Thursday, October 8, 2015

कठिन परिश्रम या Smart Work

दो दोस्त काफी समय बाद अचानक सडक पर टकरा गऐ जैसे ही दौनौ की नजर एक दूसरे पर गई तो उनकी खुशी का ठिकाना ऩा रहा और जब दौनौ एक स्थान पर बैठ कर पुरानी यादै ताजा कर रहे थे तभी एक दोस्त ने दूसरे दोस्त से  कहा यार में अपनी नौकरी से अत्याधिक परेशान हूँ  जितनी भी कोशिश कर लू लेकिन अपने काम से अपने boss  को खुश नही कर पाता जिसके चलते ना मुझे कभी  सही Increment  मिलता और ना ही boss का सहयोग जबकि एक दूसरा कलीग है सदैव boss उससे खुश भी रहता और सहयोग भी करता है और समय समय पर Increment भी लेता रहता और जबकि उसकी तुलना में मे सदैव काम भी अधिक करता हूँ office में समय भी अधिक देता हूँ office के काम को अपने सभी कार्यो से अधिक महत्व भी देता हूँ  और वो इसमें से कुछ भी नही करत हमेशा office late आता है कभी काम पर ध्यान नही देता office  में भी कुछ काम नही करता दोस्त की सारी बात सुन्ने के बाद उसने अपने मित्र को एक कहानी सुनाने का आग्रह किया
एक बार की बात है जब भगवन गणेश और भगवान कार्तिके में शर्त लगी कि हम दौनो में से जो सारे संसार के सात चक्कर सबसे पहले पूर्ण करता वही विजेता कहलाऐगा तभी समय को खराब न करके कार्तिके अपनी से शर्त पूर्ण करने निकल पढे जैसे ही उन्होने पीछे देखा तो भगवान गणेश वही के वही खढे थे ये देख वो अत्यधिक प्रसंचित हुऐ और सोचने लगे कि अब विजय उनकी होगी तभी गणेश भगवान जी ने अपनी सवारी सवार हुऐ और उन्होने अपने माता पिता के 7 चक्कर शीघ्र ही पूर्ण करके अपने स्थान पर पहुच गये और जब कर्तिके भगवान वापस आऐ तो उन्होने गणेश भगवान की विजय को नही माना जब पिता भगवान शिव और माता पर्वती ये बताने पर कि सम्पूर्ण संसार के बराबर ही माता पिता का स्थान होता है दौनौ की परिक्रमा महत्व भी समान है जिसके चलते गणेश की विजय  हुई है
मेरे मित्र आज का समय भी वैसा ही है आज कठिन परिश्रम की स्थान पर smart work की अधिक आवश्कता है और तुम कठिन परिश्रम करते और तुम्हारा कलीग smart work करता है अब तुम ही बतऔ कि कौन अच्छा है और किसको आगे होना चाहिऐ

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