Friday, April 1, 2016
भावना की हवाएे
दो मित्र रेगिस्तान में यात्रा कर रहे थे | सफ़र में किसी मुकाम पर उनका किसी बात पर विवाद हो गया | बात इतनी बढ़ गयी की एक मित्र ने दुसरे मित्र को थप्पड़ मार दिया | थप्पड़ खाने वाले मित्र को बहुत- बुरा लगा, लेकिन बिना कुछ कहे उनसे रेट में लेख, ‘आज मेरे घनिष्ट मित्र ने मुझे थप्पड़ मारा’ वे चलते रहे और एक नखलिस्तान (मरूस्थल के बीच हरित भूमि ) में आ पहुचे,जहां उन्होंने नहाने का फैसला किया | जिस व्यक्ति ने थप्पड़ खया था,नखलिस्तान ने नहाते-नहाते अचानक उसका पैर फिसला गया | वह दलदल से जितना बाहर निकलने की कोशिश करता, उतना ही उस दलदल में समाता जाता |
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