमने एक साथ बिताया और हमारे जीवन के सभी विकल्पों ने इस क्षण को संभव बनाया। और कुछ बिंदु पर, मुझे एहसास हुआ कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमने क्या किया है या हम कहाँ गए हैं। न ही भविष्य का कोई महत्व था।

जो कुछ भी मायने रखता था वह था पल की शांति।

बस उसके साथ रहना और उसके साथ सांस लेना

Wednesday, January 26, 2022

मेरी आँख

एक बार एक अंधी औरत थी जो खुद से पूरी तरह नफरत करती थी क्योंकि वह देख नहीं सकती थी। वह एकमात्र व्यक्ति जिसे वह प्यार करती थी वह उसका प्रेमी था, क्योंकि वह हमेशा उसके लिए था। उसने कहा कि अगर वह केवल दुनिया देख सकती है, तो वह उससे शादी करेगी।
एक दिन, किसी ने उसे एक जोड़ी आंखें दान कर दीं - अब वह अपने प्रेमी सहित सब कुछ देख सकती थी। उसके प्रेमी प्रेमी ने उससे पूछा, 'अब जब कि तुम दुनिया देख सकती हो, तो क्या तुम मुझसे शादी करोगी?'
जब महिला ने देखा कि उसका प्रेमी भी अंधा है तो महिला चौंक गई और उसने उससे शादी करने से इनकार कर दिया। उसका प्रेमी आंसुओं के साथ चला गया, और उसे यह कहते हुए एक छोटा नोट लिखा: 'बस मेरी आँखों का ख्याल रखना, प्रिय


Thursday, November 25, 2021

नसीब से मिले वो है दोस्त

खुशी एक ऐसा एहसास है जिसकी हर किसी को  तलाश है,
     गम एक ऐसा अनुभव है जो सबके पास है,
        मगर  ज़िन्दगी तो वही जीता है जिसको खुद पर विश्वास है,,,!!!

जब मिलो किसी से तो जरा दूर का  रिश्ता रखना, 
      बहुत  तड़पाते हैं अक्सर  सीने से लगने वाले,,,!!!
लोगों के पास बहुत कुछ है मगर  मुश्किल यही है कि,
      भरोसे पे  शक है और अपने शक पर भरोसा है,,,!!!
किसी के अन्दर ज्यादा डूबोगे तो  टूटना  पड़ेगा, 
      यकीन न हो तो  बिस्कुट से पूछ लेना,,,!!!
खिलौना से शुरु होकर तू कब खिलौना बन गई ए  ज़िन्दगी
        पता ही नहीं चला!!!

एक औरत की सबसे बड़ी  ताकत उसका पति होता है,
       और उसकी सबसे बड़ी  कमजोरी उसकी  बिगड़ी हुई औलाद होती है,,,!!!

एक व्यक्ति ने फकीर से पूछा कि उत्सव मनाने का  बेहतरीन दिन कौन सा है,
       फकीर ने  प्यार से कहा कि मौत से एक दिन पहले,
        व्यकि ने कहा  मौत का तो कोई  वक्त नहीं,
         फकीर ने  मुस्कुराते हुए कहा तो  ज़िन्दगी का हर दिन  आखिरी समझो,,,!!!
जेब में जरा सा में छेद क्या हो गया ,,?
       सिक्के से ज्यादा तो  रिश्ते गिर गए,,,!!!
जो  आसानी से मिले वो है धोखा, 
     जो  मुश्किल से मिले वो है  इज्जत
      जो  दिल से मिले वो है  प्यार
      और जो नसीब से मिले वो है  दोस्त,,,!!!
पहले होती थी  बातें-ढेर  सारी अब तो कैसे हो से  शुरू  होकर ,
       ठीक हूँ पर *खत्म* हो जाती है,,,!!!

Monday, November 15, 2021

सच्चाई आपको चौंका सकती है

 ट्रेन की खिड़की से बाहर देख एक 24 साल का लड़का चिल्लाया...

'पिताजी, देखो पेड़ पीछे जा रहे हैं!'
पिताजी मुस्कुराए और पास बैठे एक युवा जोड़े ने 24 साल के बच्चे के बचपन के व्यवहार को दया से देखा, अचानक वह फिर से चिल्लाया ...
'पिताजी, देखो बादल हमारे साथ दौड़ रहे हैं!'
दंपति विरोध नहीं कर सके और बूढ़े व्यक्ति से कहा ...
'आप अपने बेटे को अच्छे डॉक्टर के पास क्यों नहीं ले जाते?'
बुढ़िया मुस्कुराई और बोली... 'मैंने किया और हम अभी अस्पताल से आ रहे हैं, मेरा बेटा जन्म से अंधा था, आज ही उसकी आंख लग गई।'
ग्रह पर हर एक व्यक्ति की एक कहानी है। लोगों को सही मायने में जानने से पहले उन्हें जज न करें। सच्चाई आपको चौंका सकती है।"